मीट मार्केट विस्थापन के विरुद्ध मीट व्यापारी हुए लामबंद, सौंपा ज्ञापन

रैली निकालकर पहुंचे कलेक्ट्रेट, कहा नियमों का पालन करेंगे लेकिन विस्थापन नहीं

दमोह। शासन के आदेशों के बाद खुले में मांस विक्रय पर रोक लगाई जा रही है और इस क्रम में नगर के मध्य चरहाई बाजार स्थित मीट मार्केट को भी सीताबाबड़ी के समीप विस्थापित किए जाने की प्रक्रिया शुरु हो गई है। इस प्रक्रिया के चलते प्रशासन और मीट व्यपारियों के बीच मतभेद देखे जा रहे है। जहां मीट व्यापारी विस्थापन का विरोध कर रहे है, वहीं प्रशासन नियमों का हवाला देकर मीट मार्केट को विस्थापित किए जाने की बात कह रहा है। हालातों के चलते अब मीट व्यापारी अपना विरोध जताना शुरु कर दिया है और उनके द्वारा ज्ञापन सौंप विस्थापन का विरोध जताया गया है।

सैकड़ो की संख्या में पहुंचे कलेक्ट्रेट

अपने विरोध के चलते गुरुवार को मीट व्यापारी लामबंद हो गए और रैकवार, खटीक व मुस्लिम समाज के मीट व्यापारी महिलाओं के साथ जुलूस के रूप में नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और वहां पर विस्थापन के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा जिसे प्रशासन की ओर से तहसीलदार मोहित जैन द्वारा लिया गया। इस दौरान व्यापारियों ने कहा कि शासन के आदेशों के तहत वह नियमों का पालन करेंगे, लेकिन इसके लिए विस्थापन किया जाना उन्हें स्वीकार नहीं है। उनका कहना था कि चरहाई बाजार में ही वह मुख्य मार्ग से अंदर तलैया पर अपनी दुकाने संचालित करेगें और नियमों का पालन करेंगे, लेकिन सीताबाबड़ी जाना उन्हें स्वीकार नहीं है, यदि उनकी मांग नहीं मानी जाती है तो सभी समाज के मीट व्यापारी इसका विरोध जताएगें। वहीं उनका कहना था कि विभिन्न वार्डों में अपनी मीट दुकानों को लगा रहे व्यापारियों को भी प्रशासन हटा नाका क्षेत्र में विस्थपित कर दे। दूसरी और मामले में प्रशासन का तर्क है कि शासन के आदेश है कि मीट व्यापारियों को मुख्य बाजारों से हटाकर एक व्यवस्थित बाजार दिए जाने की बात है जिसके लिए सीताबाबड़ी में तैयार किया गया है।

पूर्व के वर्षों में हुई विस्थापन की पहल

उल्लेखनीय है कि शहर के मध्य चरहाई बाजार में संचालित मीट दुकानों को विस्थापित किए जाने की पहल पहली बार नहीं है और ना अचानक सीताबाबड़ी का चयन अभी किया गया है। मीट व्यापारियों को विस्थपित कर एक व्यवस्थित बाजार दिए जाने की कार्ययोजना पूर्व में तैयार की गई थी और उस समय यह स्थान चयनित किया गया था। इसके चलते वहां व्यवस्थित निर्माण भी कराया जा चुका है और अब शासन के निर्देश के बाद एक बार फिर विस्थापन की प्रक्रिया शुरु हुई है, जिसके लिए व्यापारियों को सूचित भी किया गया है।

एक दिन पूर्व दी थी समझाइस

स्थितियों को देखते हुए एक दिन पूर्व वुधवार को प्रशासनिक अमले ने चरहाई बाजार में पहुंचकर मीट व्यापारियों से चर्चा करते हुए उन्हें समझाइस भी दी थी और आश्वासन दिया था कि उनके लिए व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएगी। व्यापारियों के बीच पहुंचे एसडीएम आरएल बागरी, नपा सीएमओ सुषमा धाकड़ की मौजूदगी में व्यापारियों ने विस्थापन ना किए जाने की बात कही थी, जिसे प्रशासन ने संभव ना होने की बात कही थी, जिसके बाद गुरुवार को उनके द्वारा विरोध जताते हुए ज्ञापन मुख्यमंत्री को दिया गया। अब अधिकारी उनकी मांग वरिष्ठ स्तर पर भेजकर प्राप्त निर्देशों पर कार्यवाही की बात कह रहे है।

हटा नाका निवासियों ने भी सौंपा ज्ञापन, कहा हटा नाका क्षेत्र में ना लगे बाजार

मीट मार्केट व्यापारियों के ज्ञापन व मांग के बीच नगर के विभिन्न बाजारों में व्यवसाय कर रहे मीट व्यापारियों को हटा नाका क्षेत्र में विस्थापित किए जाने की मांग सामने आने के बाद, हटा नाका क्षेत्र के निवासी इस मांग के विरोध में आ गए है। इसके चलते गुरुवार को ही स्थानीय लोगों ने एक ज्ञापन सौंपते हुए प्रशासन से यह मांग करी कि मीट मार्केट को हटा नाका ना भेजा जाए क्योकि उनके वहां जाने से स्थानीय रहवासियों को परेशानियों का सामना करना होगा। उनका कहना था कि पूर्व में वहां नगर का कचरा फेका जाता था, जिससे वहां के हालात खराब थे। ऐसे में अब दुबारा इस तरह का बाजार वहां होने से स्थानीय लोगों को काफी परेशानी होगी, जो उचित नहीं है।

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