जेल प्रहरी के आरोप- जिला जेल में संचालित हो रही अवैध और अनैतिक गतिविधियां

आरोपों को लेकर जिला जेल प्राधिकरण को सौंपी शिकायत

पथरिया विधायक के देवर का नाम भी आरोपों में, जेल प्रबंधन और पथरिया विधायक ने नकारा

दमोह। कई मामलों में चर्चा में बने रहने बाला जिला जेल एक बार फिर चर्चाओं में है और इस बार जिला जेल में अनैतिक व अवैध कार्य किए जाने के आरोप है और जो आरोप सामने आए है वह जेल कर्मचारी द्वारा ही लगाए गए है। ऐसे में मामला तूल पकड़ता दिख रहा है, लेकिन फिलहाल आरोपों के घेरे में आए जेल प्रबंधन और पथरिया विधायक द्वारा आरोपों को सिरे से नकार दिया है और मामले से जुड़ी एक शिकायत विधिक सेवा प्राधिकरण को भी की गई है जिसके बाद उक्त स्तर पर आगामी कार्यवाही का इंतजार है।

दरअसल जिला जेल में वर्तमान में अटैचमेंट में पदस्थ एक जेल प्रहरी रामकुमार पुत्र जयराम शाक्य ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव को एक शिकायती आवेदन शपथ पत्र के साथ सौंपते हुए यह आरोप लगाए है कि जेल में बंद कैदियों द्वारा अनाधिकृत तौर पर जेल नियमावली के विपरीत आचरण किया जा रहा है और इसमें जेल प्रहरियों को भी पूरा सहयोग रहता है। मामले में की गई शिकायत में बताया गया है कि जेल में अनैतिक व संदिग्ध गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है और जेल के मुख्य प्रहरी प्रीतम, प्रहरी रजनी प्रजापति, आशीष तिवारी, पुष्पेंद्र चौहान सहित पथरिया विधायक रामबाई परिहार के जेल में बंद देवर चंदू उर्फ कौशलेन्द्र सिंह पर सांठगांठ कर जेल में मादक पदार्थ उपलब्ध कराने सहित वैश्यावृत्ति जैसे गंभीर आरोप तक उक्त शिकायत में उल्लेखित किए गए है।

जेल बंदियों से मासिक भुगतान!

वहीं अन्य आरोपों में यह भी उल्लेखित है कि जेल में होने वाली नियुक्तियों पर भी खासा प्रभाव वहां बंद प्रभावशाली बंदियों का होता है जिनके अनुसार ही यहां अटैचमेंट होता है और उनके संरक्षण में ही ऐसी गतिविधियां संचालित होती है और साथ ही साथ जेल में बंद कैदियों के परिजनों से ८० हजार से १ लाख तक की राशि ली जाती है और सभी अनैतिक कार्यों के दौरान वहां लगे सीसीटीवी कैमरे भी बंद कर दिए जाते है जिससे यह रिकॉर्ड ना हो सके और इस दौरान जेल प्रहरियों द्वारा बंदियों को मोबाईल सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध करा दी जाती है और यदि कोई उक्त बातों को विरोध करता है तो उसका स्थानांतरण अन्य स्थानों पर कर दिया जाता है।

जेल प्रबंधन ने शिकायतकर्ता पर ही उठाया प्रश्न

इन गंभीर आरोपों के बाद जेल प्रबंधन की भी सफाई सामने आई और उप जेल अधीक्षक सीएल प्रजापति ने आरोपों को ना सिर्फ पूरी तरह खारिज किया है, बल्कि शिकायतकर्ता पर भी प्रश्न उठाए है। जेलर का कहना है कि शिकायतकर्ता खुद विवादित है और उसके विरुद्ध एक विभागीय जांच भी लंबित है और उसका बंदियों से पैसा लेने का वीडियो वायरल होने के बाद वह निलंबित है और इसके अलावा उस पर दो आपराधिक प्रकरण थे जिसमें एक की जांच लंबित है। उसकी पोस्टिंग भोपाल में होने के बाद वह दमोह में अटैचमेंट है और स्थानांतरण ना होने के चलते वह इस तरह के आरोप लगा रहा है। वहीं उसका कहना यह भी है कि न्यायालय में शिकायत पर जांच की जा सकती है जो भी दोषी पाया जाए उसपर कार्यवाही हो। वहीं सीसीटीवी कैमरों को लेकर उनका कहना था कि कैमरे पूरे समय चालू रहते है और उसमें एक माह तक की रिकॉर्डिंग भी होती है जिससे यह आरोप भी गलत है।

पथरिया विधायक ने बताया राजनीतिक साजिश

इस सभी मामलों में खुद का व उनके देवर का नाम आने के बाद विधायक रामबाई परिहार का कहना है कि चुनाव को देखकर इस तरह के कृत्य किए जा रहे है और उनकी जनता के बीच छवि को खराब करने का प्रयास है और उन्हें परेशान करने के लिए यह षणयंत्र रचे जा रहे है और इसी के चलते सभी राजनीतिक लोग हमारे पीछे पड़े हुए है। वहीं उनका कहना यह भी था कि शिकायतकर्ता पूर्व में उनसे मिला था और वह उसे नहीं जानती थी और उसके द्वारा ही दमोह में अटैच कराए जाने की बात कही गई थी, जिसपर मेरे द्वारा असमर्थता जताई गई थी और उसके बाद इस तरह की हरकत उसके द्वारा की गई। हालाकि मामले की शिकायत अब न्यायालय के समक्ष भी है और उसके बाद ही इन गंभीर आरोपों पर स्थिति स्पष्ट होगी।

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