भाजपा ने फूंका राहुल गांधी का पुतला तो कांग्रेस ने प्रदर्शन के दौरान अमित शाह पर की तीखी टिप्पणी
बिगड़ते हालातों के चलते मौके पर भारी पुलिस बल की रही तैनाती, धरना उपरांत दूसरे रास्ते से निकले कांग्रेस पदाधिकारी
दमोह। नगर की राजनीति का सियासी रंग एक बार फिर शनिवार को देखने को मिला जब एक ही दिन में प्रस्तावित भाजपा और कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान दोनों पार्टी के कार्यकर्ता आमने सामने आ गए। ऐसे में बड़े विवाद की आशंका को देखते हुए पुलिस प्रशासन के हाथ पैर फूल गए और एहतियात के तौर पर कांग्रेस के धरना स्थल के समीप भारी पुलिस बल की तैनाती के साथ पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे। धरना के दौरान भी भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता एक दूसरे के आमने सामने आकर नारेबाजी करते रहे और धरना प्रदर्शन के बाद भी पुलिस ने एहतियात के तौर पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं को दूसरे रास्ते से निकाला।
भाजपा ने जलाया राहुल गांधी का पुतला
प्रदर्शन की शुरुआत भाजपा के प्रदर्शन से हुई। युवा मोर्चा के बैनर तले भाजपा कार्यालय कीर्ति स्तंभ पर भाजपा कार्यकर्ताओं के एकत्रीकरण पश्चात सभी कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए अस्पताल चौक पहुंचे जहां नारेबाजी और विरोध करते हुए उनके द्वारा कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी का पुतला दहन किया गया।
पुतला दहन रोकने में हुई नोंकझोंक
प्रदर्शन करने पहुंचे कार्यकर्ताओं ने सबसे पहले अस्पताल चौक पहुंचकर डॉ अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उसके बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए उनके पुतले में आग लगा दी। भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी पर संसद में गुंडागर्दी और मनमानी के आरोप लगाते हुए अपना विरोध जताया। पुतला दहन के दौरान तैनात पुलिसकर्मियों और नगर पालिका की फायर ब्रिगेड ने पानी की बौछार कर आग को बुझा दिया जिसके चलते तनातनी के हालत निर्मित हो गए। इसके चलते प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ता अपना आक्रोश जताने लगे और इस दौरान तीखी बहस भी पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच देखने को मिली। काफी देर तक पुलिस और कार्यकर्ता आमने सामने रहे और इस दौरान कार्यकर्ताओं ने नगरपालिका के विरोध में भी नारेबाजी कर दी।
कांग्रेस के धरना स्थल पर आए आमने सामने
भाजपा के प्रदर्शन के दौरान चंद कदमों पर कांग्रेस पार्टी द्वारा अनुसूचित जाति विभाग द्वारा प्रस्तावित धरना प्रदर्शन भी प्रारंभ हो गया। जब भाजपा कार्यकर्ता प्रदर्शन के उपरांत वापस लौटने लगे तो वह धरना स्थल वाले रास्ते पर ही आ गए और कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता आमने सामने हो गए। आरोप है कि कांग्रेस की ओर से धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों की किसी टिप्पणी से भाजपा के कार्यकर्ता और भी आक्रोशित हो गए और उन्होंने कांग्रेस के धरना स्थल पर लगे पंडाल को उखाड़ने का भी प्रयास किया। इसके चलते वहां अफरातफरी के हालत निर्मित हो गए और पुलिस ने आक्रोशित कार्यकर्ताओं को दूर किया जिसके बाद कार्यकर्ता अपने अपने रास्ते निकल गए।
तत्काल की गई भारी पुलिस बल की तैनाती
