क्या वास्तव में होगी भाजपा की जग हसाई या कांग्रेस कर रही विश्वास का दिखावा

नगर पालिका दमोह में भाजपा के अविश्वास प्रस्ताव आवेदन के बाद गरमाने लगी सियासत, पलटवार में कांग्रेस ने दिखाई एकजुटता

दमोह। राजनीतिक उठा फाटक के लिए चर्चित रहा दमोह एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है क्योंकि इस बार कांग्रेस सत्तारूढ़ नगर पालिका दमोह में भाजपा के पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव का बिगुल फूंक दिया है। अब देखने वाली बात यह होगी कि कांग्रेस बाहुल्य नगर पालिका में अविश्वास प्रस्ताव लाई बीजेपी अपनी चुनावी रणनीति और तैयारी को नियमों के अनुसार पूर्ण कर चुकी है या आगामी दिनों में यह दिखावा या जग हसाई का रूप ले लेगा। दूसरी ओर अब देखना यह भी है की लंबे समय तक दल बदलुओं और भितरघात से जूझती कांग्रेस को उसके पार्षद क्या एक और झटका देने वाले हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस शासित दमोह नगर पालिका में अविश्वास प्रस्ताव के लिए 20 पार्षदों ने कलेक्टर को शपथ पत्र दिया है और अविश्वास प्रस्ताव पर कार्यवाही की मांग की है।

क्या रहे समीकरण

दमोह नगर पालिका क्षेत्र में 39 पार्षद हैं जिसमें से 20 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में है। वर्ष 2022 में हुए नगर पालिका चुनाव में भाजपा के 14, कांग्रेस के 17, अघोषित पार्टी टीएसएम के 5, बसपा का एक और 2 निर्दलीय पार्षद जीते थे। इसमें से टीएसएम के पांच पार्षदों ने कुछ समय बाद भाजपा की सदस्यता ले ली थी और एक निर्दलीय पार्षद हिना पारोचे ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली थी। वहीं बसपा के पार्षद ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था। अध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष प्रत्याशी मंजू राय को 24 और भाजपा अध्यक्ष पद के प्रत्याशी विक्रांत गुप्ता को 15 पार्षदों के मत मिले थे। इस कारण से नगरपालिका में कांग्रेस का अध्यक्ष बना था। वहीं उपाध्यक्ष पद के कांग्रेस प्रत्याशी सुषमा विक्रम सिंह को 20 और भाजपा से उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी मनीष शर्मा को 19 वोट मिले थे। इसलिए उपाध्यक्ष भी कांग्रेस पार्टी से बनी थी।

अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में आए यह नाम

नगर पालिका परिषद दमोह के अध्यक्ष पद के अविश्वास प्रस्ताव के लिए कलेक्टर को आवेदन देने व कलेक्टर को मांग पत्र सोपने में प्रमुख रूप से विजय जैन, मनीष शर्मा,नितिन चौरसिया,विक्रांत गुप्ता, हिना पारोचे, कविता राय, गणेश जाटव,कपिल सोनी, विक्की सेन, अमित त्यागी,रघु श्रीवास्तव,कीर्ति चंदेल,गोपाल ठाकुर,सुनैना धीरज घारू,संगीता सतीश जैन,बालकिशन यादव, सुहानी टोनी राय,नमिता राजपूत,शरद कुमारी यशपाल ठाकुर,संजय चेतराम पटेल शामिल बताए जा रहे है।

