
दमोह। जिले में खाद्य विभाग की चयनित कार्यवाहियों के बीच अब लोगों को दूषित खाद्य पदार्थों से बचने की जिम्मेदारी भी पुलिस को निभानी पड़ रही है। इसी क्रम में पुलिस महकमे ने मुखबिर की सूचना पर कार्यवाही करते हुए आगामी त्योहारों के पूर्व ही जिले में लाया गया दूषित मावा जप्त करने में सफलता पाई है। हालांकि मावे के गुणवत्ता के संबंध में अभी पूर्ण पुष्टि नहीं हो सकी है लेकिन प्रारंभिक जांच में इसके अमानत होने की जानकारी सामने आ रही है।
जानकारी अनुसार पुलिस अधीक्षक द्वारा आगामी त्यौहार को दृष्टिगत रखते हुए खाद्य विभाग से संमन्वय स्थापित कर मिलावटी खाद्य पदार्थों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया था। इसी तारतम्य में सोमवार को कोतवाली पुलिस को मुखबिर सूचना मिली थी की टीकमगढ से दमोह आ रही छत्रपाल बस सर्विस बस क्रमांक एमपी 36 पी 0322 से संदिग्ध खाद्य पदार्थ परिवहन कर ले जाया जा रहा है। सूचना पर कोतवाली थाना प्रभारी मनीष कुमार ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं नगर पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में त्वरित कार्यवाही करते हुए खाद्य विभाग की टीम को सूचना दी गयी और मौके पर पहुंची टीम ने 1 हजार 649 किलो 67 ग्राम मावा जिसकी अनुमानित कीमत 4 लाख 12 हजार 418 रूपये है। जप्त किया गया। जब्त मावे पर अब आगामी कार्यवाही खाद्य विभाग द्वारा की जानी है।
जमीनी स्तर से ज्यादा फोटो विज्ञप्तियों में कार्यवाही
उल्लेखनीय है कि जिले में खाद्य विभाग की कार्यवाही जमीनी स्तर पर काम और जारी फोटो और विज्ञप्तियों में ज्यादा नजर आती है। दशकों से जिले में जड़े जमा चुके विभाग के अधिकारी मंथली कमीशन के खेल में चयनित कार्यवाहियां करने के लिए जाने जाते हैं। हालात यह है कि इनके संरक्षण में पल रहे जिले के बड़े खाद्य प्रतिष्ठान पर की गई जांच में विभाग को हमेशा सही हालत मिलते है। सूत्र तो यह भी बताते है कि विभाग का एक अधिकारी अपने चहेते व्यवसायियों के कहने पर उनके प्रतिस्पर्धी व्यवसाईयों के प्रतिष्ठानों पर जांच और कार्यवाहियां करते हुए परेशान करते हैं जिससे उनके व्यवसाय प्रभावित होता है और इसका फायदा उनके चहेते खाद्य व्यापारियों को मिलता है।
कार्यवाही के संबंध में कलेक्टर सुधीर कोचर का बयान