महगुवा ग्राम में घर तक जा पहुंचा 7 फीट का मगरमच्छ रात भर चला रेस्क्यू ऑपरेशन
दमोह। भारी बारिश के बाद अब नए-नए खतरे सामने आने लगे हैं और इन्हीं में से एक है शांत जल में रहने वाले मगरमच्छों का रहवासी क्षेत्रों में प्रवेश करना। ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमे ग्रामीण क्षेत्र में मगरमच्छ प्रवेश कर गया जिसे सारी रात की मशक्कत के बाद वन अमले की रेस्क्यू टीम ने काबू किया।
प्राप्त जानकारी अनुसार तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत केवलारी के ठेड़ महगुवा गांव में मंगलवार की देर रात एक मगरमच्छ को देखा गया जिसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना दमोह कंट्रोल रूम को दी। इसके बाद इसकी सूचना तेन्दूखेड़ा पुलिस और दमोह वन मंडल अधिकारी द्वारा तेन्दूखेड़ा वन अमले को सूचना दी जहां सूचना मिलते ही तेंदूखेड़ा पुलिस और वन अमला मौके पर पहुंचा और ग्रामवासियों को मगरमच्छ से दूर रहने की सलाह दी।
रात भर चले प्रयास
देर रात 1 बजे से मगरमच्छ को पकड़ने के प्रयास किए गए लेकिन टीम को मगरमच्छ को पकड़ने में कड़ी मशक्कत का सामना करना पड़ा। सारी रात चले प्रयासों के बाद बुधवार की सुबह 6 बजे मगरमच्छ को पकड़ा गया और पिंजरे में डालकर रानी दुर्गावती टाइगर के सिंगौरगढ़ जलाशय में सुरक्षित छोड़ा गया।
ग्रामीण के घर में कर गया था प्रवेश
इस संबंध में तेन्दूखेड़ा थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक महेश ठाकुर ने बताया कि मगरमच्छ श्रीराम यादव के घर के आंगन में बनी बारी में पहुंच गया था और करीब 7 फीट लंबा था। रात में बाहर निकले परिवार के लोगों ने उसे देखा तो दहशत में आ गए और ग्रामीणों को इसकी सूचना दी। रेस्क्यू टीम में आरक्षक प्रंशु कुमार, वन अमले से डिप्टी रेंजर गनेश श्रीवास्तव, ब्रजेश कोल,भगवान दास सेन,वनरक्षक कपिल ठाकुर, संदीप गर्ग सहित ग्रामीणों की भी भूमिका रही।
क्षेत्र में बढ़ते जा रहे मगरमच्छ
उल्लेखनीय है कि तारादेही झलौन तेजगढ़ इमलिया होते हुए निकली व्यारमा नदी में बड़ी संख्या में मगरमच्छों का बसेरा है यहां पर बड़ी संख्या में मगरमच्छों को देखा जा सकता है। जुलाई माह में ही व्यारमा नदी में नहाने के दौरान मगरमच्छ द्वारा कई लोगों पर जानलेवा हमला किया है और एक आठ साल के बच्चे को भी खीच कर पानी में ले गया था। इन हालातों के चलते आमजन को नदी के पास जाने के लिए वन अमले द्वारा प्रतिबंधित कर दिया है। लेकिन अब भारी बारिश के बाद मगरमच्छ रहवासी इलाकों में पहुंचने लगे हैं जिससे आमजन के साथ वन अमले की चिंता भी बढ़ रही है।
तेंदूखेड़ा से विशाल रजक