दानदाता ने अपनी और से लगवाई थी पीतल पर सोने की परत बाली प्लेट
झूठी अफवाह फैलाने बालों और होगी कार्यवाही
राष्ट्र वैभव पड़ताल
पिछले दिनों से केदारनाथ मंदिर में कराए गए सोने की परत को पीतल बनने की अफवाह सोशल मीडिया पर तेजी से फैली है और सरकार को घेरने के प्रयास में लोग लगातार इसे प्रसारित की कर रहे हैं। ऐसे में बीकेटीसी यानि बद्रीनाथ केदारनाथ ट्रस्ट कमेटी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दावों का खंडन करते हुए कि कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की सोने की परत पीतल की है और अफवाह को लेकर बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने इसे साजिश करार दिया। बीकेटीसी के बयान के मुताबिक, दानकर्ता ने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने की इच्छा जताई थी। दानदाता की भावनाओं का सम्मान करते हुए प्रस्ताव का परीक्षण कर अनुमति प्रदान की गई।
बीकेटीसी ने स्पष्ट किया है कि बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अधिनियम-1939 में निर्धारित प्रावधानों के अनुसार दानदाताओं से चंदा स्वीकार किया गया है और केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को सोने की परत चढ़ाने की राज्य सरकार से अनुमति ली गई है. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के विशेषज्ञों की देखरेख में सोना चढ़ाया गया था। बीकेटीसी ने यह भी स्पष्ट किया है कि गर्भगृह को गोल्ड प्लेटेड बनाने का काम स्वयं दानकर्ता ने किया है. दानकर्ता द्वारा अपने स्तर पर जौहरियों से ताम्रपत्र तैयार कराया गया और फिर उन पर सोना चढ़ाया गया और दानकर्ता ने ही अपने जौहरियों के माध्यम से ये थाल मंदिर में लगवाए। इसके अलावा बद्रीनाथ मंदिर के गर्भगृह को भी उसी दानदाता द्वारा वर्ष 2005 में सोने से जड़वाया था और सोना खरीदने से लेकर दीवारों पर लगवाने तक का सारा काम दानकर्ता का ही होता था। इसमें मंदिर समिति की कोई सीधी भूमिका नहीं थी।
आधिकारिक बिल और बाउचर उपलब्ध
बीकेटीसी के बयान में कहा गया है कि इसका मतलब है कि सारा काम दानदाता द्वारा किया गया था। बयान के अनुसार, काम पूरा होने के बाद दाता द्वारा अपने सुनार के माध्यम से गर्भगृह में स्थापित सोने और तांबे की प्लेटों के आधिकारिक बिल और वाउचर बीकेटीसी को दिए गए थे। इसे बीकेटीसी द्वारा नियमानुसार स्टॉक बुक में दर्ज किया गया है।
अफवाह साजिश के तहत
बयान में कहा गया है कि डोनर या किसी फर्म द्वारा डोनेशन के तौर पर किए गए इस काम के लिए बीकेटीसी के सामने कोई शर्त नहीं रखी गई और न ही डोनर ने बीकेटीसी से इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 जी के तहत सर्टिफिकेट मांगा , लेकिन वर्तमान में सोची समझी साजिश के तहत द्वेषपूर्ण आरोप लगाए जा रहे हैं। सर्वविदित है कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में सुव्यवस्थित यात्रा संचालन के कारण यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है।
14 करोड़ का है सोना
बीकेटीसी ने स्पष्ट किया कि केदारनाथ गर्भ गृह में 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया है, जिसका वर्तमान मूल्य 14.38 करोड़ है. स्वर्ण जड़ित कार्य के लिए प्रयुक्त कॉपर की प्लेटों का कुल वजन 1,001.300 किलोग्राम है, जिसकी कीमत 29 लाख रुपये है। लेकिन सोशल मीडिया पर लोग उक्त सोने को 1 अरब 15 करोड़ तक बता रहे है।ऐसे में उक्त भ्रामक जानकारी फैलाने पर नियमानुसार विधिक कार्रवाई भी की जा रही है.