परिवहन ठेकेदार और एफसीआई की लापरवाही
दमोह। रविवार को हुई बारिश में एफसीआई और अनाज परिवहन से जुड़े ठेकेदार की लापरवाही के चलते गेंहू की सैकड़ो बोरियां पानी से गीली हो गई, जिससे शासन का अनाज अब खराब होने की स्थिति में पहुंच गया है। वहीं लापरवाही से हुए इस नुकसान को छिपाने के लिए आनन फानन में रैक को भरना शुरु तो कर दिया गया है लेकिन यह तय है कि अपने गंत्व्य स्थल पर पहुंचने तक यह गेंहू खराब हो जाएगा। जिसका नुकसान सरकार का होगा और लापरवाही पर भी पर्दा डाल दिया जाएगा।
बारिश के बाद भी नहीं दिया ध्यान
दरअसल एफसीआई का खरीदे गेंहू का परिवहन प्रदेश के बाहर किया जाना है। इसके चलते इन बोरियों को रेल्वे स्टेशन के प्लेटफॉर्म तक पहुंचाकर रेल्वे से रैक मिलने का इंतजार किया जाने लगा। ऐसे में बैमौसम बारिश के दौर और और शनिवार से ही आसमान में छाए बादलों को दरकिनार करते हुए जिम्मेदारों ने इसकी सुरक्षा को लेकर सुध नहीं ली और बोरियां बगैर किसी सुरक्षा के रखी रही। रविवार दोपहर बारिश का दौर शुरु हुआ तो खुले में पड़ी यह बोरियां भी पानी से गीली हो गई। हैरानी यह भी है कि इस लापरवाही के चलते जब द्वारा मौके पर स्थिति को देखा गया तो वहां कोई भी जिम्मेदार मौजूद नहीं था जो इस परिवहन व्यवस्था के बारे में जानकारी दे या लापरवाही को रोक सके ।
एफसीआई और ठेकेदार में उलझी प्रक्रिया
के चलते यह तो तय है कि अनाज की यह बोरियां खराब हो चुकी है लेकिन अब इसकी जिम्मेदारी किसकी है यह कोई तय नहीं करना चाहता है। बताया जा रहा है कि परिवहन का यह ठेका विदिशा के ठेकेदार राकेश जैन के पास है और उन्हें ही इन अनाजों की बोरियां को पानी से बचाव के इंतजाम करने थे, लेकिन बारिश के दौरान ठेकेदार और उसके प्रतिनिधि ना सिर्फ मौके से गायब थे बल्कि जानकारी के बाद भी उनके द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। वहीं दूसरी ओर इस एफसीआई को भी इस प्रक्रिया पर नजर रखते हुए अनाज की सुरक्षा सुनिश्चित करनी थी लेकिन एफसीआई के अधिकारी भी इस ओर उदासीन बने रहे जिसके चलते यह हालात सामने आए।
अभी भी धीमी कार्य की गति
शासकीय अनाज के परिवहन कार्य से जुड़े विभाग और ठेकेदार की कार्यप्रणाली पर नजर डाले तो अभी भी परिवहन के हालात काफी धीमे है। बताया जा रहा है कि अनाज की यह बोरियां प्लेटफॉर्म पर एक दिन पूर्व आ चुकी थी और ठेकेदार को 16 घंटे की अवधि दी गई थी जो रविवार सुबह 10 बजे खत्म हो गई थी। इस दौरान रेल्वे भी ठेकेदार को समय पर रैक उपलब्ध नहीं करा सका जिसके चलते कार्य वहीं रुक गया और बारिश होने से रही सही कसर भी पूरी हो गई। वही अनाज खराब होने के बाद महकमा हरकत में आया और शाम करीब 6 बजे रेल्वे ने रैक उपलब्ध कराया और इस दौरान एफसीआई की टीम भी वहां हालातों को देखने पहुंची। फिलहाल बोरियों को रैक में भरा जाने लगा है लेकिन कार्य की धीमी गति देख जानकार बताते है कि तय समय पर ठेकेदार द्वारा यह कार्य पूर्ण किया जाना अभी भी संभव नहीं है।
इनका कहना है
बोरियों को सुरक्षित रखना ठेकेदार की जिम्मेमेदारी है, हमारे द्वारा उसे शाम 6 बजे रैक उपलब्ध करा दिया गया है अब उन्हें निर्धारित समय में अपना कार्य करना होगा।जेएस मीणा, स्टेशन मास्टर, दमोह
गोदाम से निकलने के बाद अनाज की जिम्मेदारी एफसीआई की होती है। मैं संबंधितों से समन्वय कर इस मामले में उचित कार्यवाही का प्रयास करता हूँ। मयंक अग्रवाल, कलेक्टर दमोह