अज्ञात शव को दफनाने के लिए 5 घंटे होता रहा गड्ढा खोदने का इंतजार

जेसीबी ना होने के बहाने में धूप में सड़ता रहा शव

दमोह। थाना क्षेत्र में बुधवार रात जबलपुर मार्ग पर एक अज्ञात व्यक्ति की वाहन की टक्कर से मौत के 24 घंटे बाद भी उसकी शिनाख्त ना हो पाने के चलते शुक्रवार को नियम अनुसार पुलिस द्वारा उसे दफनाया गया, लेकिन इस प्रक्रिया में प्रशासनिक उदासीनता और असंवेदनशीलता भी देखने को मिली। दरअसल शिनाख्ती ना होने के बाद जब शव को दफनाने के लिए  शमशान ले जाया गया तो शव के लिए गड्ढे के लिए कोई भी इंतजाम नहीं हुआ और उसके चलते एक या दो नहीं पूरे ५ घंटे तक शव इसी तरह से शमशान में पड़ा रहा।

नगर परिषद की थी जिम्मेदारी
शुक्रवार को पुलिस द्वारा शव का पंचनामा और पोस्टमार्टम कार्यवाही के बाद शव को दफनाने की कार्यवाही शुुरू की तो इसके लिए नगर परिषद को शमशान  में गड्ढा खोदना था। शव को शव गृह से निकाले जाने के पूर्व उनके द्वारा गड्ढा खोदे जाने की पुष्टी भी कर दी गई थी,  लेकिन जब शव को दफनाने के लिए श्मसान लाया गया तो वहां पर गड्ढा खोदा हीं नहीं गया था। ऐसे में वहां शव को धूप में रखते हुए चार घंटे से अधिक गड्ढा खोदे जाने के लिए पुलिस व नगर परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच इस संबंध में बातचीत होती रही, लेकिन गड्ढा नहीं खोदा गया और करीब 5 घंटे बाद सीएमओ को मामले की सूचना दिए जाने पर जेसीबी से गड्ढा खोदा जा सका।

धूप में आने लगी थी बदबू
चूकि गड्ढा खोदे जाने की पुष्टी के चलते शव को  ट्रेक्टर ट्रॉली से श्मसान ले जाया गया लेकिन व्यवस्था ना होने पर अज्ञात व्यक्ति का शव कई घंटो धूप में इसी तरह से ट्रॉली में रखा रहा जिससे शव  बदबू भी मारने लगा था, जिसके चलते शव के आसपास मौजूद लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
ऐसे में भले ही शव को फिलहाल दफना दिया गया हो लेकिन एक मृत इंसान को लेकर जिस तरह की असंबेदनशीलता नगरपरिषद द्वारा दिखाई गई यह एक सबाल खड़े करती है, वहीं गड्ढा खोदेे जाने की पुष्टी कर देना और बाद में इसके लिए जेसीबी तलाश करना भी यह दर्शाता है कि किस तरह आपसी सामंजस्य के अभाव में जिम्मेमेदार अपने कार्य से दूरी बना लेते है।

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