आरोप और विरोध प्रदर्शन के बीच प्रशासन ने अतिक्रमण मुक्त कराई 15.5 करोड़ की जमीन

सुबह दलबल के साथ पहुंचे प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण, तो दोपहर तक मिल गया 15 दिन का स्थगन

दमोह। कोतवाली थाना अंतर्गत क्रिश्चियन कॉलोनी में डिसाइपल ऑफ क्राइस्ट चर्च संस्था द्वारा शासकीय अभिलेखों में शासकीय भूमि के रूप में दर्ज खेल मैदान और आम रास्ते पर किए गए अतिक्रमण पर सोमवार सुबह राजस्व, नगरपालिका, पुलिस अमले की मौजूदगी में कार्यवाही की गई। इस दौरान मसीही समाज के लोगों ने कार्यवाही का जमकर विरोध जताया और तनातनी के बीच प्रशासन की कार्यवाही चलती रही। करीब 4 घंटे चली कार्यवाही के बाद कुछ अतिक्रमण को तोड़कर आम रास्ते को खोलकर कार्यवाही का पंचनामा भी बनाया गया। इसके बाद दोपहर को संस्था द्वारा दायर याचिका पर उच्च न्यायालय द्वारा 15 दिन का स्थगन आदेश दे दिया गया है।

यह है मामला

जानकारी अनुसार नगर के नजूल सीट नंबर 55 की 15 हजार 5 सौ वर्ग फीट जमीन खेल के मैदान और आम रास्ते के रूप में दर्ज है, लेकिन उक्त भूमि पर कुछ वर्षों पूर्व संस्था डिसाइपाल ऑफ क्राइस्ट चर्च द्वारा बाउंड्री वॉल निर्माण कर गेट लगा लिए गए थे, जिससे यह खेल मैदान और आम रास्ता आम लोगों के लिए पूर्णतः बंद हो गया था। इन हालातो के चलते स्थानीय लोगों द्वारा मामले में शिकायत दर्ज कराई गई थी इसके बाद तहसीलदार दमोह द्वारा राजस्व प्रकरण क्रमांक अ/68 वर्ष 2024- 25 मध्यप्रदेश शासन विरुद्ध नवीन पुत्र नोएल लाल सचिव डिसाईपल ऑफ क्राइस्ट चर्च दर्ज करके उक्त जगह का सीमांकन कराया और अतिक्रमण पाए जाने पर अतिक्रमण हटाए जाने का नोटिस जारी किया। निर्धारित अवधि बीत जाने पर सोमवार सुबह अमला मौके पर पहुंचा और कार्यवाही शुरू की।

प्रारंभिक विरोध के बाद कार्यवाही शुरू

जैसे ही हमला संबंधित अतिक्रमण को हटाने के लिए पहुंचा वहां पर पहले से मौजूद लोगों ने कार्यवाही का विरोध जताना शुरू कर दिया इस दौरान प्रशासन की कार्यवाही को गलत बताते हुए उपस्थित लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर अपना विरोध जताया लेकिन दल बल के साथ पहुंचे, पुलिस प्रशासन की टीम ने कार्यवाही को आगे बढ़ाया और मैदान में मुख्य मार्ग की तरफ बनाई गई दीवार को जेसीबी की सहायता से तोड़ा और आगे कार्यवाही शुरू की। इस दौरान कार्रवाई को देखते हुए मैदान के अंदर किए गए कई निर्माण को उपस्थित लोगों ने भी हटाना शुरू कर दिया। जिसमें मैदान की साइड और बनाई गई दीवार पार्किंग प्लेस सहित कुछ अन्य निर्माणों को जेसीबी का क्रेन की सहायता से अलग किया गया।

पंचनामा कार्यवाही के बाद फिर विरोध

कार्यवाही पश्चात राजस्व विभाग ने पंचनामा तैयार कर उसे उपस्थित लोगों के सामने पढ़कर सुनाया और उस पर हस्ताक्षर करने के लिए कहा। लेकिन इस दौरान एक बार फिर लोगों ने विरोध जताना शुरू कर दिया विरोध का स्वर बढ़ता देख पुलिस प्रशासन के अधिकारी दूसरी ओर आ गए और जब मीडिया के सामने तहसीलदार मोहित जैन अपनी बात रख रहे थे तभी उपस्थित लोगों ने उनकी कार्यवाही को गलत बताते हुए जोर-जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। इन लोगों का आरोप था कि तहसीलदार द्वारा मीडिया के सामने गलत बयानबाजी की जा रही है जिसका वह विरोध कर रहे हैं l हालातो को बिगड़ते देख पुलिस के आला अधिकारी वहां पहुंचे और स्थिति सामान्य होने के बाद सब एक दूसरे से दूर हट गए।

