दमोह। लगातार विवादों से घिरी जिले में कार्यरत मिशनरी संस्था आधार शिला संस्थान में संचालित बाल भवन में कार्यरत एक कर्मचारी पर एक नावालिग बालिका से शोषण के मामले की जांच के लिए पहुंची राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग की टीम ने वहां कई गंभीर खामियां पाते हुए संस्थान की बाल गृह की मान्यता निरस्त कर दी थी और संस्थान में रह रहे बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने के आदेश दिए गए थे। शासन के इस अदेश के विरोध में संस्थान द्वारा उच्च न्यायालय में लगाई गई याचिका में आधार शिला संस्थान को एक बड़ा झटका लगा है और माननीय उच्च न्यायालय ने सुनवाई उपरांत याचिका को खारिज कर दिया है। इसके चलते अब संस्थान के बच्चों को जल्द ही प्रशासन की अभिरक्षा में सौंपते हुए उन्हें दूसरे स्थान पर रखा जाएगा।
संचालन में मिली थी कई गड़बड़ियां
उल्लेखनीय है कि मामले को लेकर मई माह में संस्थान में जांच के लिए पहुंची राज्य बाल आयोग की टीम को कई गंभीर खामिया मिली थी और इस दौरान नावालिग बच्चों के बीच मतांतरण जैसी स्थितियां भी सामने आई थी। जहां नावालिग से शोषण के मामले में देहात थाना में एफआईआर दर्ज कराई गई थी, वहीं महिला बाल विकास के अधिकारियों की लापरवाही भी इस मामले में सामने आने के चलते महिला बाल विकास के एक अधिकारी शालीन शर्मा पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष के पत्र पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला भी पुलिस ने दर्ज किया है जिस पर कार्यवाही प्रस्तावित है। ऐसे में मामले में स्थगन के लिए न्यायालय गई आरोपी संस्था को उच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिलने के बाद अब माना जा रहा है कि जल्द ही यहां रह रहे बच्चों को दूसरी जगह भेजने की कार्यवाही शुरु हो सकती है।