नवजात की मौत के बाद जिला अस्पताल में बने हंगामें के हालात

परिजनों ने लगाये लापरवाही के तो स्टाफ नर्स ने लगाए मारपीट के आरोप

दमोह। अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए हमेशा कटघरे में रहने वाले जिला अस्पताल में गुरुवार शाम एक बार फिर हंगामें के हालात बन गए। दरअसल यहां पर एक नवजात मासूम की इलाज के दौरान मौत होने के बाद मासूम के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। इन्हीं आरोपों के बीच ड्यूटीरत स्टाफ नर्सो ने भी परिजनों पर उनके साथ अभद्रता और मारपीट किए जाने के आरोप लगाए दिए। घटना के बाद कोतवाली पुलिस ने नवजात के परिजनों को कोतवाली थाना ले गई है और मामले की जांच की जा रही है। घटना के बाद मासूम के परिजन रोते बिलखते और कार्यवाही की मांग करते दिखाई दिए।

प्राप्त जानकारी अनुसार अनिल गौतम निवासी गढ़िया मोहल्ला का 30 दिन का बालक बीमारी के चलते जिला अस्पताल के वेंटीलेटर में था और अचानक उसकी तबीयत फिर खराब होने लगी। परिजनों के अनुसार उनके द्वारा ड्यूटी पर मौजूद नसों से बार-बार बालक को देख लेने की बात कही गई लेकिन स्टाफ नर्सो ने उनकी बात को नजरअंदाज कर मोबाइल चलाती रही और इसी दौरान नवजात की मौत हो गई।

घटना के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था और उनके द्वारा स्पष्ट रूप से ड्यूटी के दौरान डाक्टर न होने और समुचित इलाज न होने की बात कही जाती रही।

आरोपों का खंडन कर लगा दिए आरोप

दूसरी ओर जिला अस्पताल में ड्यूटीरत स्टाफ नर्स प्रियंका विश्वकर्मा ने मामले में अपना पक्ष रखते हुए मासूम की हालत ज्यादा खराब होने की बात कहते हुए लापरवाही के आरोपों से इंकार किया है। हालांकि घटना के समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर सुनील जैन का ऑन कॉल होना और स्टाफ भी कम होना सामने आया है। दूसरी ओर नर्स द्वारा मृत मासूम के परिजनों पर उनके साथ अभद्रता और मारपीट किए जाने के आरोप लगाए हैं। स्टाफ नर्स की शिकायत पर कोतवाली थाना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पहले दोनों पक्षों को समझाइस दी गई है और मामला शांत कराया।

इसी मामले में जब जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ राकेश राय से जानकारी लिए जाने के लिए फोन लगाया गया लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया।

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