कार्यवाही के पश्चात भी जताते रहे विरोध

प्रशासन द्वारा जब अपनी कार्यवाही पूर्ण कर ली गई उसके बाद भी वहां मौजूद संस्था समर्थक अपना विरोध लगातार जताते रहे l उनके द्वारा यह आरोप लगाए गए कि अल्पसंख्यक होने के नाते और हिंदूवादी संगठनों के दबाव में इस तरह की कार्यवाही की जा रही है और जानकर उनके निर्माण को तोड़ा जा रहा है। इसी विरोध को आगे बढ़ाते हुए उनके द्वारा कार्रवाई पूर्ण होने के बाद सभी ने एक विशाल घेरा बनाकर अपना विरोध जताना शुरू कर दिया। हालाकि इस दौरान पुलिस प्रशासन की टीम को कार्रवाई पूर्ण करके जाता देख विरोध जता रहे लोगों ने भी अपना प्रदर्शन खत्म कर मैदान को खाली करना शुरू कर दिया।

दोपहर को न्यायालय से मिला स्थगन

इस कार्रवाई को पूर्ण होने के बाद दोपहर को उच्च न्यायालय में हुई याचिका पर सुनवाई पर याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं द्वारा सुनवाई के पूर्व ही कार्यवाही होने और संबंधित भूमि पर कब्जा लेने की बात कहते हुए उक्त याचिका को वापस लेकर मामले में स्वामित्व घोषणा संबंधी वाद दाखिल किए जाने की बात कही। इसके बाद उच्च न्यायालय ने संबंधित भूमि पर 15 दिन का स्थगन आदेश जारी करते हुए यथा स्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं और यह भी स्पष्ट किया है यदि निर्धारित अवधि यानि 22 अक्टूबर तक याचिकाकर्ता द्वारा सिविल वाद दाखिल नहीं किया जाता है तो उक्त अंतरिम राहत स्वतः समाप्त हो जायेगी।

अतिक्रमणकारियों के आरोप: सुनवाई का नहीं दिया अवसर….

इस पूरी कार्यवाही के दौरान अतिक्रमणकारियों बताई जा रहे और कार्यवाही का शिकार संस्था के लोगों का कहना है की उन्हें सुनवाई का कोई भी अवसर नहीं दिया गया है। संस्था सचिव नवीन लाल का कहना था 4 अक्टूबर को उन्हें निर्माण को अतिक्रमण बताते हुए खाली करने का नोटिस दिया गया और राजस्व न्यायालय में उनके पक्ष को नहीं सुना गया। इसके बाद शनिवार रविवार के अवकाश होने के चलते वह अपना पक्ष नहीं रख सके और सोमवार को उच्च न्यायालय में उनकी याचिका पर सुनवाई होने के पहले ही सुबह से अमले ने आकर उनके निर्माण को ध्वस्त कर दिया।

प्रशासन की दलील: पर्याप्त अवसर और नियम के तहत हुई कार्यवाही…

दूसरी ओर इस मामले में प्रशासन किया दलील है कि मामले की शिकायत पर 1 महीने से कार्रवाई हो रही थी और संबंधितों को सुनवाई का पर्याप्त तब कर दिया गया था और नोटिस भी तामील किए गए थे। ऐसे में भी अतिक्रमण न हटाए जाने पर अब प्रशासन नियम अनुसार अतिक्रमण को हटा रहा है। मुख्य मार्ग पर यह बेशकीमती जमीन है जिसकी अनुमानित कीमत 15 करोड़ 50 लाख है जिसे अब प्रशासन खाली कराकर अधिकारियों से निर्देश लेकर सुरक्षित करेगा।

इनकी रही उपस्थिति

कार्यवाही के दौरान एएसपी संदीप मिश्रा, एसडीएम आरएल बागरी, सीएसपी अभिषेक तिवारी, तलसीलदार मोहित जैन, डीएसपी भावना दांगी, कोतवाली थाना प्रभारी आनंद ठाकुर, पथरिया थाना प्रभारी सुधीर बेगी, देहात थाना प्रभारी आरएस बागरी, बटियागढ़ थाना प्रभारी नेहा करोलिया, रजनी शुक्ला सहित पुलिस प्रशासन और नपा अमले की मौजूदगी रही।

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