स्वस्थ्य अमले व प्रशासन की संयुक्त कार्यवाही
तीन दिन पूर्व अवैध गर्भपात में महिला के हालत बिगडऩे के आरोप
दमोह। नगर के फुटेरा वार्ड ४ में तंग गलियों के बीच एक मकान में शुक्रवार को स्वास्थ्य अमले सहित पुलिस प्रशासन की संयुक्तटीम ने कार्यवाही करते हुए मौके से बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाएं, सिरिंज सहित टेस्ट किट बरामद की है। महत्वपूर्ण बात यह है कि सैकड़ो की संख्या में पाई गई यह दवा व सिरिंज शासकीय है, ऐसे में अवैध रूप से स्वास्थ्य सेवाएं दे रही आरोपी महिला के पास यह सामग्री कहा से आई यह भी जांच का विषय है। वहीं महिला पर अवैध गर्भपात जैसे गंभीर आरोप भी सामने आ रहे है लेकिन स्वास्थ्य अमला फिलहाल इसकी पुष्टी से बच रहा है।
यह है मामला
सूत्रों के अनुसार तीन दिवस पूर्व जिला अस्पताल में जिले के एक ग्राम निवासी एक महिला गर्भपात किए जाने के बाद गंभीर अवस्था में जिला अस्पताल लाया गया था और महिला की गंभीर हालत के चलते उसे जबलपुर रैफर कर दिया गया था। मामले के चलते तीन दिन पूर्व सीएमएचओ द्वारा तीन सदस्यीय टीम गठित करते हुए जांच शुरु की थी और इस दौरान यह सामने आया था कि मामले में आरोपी बताई जा रही महिला के पास बड़ी मात्रा में दवा व इजेक्शन हित इलाज से संबंधित उपकरण आदि भी है।
वहीं जबलपुर में भर्ती पीडि़त महिला के वयानों के बाद मामले की पुष्टी हुई और स्थानीय अधिकारियों को इस संबंध में कार्यवाही के निर्देश प्राप्त हुए जिसपर शुक्रवार दोपहर सीएमएचओ डॉ सरोजनी जेम्स बेग, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रीता चटर्जी, तहसीलदार सुश्री सोनम पांडे के नेतृत्व में स्वास्थ्य व प्रशासनिक अमला नगर के फुटेरा वार्ड ४ पहुंचा। इस घर में जब उनके द्वारा एनएनएम की योग्यता रखने बाली कमला खरे से पूछताछ करते हुए जानकारी जुटाई गई तो उनके द्वारा बड़ी मात्रा में दवाओं का होना स्वीकार किया गया।
दूसरे स्थान पर छिपा दी गई थी दवा
संयुक्तकार्यवाही की सूचना मिलने पर आरोपी महिला द्वारा घर में रखे सभी सामान को मौके से गायब कर दिया गया। जिसके बाद पुलिस की मौजूदगी में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा महिला से काफी देर तक पूछताछ करनी पड़ी और पूछताछ के दौरान महिला ने अन्य स्थान पर दवाइयों को रखना और एक्सपायर होने के चलते उसे नष्ट करने के लिए रखा जाने की बात स्वीकार की। जिसके बाद टीम महिला को साथ लेकर कुछ दूरी पर बने एक स्थान पर गई जहां एक घर सहित एक खुले प्लॉट पर ४ बोरों में रखी दबाइयां व सिरिंज आदि प्राप्त हुई, वहीं उपचार में उपयोग में आने बाले अन्य उपकरण जैसे बीपी मॉनीटर आदि आरोपी महिला द्वारा अलग कर दिए जाने की बात कही गई। जिसके बाद सभी सामग्रियों को जब्त करते हुए पंचनामा बनाया है और शासकीय दवाओं की जांच करते हुए नियमानुसार कार्यवाही करते हुए मामला दर्ज किए जाने की बात कही जा रही थी। अधिकारियों के अनुसार महिला एएनएम की योग्यता रखती है,लेकिन वह शासन या कहीं भी कार्य नहीं कर रही है जिसके चलते वह इलाज या प्रक्टिस नहीं कर सकती है, इसके आधार पर भी कार्यवाही की जाएगी।
अवैध गर्भपात के बड़े आरोप।
वहीं मामले में आरोपी महिला पर अवैध गर्भपात में लिप्त होने के भी आरोप लगे है। सूत्र बताते है कि तंग गलियों में महिला वर्षों से इस तरह के कार्य कर रही थी, और दूर दूर से अवैध गर्भपात कराने के लिए लोग महिला के पास आते थे। तीन दिन पूर्व सामने आई घटना के बाद स्वास्थ्य अमले को इन स्थितियों की जानकारी लगी जिसके बाद स्वास्थ्य अमले की टीम ने मौके पर स्थितियों को जांचा भी था, लेकिन उस दौरान पीडि़त महिला के कोइ भी वयान दर्ज नहीं हुए थे और शिकायत ना होने पर कार्यवाही पूर्ण नहीं हो सकी। वहीं जब प्रशासनिक स्तर पर कार्यवाही की बात सामने आई तो मौके पर पहुंचकर कार्यवाही करते हुए इस संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है। इस दौरान सामने यह भी आया है कि आरोपी महिला के पास गर्भवती महिला को लेकर आने में एक फीरोज नामक व्यक्तिकी भूमिका होती थी और महिलाओं का गर्भपात किया जाता था।
बोरों से सरकारी दवा मिलने पर प्रश्न
मामले में एक जांच का बिंदु यह भी है कि आरोपी महिला कभी भी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में नहीं रही, लेकिन उसके पास से पाई गई दवा और इंजेक्षन सभी सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सप्लाई किए जाने बाले थे। ऐसे में बगैर किसी सरकारी कर्मचारी के सहयोग के बिना इस तरह से दवाओं का यहां होना संभव नहीं है। वहीं महिला द्वारा इन दवाओं व इंजेक्शन के संबंध में कोरोना कॉल में उर्दू स्कूल में ५ दिन की ड्यूटी पर लगाए जाने के दौरान एकत्रित किए जाने की बात कही जा रही है, लेकिन उसके पास इस संबंध में कोई भी आदेश या पत्र नहीं है उसके अनुसार अभय तिवारी नामक व्यक्तिके कहने पर उसने ड्यूटी की थी जिसका कोई पारितोषक भी उसे नहीं मिला था।