सुबह सुबह पुलिस-प्रशासन-नगर पालिका ने मिलकर खींची झांकी, एक अवैध बूचड़खाना जेसीबी से तोड़ा

दिखावे में सिमटा दी अवैध बूचड़खानों को नेस्तनाबूद करने की कार्यवाही

दमोह। जिले में पिछले दिनों गोवंश हत्याओं को लेकर हिंदूवादी संगठनों में ही नहीं बल्कि आम जनमानस में भी खासा गुस्सा देखा जा रहा था। हालत यह बने की गौ हत्याओं जैसे गंभीर विषय पर आंदोलन का दौर शुरू हो गया और ज्ञापन, धरना पुतला दहन के साथ इस और कार्यवाही न करने पर दमोह बंद की चेतावनी भी जारी कर दी गई। इन हालातो के बाद पुलिस प्रशासन और नगर पालिका पर इस अवैध कार्य को रोकने का दबाव लगातार बना रहा है और इस दबाव को कम करने के लिए यह सभी मिलकर कार्यवाही भी कर रहे हैं लेकिन सामने आ रही कार्रवाई जमीनी कार्य कम दिखावा ज्यादा साबित हो रहे हैं।

भारी भरकम अमले ने ध्वस्त किया एक अवैध बूचड़खाना

सोमवार सुबह जब लोग मकर संक्रांति की तैयारी कर रहे थे इस दौरान पुलिस प्रशासन और नगर पालिका का भारी भरकम अमला कार्यवाही के लिए कुरेश मंडी पहुंचा और यहां पर जेसीबी की मदद से एक ईंटों के कच्चे बूचड़खाने को तोड़ा गया। उक्त कार्यवाही में एसडीएम आरएल बागरी, एएसपी संदीप मिश्रा, नपा उपयंत्री मेघ तिवारी अपनी अपनी टीम का नेतृत्व कर रहे थे। ऐसे में आशा थी कि कोई बड़ी कार्यवाही इस संयुक्त टीम द्वारा की जाएगी जिससे क्षेत्र में चलाए जा रहे अवैध बूचड़खानों और गोवंश तस्करों पर लगाम कसेगी लेकिन ऐसा कार्यवाही में देखने को नहीं मिला। दूसरी और लोगों को कार्रवाई की भनक लगते-लगते अमले ने अपनी अवैध बूचड़खानों की कार्यवाही को पैदल मार्च की झांकी में परिवर्तित कर उसे समाप्त कर दिया।

बोरों में भरे मिले अवशेष

पुलिस प्रशासन की इस कार्यवाही की भनक जहां एक और दूसरों को न होने की बात कही जा रही है, लेकिन कार्यवाही के दौरान जो हालात सामने आए उससे यह महसूस होता है कि कहीं ना कहीं गोवंश के इस अवैध व्यापार से जुड़े लोगों को इस कार्यवाही की पहले से भनक थी। दरअसल कार्रवाई के दौरान बोरों व पॉलिथीन में कई जानवरों के अवशेष बरामद हुए हैं लेकिन वह वहां कैसे और किसके द्वारा रखे गए थे इसके संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई है। सामने यह भी आया कि स्थानीय स्तर पर कार्यवाही के कुछ समय पूर्व ही मृत मवेशियों को अन्य स्थानों पर नालियों में फेंका गया है जिसकी पुष्टि भी स्थानीय लोगों ने की है। ऐसे में यह आशंका जताई जा रही है कार्यवाही की पूर्व सूचना के चलते स्थितियों को बदलने और छिपाने का प्रयास किया गया है।

अधिकारी भी बचते रहे जवाबदेही से

भारी भरकम अमले के बीज की गई इस सामान्य कार्यवाही को देखकर प्रश्न उठना लाजमी थे लेकिन संबंधित अधिकारी भी जवाबदेही से बचते नजर आए। जहां नगर पालिका इस ओर कोई भी टिप्पणी से इनकार करता रहा वही पुलिस महकमे को यह स्पष्ट नहीं था कि कितने अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई की जानी है, और अंततः एक कच्चे निर्माण को धराशाई कार्यवाही पूर्ण दिखा दी गई।लेकिन क्षेत्र में कुछ समय पूर्व ही नालियों में फेके गए मवेशियों के शव और बोरियों व पॉलीथिन में मिले मृत जानवरों के अवशेष अभी भी जिले में चल रहे इस अवैध और घृणित व्यापार की हकीकत बता रहे हैं।

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