कालेज प्रबंधन की मनमानी से पूर्व में भी एक छात्र ने की आत्महत्या

Rashtrvaibhav Investigation

5 माह पूर्व की घटना, आजतक नहीं हुई कार्यवाही
दमोह।
शासकीय कॉलेज में अध्यनरत एक छात्रा द्वारा आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास किए जाने के बाद कॉलेज शिक्षकों पर लगे आरोप और कॉलेज प्रबंधन की लापरवाही की जांच शुरु हो चुकी है। वहीं अब ऐसे और भी मामले सामने आ रहे है जिसमें कॉलेज प्रबंधन की तानाशाही और मनमानी के चलते छात्र की जान तक चली गई, लेकिन मामलों को दबा दिया गया और कोई भी कार्यवाही या जांच तक नहीं की गई। सामने आ रही जानकारी में लगभग 5 माह पूर्व कॉलेज के एक छात्र द्वारा इसी तरह के हालातों को लेकर आत्महत्या कर ली थी। मृतक के परिजनों ने भी इस संंबंध में आरोप लगाए थे लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई।

मृतक छात्र के जीवित अवस्था का चित्र


यह है मामला
बताया जा रहा है कि महाविद्यालय का बीए तृतिय सेमेस्टर का छात्र प्रवेन्द्र पुत्र डोमल लोधी निवासी जामुनखेड़ा ८ अक्टूबर को सेमेस्टर एग्जाम देने गया था लेकिन इस दौरान उसके द्वारा ड्रेस नहीं पहनी गई जिसके चलते कॉलेज के स्टाफ व प्राचार्य द्वारा उसे परीक्षा में प्रवेश नहीं दिया गया। परीक्षा छूट जाने के बाद छात्र बापस घर लौटा और खेत पर जाकर उसके द्वारा जहरीले पदार्थ का सेवन कर लिया और बाद में इलाज के दौरान जबलपुर ले जाते समय उसकी मौत हो गई थी और उसके पूर्व उसके वयान दर्ज हुए थे और जबलपुर में पोस्टमार्टम उपरांत परिजनों के भी वयानों को दर्ज किया गया लेकिन कार्यवाही नहीं की गई।


प्राचार्य ने बता दिया था अनुपस्थित
वहीं इस मामले में पुलिस जांच भी संदेह के घेरे में है क्योकि इस तरह एक युवक की आत्महत्या और वयानों से आरोपों के घेरे में आए प्राचार्य के वयान के आधार पर ही प्रकरण की जांच पूरी कर सभी को क्लीन चिट दे दी । इस संबंध में मामले की जांच से जुड़े एसआई तेंदूखेड़ा प्रदीप चौधरी से जानकारी ली गई तो उनका कहना था कि जांच के दौरान प्रचार्य के बयानों में घटना दिनांक को मृतक का कॉलेज से अनुपस्थित होना बताया था जिसके चलते उच्च अधिकारियों को निर्देश पर मामले को बंद कर दिया गया था।


आज भी न्याय का इंतजार
घटना को हुए पांच महिने बीत गए है और घर का चिराग भी बुझ गया है लेकिन परिवार के लोग आज भी न्याय और मामले में कार्यवाही का इंतजार कर रहे है। मृतक के पिता का एक पुत्र व एक पुत्री थी जिसमें से पुत्र नहीं रहा। मृत्यु पूर्व युवक ने साथ हुई घटना के जानकारी भी परिजनों को दी थी जिसपर परिजनों ने भी पुलिस को यही वयान दिए थे। इसके अलावा उनका कहना यह भी है कि मृतक की ड्रेस उस दिन गंदी थी जिसके चलते वह परीक्षा में ड्रेस पहनकर नहीं जा सका। लेकिन इस बात पर उसे परीक्षा से बंचित कर दिया जाना किस तरह से सही था यह समझ के परे है।

मृतक छात्र के परिजन

फसता देख अब छात्राओं को किया शामिल
वहीं दूसरी ओर छात्रा द्वारा आग लगाए जाने के मामले में प्रबंधन की लापरवाही सामने आने के बाद अब आरोपी शिक्षक और प्रबंधन कॉलेज की छात्राओं को ही ढाल बनाकर खुद का बचाव करता दिख रहा है। जांच टीम को अनियमिताओं और लापरवाही की पुष्टी होने के बाद अब संभावित कार्यवाही से बचने के लिए सोमवार को छात्राओं के द्वारा एसडीओपी को ज्ञापन दिलाया, जिसमें छात्राओं ने कॉलेज प्रबंधन को बेकसूर बताया और मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की। इसी तरह कालेज में पदस्थ कर्मचारी अन्य तरीकों से भी अपने आप को बचाने के लिये प्रयास कर रहे है और उस प्रयास में खुद ही फसते नजर आ रहे है।
पत्र में अनुपस्थित प्राचार्य के हस्ताक्षर
लापरवाहियों को छिपाने के प्रयास में जहां कालेज की परीक्षा 29 मार्च से शुरू होने से 13 अप्रैल तक कॉलेज प्रबंधन ने पुलिसा को सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कोई भी सूचना नहीं दी, लेकिन घटना सामने आने के बाद आनन फानन एक पत्र भेजकर कॉलेज में पुलिस व्यवस्था और एक महिला पुलिस कर्मी की मांग कर दी गई। इस पत्र में जहां प्राचार्य के हस्ताक्षर हरे रंग के पेन से है, लेकिन 13 अप्रैल को वह कॉलेज से अनुपस्थित बताए गए है। इन सब बातों के बीच अब जांच टीम द्वारा जल्द की इस मामले में कार्यवाही की बात कही जा रही है।

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