फिर सामने आया बोर्ड परीक्षा में फर्जीबाड़ा, बदली जा रही थी बाहर से उत्तर पुस्तिका भरकर

उत्तर पुस्तिका के साथ पकड़ी गई शिक्षिका, सिंग्रामपुर परीक्षा केंद्र का मामला

दमोह। जहां एक ओर बोर्ड परीक्षा को सुचारू रूप से संपन्न कराने और किसी भी प्रकार के फर्जीबाड़े को रोकने के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासन हर तरह के प्रयास कर रहा है, वहीं दूसरी ओर शिक्षा विभाग के जिम्मेदार ही परीक्षाओं में फर्जीबाड़े की स्थिति बना रहे है। इसी तरह का एक मामला फिर सामने आया जिसमें परीक्षा की उत्तर पुस्तिका को बाहर से हल कर छात्र की उत्तर पुस्तिका से बदलने की तैयारी थी, लेकिन मामले की भनक लगने पर उत्तर पुस्तिका बदलने के पूर्व ही एक शिक्षिका को बाहर से भरी गई उत्तर पुस्तिका के साथ पकड़ लिया गया है। वहीं आशंका है कि अन्य विषयों के प्रश्रपत्र में भी इसी तरह से फर्जीबाड़ा किया जा रहा था। अब मामले की जांच में वरिष्ठ अधिकारी कर रहे है और पुलिस ने संबंधित मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली है। कलेक्टर मयंक अग्रवाल ने शिक्षक व पर्यवेक्षक को निलंबित करते हुए एफआईआर के निर्देश दे दिए है साथ ही केंद्राध्यक्ष को भी जांच होने तक केंद्र से पृथक कर दिया है।

यह है मामला

मामला दसवीं की बोर्ड परीक्षाओं में सोमवार को अग्रेजी भाषा के प्रश्रपत्र में सामने आया जिसमें जिले के सिंग्रामपुर रानी दुर्गावती हायर सेकंडरी स्कूल में एक शिक्षिका द्वारा अलग से संबंधित प्रश्रपत्र एक अन्य उत्तरपुस्तिका में हल करके उसे जमा करने का प्रयास किया जा रहा था। चूकि यह फर्जीबाड़ा पूर्व से किया जा रहा था तो कुछ लोगों को इसकी भनक थी और सोमवार को फिर शिक्षिका हल की उत्तर पुस्तिका को बदलने के लिए केंद्र पहुंची तो सुनील कुमार शुक्ला व उनके साथियों ने शिक्षिका को उक्त उत्तर पुस्तिका के साथ पकड़ लिया। इस दौरान हांगामे के हालात बनते हुए मामले की सूचना पुलिस व वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई। मौके से जब्त की गई उत्तर पुस्तिका के क्रमांक केंद्र में परीक्षा दे रही एक अन्य छात्रा की उत्तर पुस्तिका से मिले है जिसके चलते मामले में विभागीय भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है।

शिक्षिका का पुत्र दे रहा था परीक्षा

जो जानकारी सामने आ रही है उसके अनुसार आमघाट स्कूल में पदस्थ शिक्षिका अंजनी राय का पुत्र परीक्षा केंद्र के कक्ष क्रमांक ८ में बैठकर परीक्षा दे रहा था और इस दौरान शिक्षिका द्वारा एक अन्य उत्तर पुस्तिका को अपने घर से हल करके लाया गया और परीक्षा खत्म होने पर उसे अपने पुत्र की उत्तर पुस्तिका से बदला जाना था, लेकिन इस दौरान शिक्षिका को लोगों द्वारा उत्तर पुस्तिका के साथ ही पकड़ लिया। हालाकि इस दौरान आरोपी शिक्षिका द्वारा हल किया गया पेपर छुड़ाने के दौरान काफी हंगामे के हालात बन गए और शिक्षिका के साथ महिला आरक्षक एवं लोगों को छीना झपटी होने के बाद काफी मुश्किल से उक्त उत्तर पुस्तिका उससे जब्त की जा सकी जिसे वहां तैनात महिला आरक्षक के सुपुर्द किया गया। वहीं मामले की सूचना मिलने पर तत्काल ही मौके पर सिंग्रामपुर चौकी प्रभारी आलोक तिरपुड़े सहित डीईओ एसके नेमा, जबेरा तहसीलदार विवेक व्यास सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जांच शुरु की है।

विभागीय भूमिका पर सबाल

जहां पिछले वर्ष जिले में परीक्षाओं में फर्जीबाड़ा का एक बड़ा मामला सामने आने के बाद जिला प्रदेश भर में चर्चित था और इसके चलते इस वर्ष विभाग के साथ पुलिस प्रशासन ने भी विशेष रणनीति के साथ कई नियम भी तय किए थे। लेकिन इसके बाद भी इस तरह के मामले विभागीय भूमिका पर सबाल पैदा कर रहे है। जहां एक ओर उत्तर पुस्तिका का क्रमांक केंद्र में परीक्षा दे रही एक अन्य छात्रा की उत्तर पुस्तिका की थी, वहीं यही क्रमांक की उत्तर पुस्तिका अंदर होना भी बताई जा रही है और परीक्षा के दौरान ही प्रश्रपत्र लीक होकर हल करने वाली शिक्षिका के पास कैसे पहुंचा यह भी बड़ा सबाल है, क्योकि फोन और व्हाट्सएप जैसी व्यवस्थाओं पर भी इस वर्ष केंद्र में रोक लगाई गई है। ऐसे में यह स्पष्ट है कि परीक्षा व्यवस्थाओं से जुड़े अन्य विभागीय अधिकारी इसमें शामिल है। वहीं बताया यह भी जा रहा है कि इस फर्जीबाड़े की आशंका की शिकायत भी संबंधित अधिकारियों को की गई थी, लेकिन इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

निलंबन के साथ एफआइआर

वहीं मामले में कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों से मामले की जानकारी लेते हुए तत्काल प्रभाव से कार्यवाही करते हुए शिक्षक पर एफआइआर के निर्देश दे दिए है और केंद्र के पर्यवेक्षक व ऑब्जव्र्स को निलंबित कर दिय गया है। इसके अलावा मामले की जांच होने तक केंद्राध्यक्ष को वहां से हटा दिया गया है और जिला शिक्षा अधिकारी को मामले की जांच हेतु आदेश दिए है।

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