निरीक्षण में पाई गई गंभीर खामियां, डीपीसी और एपीसी के निलंबन के निर्देश

दमोह। कोतवाली थाना क्षेत्र के समन्ना वायपास स्थित दिव्यांग छात्रावास में सामने आए नावालिग दिव्यांग से दुराचार के मामले में राज्य बाल आयोग की टीम ने भी संज्ञान लेते हुए शुक्रवार को छात्रावास पहुंचकर वहां औचक निरीक्षण किया और मौके पर मौजूद कर्मचारियों के वयान लिये। वहीं जांच के दौरान राज्य बाल अयोग अध्यक्ष द्रविन्द्र मोरे ने कई गंभीर खामिया पाई और छात्रावास में सुरक्षा इंतजामों को नाकाफी बताया है। वहीं जांच में डीपीसी मुकेश द्विवेदी व एक एपीसी के कर्तव्यों में भी लापरवाही पाई है और उनके द्वारा छात्रावास का निरीक्षण ना किए जाने की स्थितियों को देखते हुए उनपर निलंबन की कार्यवाही के लिए कलेक्टर मयंक अग्रवाल को पत्र लिखा है।
उल्लेखनीय है कि तीन दिन पूर्व छात्रावास में एक 9 वर्षीय दिव्यांग से दुराचार का मामला सामने आया था, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी चौकीदार को गिरफ्तार कर लिया था। मामले को लेकर राज्य बाल आयोग अध्यक्ष सहित राज्य बाल आयोग सदस्य ओंकार सिंह दमोह पहुंचे और उनके साथ सीएसपी अभिषेक तिवारी, पूर्व बाल कल्याण समिति सदस्य दीपक तिवारी और मुकेश दुबे भी मौजूद थे। छात्रावास पहुंचने पर उनके द्वारा वहां मौजूद कर्मचारियों से मामले के संबंध में जानकारियां ली और अन्य बच्चों से चर्चा करने के भी प्रयास किए गए। बताया जा रहा है कि घटना के बाद ज्यादातर बच्चे वहां से अपने घर चले गए है और इस पूरे मामले में संबंधित विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आ रही थी। जहां संबंधित अधिकारी निरीक्षण से दूर रहे, वहीं प्रभारी भी छात्रावास से दूरी बनाए हुए थे, जिसके चलते यह घटना सामने आई है।

जांच के लिए गठित हुए टीम
राज्य बाल आयोग अध्यक्ष के पत्र के बाद कलेक्टर द्वारा मामले में कार्यवाही शुरु कर दी गई है। चूकि संबंधित अधिकारियों का निलंबन कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र से बाहर बताया जा रहा है। इसके चलते मामले को लेकर जांच टीम गठित की गई है। जिसमें महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी संजीव मिश्रा, नायाव तहसीलदार सोनम पांडे व एपीसी से महिला अधिकारी शामिल है। माना जा रहा है कि यह अपनी जांच रिपोर्ट सोमवार तक कलेक्टर को सौंप देंगे जिसके बाद उक्त रिपोर्ट पर कलेक्टर प्रतिवेदन तैयार कर वरिष्ठ अधिकारियों को भेजेगें जिसके आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।

शेष छात्रों की होगी काउंसलिंग
वहीं मामला सामने आने के बाद प्रशासन छात्रावास में रह रहे शेष छात्रों की भी काउंसलिंग की भी तैयारी कर रहा है ताकि किसी अन्य के साथ यदि ऐसी कोई घटना घटित हुई है तो उस पर कार्यवाही की जाए। चूकि छात्रावास में रहने बाले छात्र विकलांग है तो ऐसे छात्रों की काउंसलिंग और उनकी जानकारी के लिए एक्सपर्ट की मदद ली जाएगी जो छात्रों से चर्चा करेंगी। वहीं ज्यादातर छात्र फिलहाल घर चले गए है तो उन्हे व उनके अभिभावकों को भी चर्चा के लिए बुलाया जाएगा।

मामले में संज्ञान लेते हुए आज हमारे द्वारा निरीक्षण किया है और निरीक्षण में विभागीय अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है, जिन पर कार्यवाही के लिए कलेक्टर को निर्देश दिए गए है।
द्रविन्द्र मोरे
अध्यक्ष राज्य बाल आयोग