इन हालातो के बाद पुलिस ने किसी बड़े विवाद की आशंका के चलते तत्काल ही मोर्चा संभाला और मौके पर पुलिस पुलिस बल की भारी तैनाती तैयारियों के साथ कर दी गई। मौके पर दो दमकल वाहनों को भी खड़ा कर लिया गया और साथ ही धरना स्थल वाले रास्ते को दोनों ओर से रोक दिया गया। स्थितियों की जानकारी मिलने पर पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई थाना प्रभारियों की मौके पर तैनाती कर दी गई।
पुतला दहन की घोषणा के बाद फिर तनातनी
पुलिस की भारी तैनाती के बीच कांग्रेस ने अपना धरना प्रदर्शन शुरू किया पर इस दौरान उनके कार्यकर्ता भाजपा पार्टी सहित भाजपा के नेताओं पर भी तीखी बयानबाजी करते रहे। इसी बयानबाजी के बीच यह घोषणा की गई कि डॉ अम्बेडकर के अपमान के विरोध में कांग्रेसजनों द्वारा भी गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन किया जाएगा। इस घोषणा के बाद एक बार फिर तना तनी के हालात निर्मित हो गए और धरना स्थल से चंद कदम दूर भाजपा कार्यकर्ता दिया कर खड़े हो गए और उनके द्वारा भी यह घोषणा की गई कि किसी भी कीमत पर वह गृहमंत्री अमित शाह का पुतला दहन नहीं होने देंगे। हालातो को देख पुलिस सभी स्थितियों पर नजर रखते हुए यह सुनिश्चित करती रही कि विवाद की स्थिति ना बने और इस दौरान यह भी स्पष्ट किया गया की धरना प्रदर्शन की अनुमति ही प्रशासन द्वारा दी गई है, इसलिए पुतला दहन जैसा विरोध स्वीकार नहीं किया जाएगा। करीब 2 घंटे तक इसी आशंकाओं के बीच कांग्रेस अपना प्रदर्शन करती रही और पुलिस कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं की हर गतिविधियों पर नजर रखती रही। दो बार ऐसी भी स्थिति आई जब कांग्रेस और भाजपा के कार्यकर्ता आमने-सामने आकर एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए लेकिन पुलिस ने उन्हें एक दूसरे के पास नहीं जाने दिया। पुलिस ने विवाद और मारपीट की संभावना को देखते हुए कुछ कार्यकर्ताओं की घेराबंदी भी की ताकि अप्रिय स्थिति न बने। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा, एसडीएम आरएल बागरी, नगर पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी, एसडीओपी पथरिया रघु केशरी, कोतवाली थाना प्रभारी आनंद राज, निरीक्षक आनंद ठाकुर, देहात थाना प्रभारी मनीष कुमार, यातायात थाना प्रभारी दलबीर मार्को, विशेष शाखा प्रभारी सतीष राठौर, बटियायागढ़ थाना प्रभारी नेहा कारोलिया, हटा थाना प्रभारी धर्मेंद्र उपाध्याय, कुम्हारी थाना प्रभारी रोहित द्विवेदी,जबेरा थाना प्रभारी विकास चौहान, जबलपुर नाका चौकी प्रभारी आनंद अहिरवाल, सहित पुलिस बल मौजूद रहा।
ज्ञापन के उपरांत दूसरे रास्ते से निकले कांग्रेसी
कांग्रेस के धरना प्रदर्शन समाप्ति के बाद प्रशासन की ओर से उनके ज्ञापन लेने के लिए एसडीएम आरएल बागरी मौके पर मौजूद रहे। काफी देर तक धरना दे रहे कांग्रेसजनों ने अपने वरिष्ठ नेताओं का धरना स्थल पर आने का इंतजार किया, लेकिन जब कोई भी बड़ा नेता धरना स्थल पर नहीं पहुंचा तो उनके द्वारा ही प्रशासन के समक्ष ज्ञापन का वाचन कर ज्ञापन प्रशासन को सौंपा और गृह मंत्री अमित शाह पर डॉ अंबेडकर के अपमान का आरोप लगाते हुए राष्ट्रपति से उन्हें पद से हटाए जाने की मांग के साथ बीते दिनों पटेरा थाना क्षेत्र में डॉ अंबेडकर की प्रतिमा को खंडित करने बालों पर कार्यवाही की मांग सहित जिले में डॉ अंबेडकर की प्रतिमाओं की सुरक्षा की मांग की। इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पुलिस सुरक्षा के बीच दूसरे रास्ते से पुलिस सुरक्षा के बीच भेजा गया।