क्या विकास कार्यों के नाम पर बदलेंगे पाला

यदि अविश्वास प्रस्ताव सफल होता है तो यह तय होगा कि कांग्रेस के कई पार्षद अपनी ही पार्टी के अध्यक्ष के विरोध में मतदान करेंगे। ऐसे में एक बार फिर ऐसे पार्षदों को अपने इस कार्य को सही बताने के लिए ठोस कारण गिनाने होंगे। वर्तमान में जो भाजपा के पार्षद अविश्वास प्रस्ताव की बात कर रहे हैं मैं मुख्य रूप से भ्रष्टाचार और आम जन को हो रही परेशानियों का ही हवाला दे रहे हैं। बजरिया 7 की भाजपा पार्षद कविता राय ने कहा कि नगर पालिका में कोई भी विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। पिछले दो साल में शहर काफी पीछे चला गया है। दमोह विधायक जयंत मलैया के द्वारा शहर को सुंदर बनाने के लिए काफी काम किया है। जब से नगर पालिका में कांग्रेस शासित अध्यक्ष आए हैं विकास कार्य के नाम पर कुछ नहीं हो रहा इसलिए वार्ड की जनता परेशान है और उन्हें मजबूर होना पड़ रहा। धरमपुरा से वार्ड पार्षद प्रतिनिधि यशपाल ठाकुर ने कहा की दमोह जैसे विकसित शहर में बारिश के दौरान एसडीआरएफ की टीम को लोगों को रेस्क्यू करने के लिए नाव चलानी पड़ी, जबकि नगर पालिका क्षेत्र में यह सामान्य विकास कार्य होने चाहिए थे, लेकिन कोई काम नहीं हो रहा। जनता उनसे सवाल करती है इसीलिए उन्हें अविश्वास प्रस्ताव के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। भाजपा पार्षद विक्रांत गुप्ता ने कहा कि यदि इतिहास में कभी नगर पालिका में भ्रष्टाचार की बात की जाएगी तो इस नगर पालिका के कार्यकाल को याद किया जाएगा। इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है, विकास कार्य नहीं हो रहे, इसलिए सभी पार्षद ने तय किया है कि अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए और नए अध्यक्ष का चुनाव हो, ताकि शहर का विकास हो सके।पार्षद मनीष शर्मा ने कहा कि हम वार्ड के जनप्रतिनिधि के रूप में निर्वाचित हुए हैं। वार्ड की जनता उनसे यह उम्मीद रखती है कि हम अपने वार्ड का विकास करें लेकिन दो सालों में एक भी विकास कार्य नहीं हुआ है। वार्ड की नालियां भी हमें अपने पैसे खर्च करके साफ करनी पड़ती है। नगर पालिका में पार्षद कोई भी बात करते हैं तो उनकी सुनवाई नहीं होती। मनीष शर्मा ने कहा कि नगर पालिका अध्यक्ष विकास नहीं कर रहे। जनता हमारे विधायक के पास अपनी समस्या लेकर पहुंचती है ऐसे में हम पार्षदों का दायित्व की हम अविश्वास प्रस्ताव लाकर अध्यक्ष बदले, ताकि हमारे नेता का सम्मान बना रहे और हमारे क्षेत्र का विकास होता रहे। ऐसे में अब आगे कोई बदलाव होता है तो कांग्रेस के पार्षद भी ऐसे ही कुछ बातों से अपना विरोध जताते नजर आएंगे।

कांग्रेस पार्षदों ने भी निकाली रैली

भाजपा पार्षद एवं अन्य के द्वारा नगर पालिका अध्यक्ष के विरोध में अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में कलेक्टर को दिए गए शपथ पत्र के उपरांत शुक्रवार की शाम को ही कांग्रेस के पार्षदों ने एक रैली निकालकर इस बात को प्रमाणित करने का प्रयास किया कि हम सभी कांग्रेसी एकजुट है और अध्यक्ष पद के लिए किसी की भी नहीं चलने देंगे। इस मामले में नगर पालिका उपाध्यक्ष सुषमा विक्रम सिंह ने कहा कि सभी पार्षद एकजुट है और हम सभी शहर के विकास के लिए कटिबंध हैं। वहीं पार्षद अमर सिंह राजपूत ने कहा कि भाजपा की सरकार में नगर पालिका के लिए शासन द्वारा किसी भी प्रकार के संसाधन उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं। जिस कारण से जिस प्रकार से शहर का विकास होना चाहिए उसमें शासन ही अवरोध पैदा कर रही है और भाजपा पार्षद विकास न होने की बात कर रहे हैं। प्रदेश व केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बाद भी किसी भी प्रकार के विकास कार्यों के लिए राशि उपलब्ध न होना ही इस सरकार की सबसे बड़ी असफलता है और अविश्वास प्रस्ताव के लिए जिस प्रकार से षड्यंत्र रचा जा रहा है हम उसे सफल नहीं होने देंगे। कांग्रेस के राजकिशोर चौहान ने कहा कि जिस तरह का अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है उससे भाजपा अपनी हंसी ही कराएगी।

इस मामले में विधि विशेषज्ञों से बात कर आगे की कार्रवाई करेंगे।

सुधीर कुमार कोचर,
कलेक्टर दमोह

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