अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही पर कठघरे में प्रशासन, दूसरे दिन सड़क पर उतरकर संगठनों ने जताया विरोध

पक्षपाती और मनमानी कार्यवाही से नाराज लोगों ने तहसीलदार का जताया पुतला, सौंपा ज्ञापन

दमोह। नगर में की जा रही अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही में मंगलवार को पुरैना तालाब क्षेत्र के अतिक्रमण हटाए जाने के बाद लोगों के बीच उपजी नाराजगी बुधवार को सड़कों पर आ गई। सर्व हिंदू समाज के बैनर तले कई सामाजिक संगठनों ने एक साथ आकर अपना विरोध जताया और कार्यवाही पर सवाल उठाए। इस दौरान सभी संगठनों ने नारेबाजी के बाद तहसीलदार मोहित जैन का पुतला भी जला दिया। बाद में एक ज्ञापन प्रशासन को सौंपते हुए अतिक्रमण पर निष्पक्ष कार्यवाही की मांग की गई।

विरोध के दौरान चलती रही समझाइस

मंगलवार को की गई कार्यवाही के बाद आमजन की नाराजगी का अंदाजा प्रशासन को था और साथ ही बुधवार को होने वाले विरोध प्रदर्शन की जानकारी भी पुलिस प्रशासन को हो चुकी थी। ऐसे में स्थितियों को देखते हुए पुलिस प्रशासन की टीम ने अपना मोर्चा पहले ही संभाल लिया था। नगर के अस्पताल चौक सहित कीर्ति स्तंभ चौराहे पर पुलिस प्रशासन की टीम के साथ वाटर कैनन की भी तैनाती कर दी गई थी। दोपहर के समय विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं सहित आमजन का एकत्रीकरण होते देखा पुलिस प्रशासन की टीम विरोध जाता रहे लोगों से बातचीत के लिए भी पहुंची और उन्हें समझाइस भी दी। इस दौरान लोगों ने वर्तमान अतिक्रमण विरोधी कार्यवाहियों को स्पष्ट रूप से पक्षपाती बताते हुए अपनी नाराजगी जताई। उसके बाद वह डॉ अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली के रूप में नारेबाजी करते हुए सभी कीर्ति स्तंभ चौराहे पर पहुंचे जहां उनके द्वारा तहसीलदार का पुतला दहन किया गया।

गिराने तक ही सीमित कार्यवाही

विरोध जता रहे लोगों का कहना था कि हर बार व्यवस्थित और सुंदर दमोह की बात कहते हुए प्रशासन अतिक्रमण हटाता है लेकिन इसके बाद कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती है। जहां एक और नगर के प्रमुख स्थानों और मुख्य मार्गों पर वर्षों से अतिक्रमण चिन्हित किए जाने के बाद भी नहीं हटाए गए हैं वहीं दूसरी ओर गलियों में कार्यवाही करते हुए गरीबों और दिव्यांगों के वर्षों पुराने घरों के साथ गौ वंशों के रखने की जगह को तोड़ा जा रहा है।

भ्रष्टाचार के लग रहे आरोप

लोगों के बीच उपजा यह विरोध अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही में दबंगों और भू माफियाओं के कब्जे को छोड़कर गरीबों के तोड़े गए आशियानों को लेकर सामने आया है। दरअसल प्रशासन की अतिक्रमण विरोधी कार्यवाही में वर्षों से चयनित अतिक्रमणों के स्थान पर आनन फानन में नए अतिक्रमणों को चिन्हित कर कार्यवाही की गई है। जिसके बाद आरोप लग रहे है कि अतिक्रमण निजी लाभ के लिए हटाए जा रहे है और दबंगों व भू-माफियाओं के अतिक्रमण के स्थान पर गरीबों को निशाना बनाया जा रहा है। सामने आ रहे मामलों में जहां कई स्थानों पर अतिक्रमण पाए जाने के बाद संबंधित विभाग द्वारा अतिक्रमणकारियों को महज नोटिस जारी कर मामले को दबा दिया गया। वहीं कई स्थानों पर शासन द्वारा मुआवजा राशि प्रदान किए जाने के बाद भी प्रशासन ने कार्यवाही नहीं की। इस दौरान लोगों ने तहसीलदार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगाए।

ज्ञापन से चिन्हित कराए अतिक्रमण

सौंपे गए ज्ञापन में नगर सहित आसपास क्षेत्र में प्रशासन के संज्ञान में आने के बाद भी कार्यवाही का इंतजार कर रहे अतिक्रमण स्थलों को पुनः प्रशासन के संज्ञान में लाते हुए इन अतिक्रमणों को तत्काल हटाए जाने की मांग की गई। वही विरोध जाता रहे लोगों ने यह भी चेतावनी दी कि यदि उक्त अतिक्रमणों पर कार्यवाही नहीं की जाती तो भविष्य में और भी उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

जहां पर भी अतिक्रमण सामने आते हैं कार्यवाही की जाती है। आज के ज्ञापन में भी संबंधित विभागों को कार्यवाही के लिए प्रेषित किया जाएगा और सभी अतिक्रमण हटाए जाएंगे।

आरएल बागरी
एसडीएम दमोह

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