धक्का मुक्की के बीच आक्रोशित किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़कर घुसने का किया प्रयास वमुश्किल हालात हुए काबू

दमोह। जिले में हो रही अच्छी बारिश के दौर के बीच सभी इस वर्ष अच्छी फसलों की उम्मीद लगा रहे हैं।लेकिन खेतों में मेहनत कर रहे किसान बाजारों में खाद की कमी के चलते परेशान नजर आ रहे हैं और हालात यह है की घंटों लाइन में लगे रहने के बाद भी किसानों को खाद नसीब नहीं हो रहा है जिससे अब उनके सब्र का बांध टूटने लगा है। ऐसे ही हालत सोमवार को तेंदूखेड़ा के डबल लॉक गोदाम में देखने को मिले जहां एक सप्ताह से यूरिया खाद का इंतजार कर रहे किसानों को जब खाद नसीब नहीं हुई तो वह आक्रोशित हो गए और उनके द्वारा बैरिकेडिंग तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास किया गया जिसके चलते वहां मौजूद पुलिस और प्रशासन के साथ धक्का मुक्की के हालात बन गए। हालांकि कुछ देर में हालातो पर काबू पा लिया गया लेकिन आक्रोशित किसानों का कहना था कि वरिष्ठ अधिकारियों की मनमर्जी के चलते हालात ऐसे बने हैं कि कई किसानों को दो-दो बोरी यूरिया मिल गया है और बाकी के साथ सुबह से लाइन में खड़े होने के बाद भी यूरिया नहीं पा सके है।
प्राप्त जानकारी अनुसार तेंदूखेड़ा क्षेत्र में लगभग एक सप्ताह से यूरिया उपलब्ध नहीं थी और रविवार को वितरण हेतु 5 ट्रक यूरिया आया था। उक्त यूरिया के वितरण के लिए सोमवार सुबह से डबल लॉक गोदाम में तीन काउंटर बनाए गए थे। खाद वितरण होने की जानकारी मिलने पर मौके पर किस पहुंचने लगे और सैकड़ो की संख्या में किसान आकर लाइन में लग गए। इस दौरान सर्वर डाउन होने और पीओएस मशीन से वितरण में हो रही देरी के भीड़ बढ़ने लगी और किसान धक्का मुक्की भी करने लगे।

एसडीएम ने बदल दी व्यवस्था
वरिष्ठ अधिकारियों और पुलिस की उपस्थिति में यूरिया का वितरण चल ही रहा था कि इसी दौरान वहां पहुंचे एसडीएम सौरव गंधर्व ने हालातों को देखकर व्यवस्थाओं में बदलाव किया और किसानों को टोकन देते हुए बनाए गए काउंटर के स्थान पर सीधे गोदाम से खाद्य वितरण किए जाने के निर्देश दे दिए। आदेश के परिपालन में जैसे ही गोदाम के अंदर से खाद का वितरण शुरू हुआ किसान अंदर जाने का प्रयास करने लगे और उन्होंने काउंटर की बेरिकेटिंग और लाइन को तोड़कर अंदर घुसने का प्रयास करना शुरू कर दिया। स्थितियों के चलते वहां पर अफरा तफरी के माहौल बना और जैसे तैसे धक्का मुक्की के बीच पुलिस और मौजूद अधिकारियों ने किसानों को शांत कराया और उनसे शांति और व्यवस्थाएं बनाए रखने की अपील की। इस अफरातफरी और धक्कामुक्की के चलते कुछ किसानों और पुलिस कर्मियों को भी मामूली चोटें भी आई है।

आक्रोशित किसानों ने लगाए आरोप
मामले को लेकर मौजूद किसानों ने आरोप लगाए हैं कि व्यवस्थाओं का हवाला देकर जो बदलाव किए गए हैं उसके चलते उन्हें यूरिया नहीं मिल सकी है। किसानों का कहना है कि बस सुबह से लाइन में लगे रहकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे लेकिन इसी दौरान गोदाम से खाद का वितरण शुरू कर दिया गया जिसके चलते कई किसानों ने इनसे अधिक बार यूरिया ले लिया और वह सारे दिन लाइन में लगे रहने के बाद भी यूरिया नहीं पा सके। दूसरी और उनका कहना यह भी है कि किसानों को उनकी जमीन और जरूरत के हिसाब से यूरिया भी नहीं दी जा रही है।

प्रशासन का पक्ष बेहतरी के लिए किए प्रयास
इसी मामले में एसडीएम सौरभ गंधर्व का कहना है कि उन्होंने व्यवस्थाओं को और बेहतर करने का प्रयास किया था और अपने सामने ही उन्होंने सभी किसानों को यूरिया खाद वितरण कराई है। उन्होंने बताया कि आंकलन की गई हुई जरूरत से थोड़ी अधिक यूरिया ही मंगाई गई थी और उसे सभी को वितरित किया गया है। चूंकि किसान काफी अधिक थे और पुलिस प्रशासन का अमला कम था जिसके चलते किसानों को परेशानी के हालात थे। उन्हीं परेशानियों को दूर करने नई व्यवस्था बनाई गई थी। किसानों के लिए आज भी खाद का वितरण किया जाएगा