बस संचालकों का 1 करोड़ 10 लाख से ज्यादा का भुगतान करना भूल गया प्रशासन

विभिन्न विभागों के आयोजनों के लिए बसों को लेते है किराए पर

दमोह। शासन द्वारा प्रदेश भर में विभिन्न विभागों के होने बाले आयोजनों में स्थानीय लोगों को लाने, ले जाने में स्थानीय बस संचालकों से बसों का अधिग्रहण किया जाता है, ऐसेेमें कई विभागीय आयोजनों के लिए बस संचालकों से बसें तो ले ली जाती है, लेकिन फिर उसका भुगतान करना संबंधित विभाग और प्रशासन भूल जाता है। वर्षों से अपने भुगतान के लिए परेशान हो रहे बस चालकों द्वारा लगातार मांग किए जाने के बाद भी जब स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो बस ऑपरेटर्स यूनियन ने प्रशासन को एक पत्र सौंपकर अपने लंबित भुगतान की मांग की है और ऐसा ना होने पर भविष्य में बस अधिग्रहण को लेकर कठोर निर्णय लिए जाने की बात कही है। हालाकि बस ऑपरेटर्स यूनियन के साथ हुई बैठक में प्रशासन द्वारा बस ऑपरेटर्स को उनके भुगतान को जल्द कराए जाने का आश्वासन दिया है

एक करोड़ से भी ज्यादा हो गया बकाया

संचालकों की यदि माने तो प्रशासन द्वारा उनकी अधिग्रहित बसों का वर्ष २०१६ यानि करीब ७ वर्ष पूर्व का किराया भुगतान अभी बाकी है। इसके बाद भी प्रत्येक वर्ष किसी ना किसी आयोजन का भुगतान लंबित होता गया और वर्ष २०२३ तक कुल १९ आयोजनों के लिए अधिग्रहित की गई बसों का भुगतान रोका गया है। इस सभी भुगतान की राशि देखें तो यह अभी तक १ करोड़ १० लाख ७३ हजार रुपए हो चुकी है। बस संचालकों द्वारा इस किराए की मांग के लिए कई बार पत्राचार भी किया गया और जनसुनवाई में भी इस मुद्दे को रखा गया, लेकिन इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके बाद अब बस संचालकों ने इन मुद्दों को वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष एक बार फिर से उठाया है।

19 आयोजनों का किराया बकाया

संचालकों द्वारा जिस किराए की मांग की जा रही है उसमें सबसे ज्यादा बकाया किराया ३२ लाख रुपए वर्ष २०१६ का किसान कल्याण दमोह का है जिसमें दमोह से शेरपुर भोपाल के लिए बसों का अधिग्रहण किया गया था। इसके अलावा वर्ष २०२३ में जिला पंचायत दमोह द्वारा दमोह से रीवा के लिए की गई बसों के अधिग्रहण का १२ लाख ७० हजार रुपए शामिल है। इसके आलावा वर्ष २०१७ का कृषि कल्याण विभाग सागर का ३ लाख ६५ हजार, सामाजिक न्याय विभाग दमोह का पथरिया के लिए २ लाख १७ हजार, वर्ष २०१८ में किसान कल्याण दमोह का हटा के लिए १ लाख २५ हजार रुपए, किसान कल्याण एवं कृषि विभाग दमोह का भोपाल के लिए ५ लाख १७ हजार रुपए, श्रम विभाग से जबलपुर के लिए ६ लाख १३ हजार रुपए, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का सागर के लिए २ लाख ८७ हजार, सिंचाई विभाग दमोह का खुरई के लिए ४ लाख, वर्ष २०१९ में कृषि कल्याण विभाग का पथरिया के लिए १ लाख १७ हजार, वर्ष २०२२ में जन जातीय कार्य विभाग दमोह का अनूपपुर और शहडोल के लिए १० लाख ५ हजार, जिला पंचायत दमोह का भोपाल के लिए २ लाख ६५ हजार व वर्ष २०२३ में जन अभियान परिषद का भोपाल के लिए २ लाख व ३ लाख १७ हजार, पशु पालन व डेयरी विभाग का भोपाल के लिए १ लाख ४५ हजार रुपए, जल निगम दमोह का सागर के लिए ४ लाख ५० हजार, महिला एवं बाल विकास का छतरपुर के लिए ६ लाख २५ हजार, सीएमएचओ का शहडोल के लिए ६ लाख २५ हजार रुपए बकाया है।

बस संचालकों के साथ बैठक कर जानकारी ली है। उनके भुगतान संबंधी मांग को टीएल बैठक में रखकर जल्द निराकरण किया जाएगा।

नाथूराम गौढ़,
एडीएम दमोह

बस संचालकों ने यूनियन के माध्यम से पत्र सौंपा है जिसमें बकाया किराए की मांग की गई है। यदि उचित परिणाम नहीं मिलता तो यूनियन इस संबंध में बैठक कर निर्णय लेगी।

शमीम कुरैशी, सचिव
बस ऑपरेटर्स यूनियन दमोह।

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