दमयंती नगर तहसील के ग्राम इमलाई का मामला
दमोह। जिले में लोकायुक्त सागर की टीम ने कार्यवाही करते हुए दमयंती नगर तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम इमलाई में पटवारी को 15 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी पटवारी द्वारा रिश्वत की राशि एक प्लांट के सीमांकन के आवाज में मांगी गई थी जिसमें से 15 हजार शुक्रवार को उसे दिए गए थे।
प्राप्त जानकारी अनुसार ग्राम इमलाई निवासी शुभम पिता जोगेंद्र चौधरी द्वारा अपने पिता की जमीन का सीमांकन कराने के लिए आवेदन प्रस्तुत किया था। उक्त आवेदन को लेकर इमलाई के हल्का क्रमांक 16 के पटवारी तखत सिंह पिता स्व काशीराम गौड़ के द्वारा आवेदक से 25 हजार रुपयों की रिश्वत की मांग की जा रही थी। इस मांग के चलते आवेदक के द्वारा 5 नवंबर को सागर लोकायुक्त के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई थी और वहीं 6 नवंबर 2024 को सत्यापन होने के बाद लोकायुक्त ने रिश्वतखोर पटवारी को पकड़ने के लिए अपना जाल बिछाया।
15 हजार पर बनी सहमति
रिश्वत की मांग के दौरान आवेदक की आरोपी पटवारी से 15 हजार रुपए में सीमांकन का कार्य करने पर सहमति बनी और उसके बाद शुक्रवार को ग्राम इमलाई के पंचायत भवन में आरोपी द्वारा उक्त रकम ली गई और इसके साथ ही तैयार बैठी लोकायुक्त टीम ने उसे रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथों धर दबोचा। आवश्यक कार्यवाही के बाद लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। लोकायुक्त कार्यवाही में लोकायुक्त निरीक्षक रोशनी जैन, निरीक्षक संजीत सिंह सहित स्टाफ की भूमिका रही।
जमीन बेचने का भी बनाया दबाव
इसी मामले में शिकायतकर्ता किसान जोगेंद्र अहिरवार ने पटवारी पर जमीन बेचे जाने की दबाव बनाने का आरोप भी लगाया। शिकायतकर्ता के अनुसार इमलाई मौजा में उसकी खेती की जमीन है, जिसे सीमांकन करने के लिए उसने पटवारी तखत सिंह को आवेदन दिया था। उन्होंने दो बार मेरा आवेदन निरस्त किया और मुझसे कहा कि जमीन बेच दो। मैंने जमीन बेचने से मना किया तो उन्होंने मुझे परेशान करना शुरू कर दिया और सीमांकन करने की आवाज में 20 हजार की मांग की गई। वहीं दूसरी ओर लोकायुक्त की गिरफ्त में आया पटवारी भी खुद को निर्दोष बताते हुए इसे पुरानी रंजिश के चलते झूठा फसाया जाना बताता रहा। पटवारी के अनुसार उसके पास शिकायतकर्ता की सीमांकन का कोई भी आवेदन नहीं है और ना ही उसके पास सीमांकन का अधिकार है।