बिगड़ रही खुद को आग लगाने बाली छात्रा की हालत

जांच में सामने आ रही लापरवाही, अभाविप ने की कार्यवाही की मांग

rashtravaibhav follow-up

दमोह। शासकीय महाविद्यालय में अध्यनरत छात्रा द्वारा गुरूवार को खुद को आग लगाए जाने के बाद मामले में वयानों के विरोधाभासों के चलते सत्यता की जांच की जा रही है और शनिवार को भी एडी की टीम ने कॉलेज पहुंचकर पूछताछ की। ऐसे में जहां छात्रा द्वारा उठाए गए इस कदम के पीछे की सत्यता सामने आने का है वहीं मामले को लेकर छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा भी कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए आरोपी शिक्षक और शिक्षिका पर कार्यवाही की मांग की।

एडी की टीम पहुंची जांच करने
गुरूवार को मामला सामने आने के बाद केएन कॉलेज प्राचार्य केपी अहिरवार ने मामले की सूचना सागर एडी को दी थी। जिसके बाद शनिवार को सागर एडी द्वारा टीम गठित कर मामले की जांच शुरू कराई है। इसके चलते शनिवार को टीम महाविद्यालय पहुंची और उसके द्वारा तय बिंदुओ पर वयानों को दर्ज करते हुए जांच शुरु की है। इस जांच को फिलहाल गोपनीय रखा गया हैै। इस संंबंध में केएन कॉलेज प्राचार्य केपी अहिवाल ने बताया कि उनके द्वारा मामले से सागर एडी को अवगत कराया गया था जिस पर पाँच सदस्यीय टीम गठित कर महाविद्यायल में पहुंंचकर जांच शुरु की गई है। जांच में रखे गए कई बिन्दु ऐसे हैं जिनमे लापरवाही सामने आ रही है और इस दौरान यह भी सामने आया है कि महाविद्यालय के प्राचार्य सुभाष अग्रवाल परीक्षा के दौरान अनुपस्थित थे। जिसे भी लापरवाही मानकर रिपोर्ट तैयार द्वारा की जाएगी।
मां ने लगाए आरोप
वहीं दूसरी ओर पीडि़ता की माँ ने आरोपी शिक्षकों के द्वारा दिए गए वयानों पर प्रश्न उठाते हुए लगाए गए आरोपों को सही बताया है। उसकी माँ का कहना है कि उनकी बेटी को लगातार परेशान किया जा रहा था जिसके चलते उसने कालेज जाना भी बंद कर दिया गया था। लेकिन परीक्षा के चलते उनकी बेटी को परीक्षा में आना अनिवार्य था और परीक्षा के दौरान ही उसके साथ अभद्रता करते हुए झूठा नकल प्रकरण बनाया गया। वहीं उनका आरोप यह भी है कि आरोपी शिक्षकों द्वारा उस पर प्रकरण बनाने की बात कही गई थी, लेकिन उनकी बेटी द्वारा उठाए गए कदम के बाद उनके द्वारा प्रकरण बनाने की बात को बदल दिया गया और महज हिदायत देना बताया जाने लगा।

कार्यवाही की मांग कर सौंपा ज्ञापन
वहीं दूसरी ओर इस घटना के बाद अभी तक आरोपियों पर कोई कार्यवाही ना किए जाने पर शनिवार को अभाविप ने कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उल्ले ाित किया गया है कि छात्रा को आरोपी शिक्षक अरुण पटैल लगातार परेशान कर रहे थे और महिला शिक्षिका ऋ चा लोधी उनका साथ दे रहे थे। इसी के चलते छात्रा द्वारा यह कदम उठाया गया लेकिन इस निंदनीय घटना पर प्रशासन जल्द कार्यवाही कराए। क्योकि यदि शिक्षक इस तरह की घटनाओं को अंजाम देंगे तो अभिभावक छात्रों को पढऩे ही नहीं भेजेंगे।
कार्यवाही में अभी इंतजार
इस मामले को हुए तीन दिन से अधिक का समय हो जाने और परिजनों के आरोपों के बाद भी लगातार जांच के नाम पर पुलिस व शिक्षा विभाग की टीम महज वयानों को ही दर्ज कर रही है। ऐसे में अब आगामी कार्यवाही कब और क्या होगी यह तय नहीं है, लेकिन यह तय है कि इस तरह की घटनाओं ने महाविद्यालय को चर्चा में ला दिया है और अन्य छात्राओं के अभिभावक भी ऐसी घटनाओं को सुनकर भयभीत हो रहे है।
छात्रा की बिगड़ रही हालत
दूसरी ओर छात्रा की सेहत को लेकर भी बुरी खबर आ रही है और बताया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में इलाज के बाद भी उसकी हालत बिगड़ती जा रही है। इस संबंध में छात्रा के परिजन वीरेंद्र जैन ने बताया छात्रा के गले की अंदरूनी नशे बुरी तरह जल गई है जिससे उसे अब सांस लेने में भी दिक्कत होने लगी और इसके चलते शुक्रवार से उसे ऑक्सीजन पर रखा गया है।

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