मिशन अस्पताल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, एंटी फायर एक्सटेंशन यूनिट की खुली पोल

समय पर आग पर काबू पा लेने से टला बड़ा हादसा, शुरू होगी जांच

दमोह। गत वर्ष जुलाई में जबलपुर के एक निजी अस्पताल में हुए भीषण अग्निकांड के बाद भी अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन इस ओर उदासीन बने हुए हैं और ज्यादातर अस्पतालों के आग बुझाने से जुड़े संयंत्र दिखावा साबित हो रहे हैं। ऐसा ही मामला सोमवार को सामने आया जब राय चौराहे स्थित मिशन अस्पताल के एक हिस्से में आग लग गई। इस दौरान अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों द्वारा अपने प्रयासों से आग पर काबू पा लिया गया और कोई जन हानि भी सामने नहीं आई, लेकिन घटना से अस्पताल के सुरक्षा उपायों की पोल खुल गई।

एसी का शार्ट सर्किट बताया जा रहा कारण

प्राप्त जानकारी अनुसार मिशन अस्पताल में कुछ वर्षों पूर्व बनाई गई सर्जिकल वार्ड के एक हिस्से में दोपहर करीब 12:00 आग लग गई। बताया जा रहा है की इमारत के प्रथम तल में बनाए गए बैठक रूम में लगे एसी में शॉर्ट सर्किट हुआ और धमाके के साथ ऐसी फट गया जिसके बाद वहां आग और धुआं तेजी से फैलने लगा। एसी बैठक रूम होने के चलते यह हिस्सा चारों ओर से बंद था ऐसे में आग बुझाने पहुंचे अस्पताल कर्मचारियों ने वहां पर लगे शीशों को तोड़ा, जिसके बाद दुआ बाहर निकला और थोड़ी देर बाद आग को बुझा लिया गया। इस दौरान इमारत में काफी धुआं भर चुका था।

नाकामयाब साबित हुआ एंटी फायर एक्सटेंशन

इस घटनाक्रम से अस्पताल की आग संबंधी सुरक्षा उपायों की एक बार फिर पोल खुल गई। बताया जा रहा है कि आग लगने के दौरान मिशन अस्पताल में लगाए गया एंटीफायर एक्सटेंशन यूनिट ने समय पर कार्य ही नहीं किया, जिससे वगैर सुरक्षा साधनों के वहां मौजूद कर्मचारियों द्वारा ही आग बुझाई गई। हालांकि स्थितियों को देखते हुए दमकल वाहन को भी सूचना दी गई लेकिन वह मौके पर करीब आधे घंटे लेट पहुंची जिसके चलते पहले ही आग को बुझा लिया गया था। ऐसे में अस्पताल की सुरक्षा उपायों पर एक प्रश्न उठा रहा है। वहीं अस्पताल प्रबंधन अपने बचाव के लिए एंटी फायर सिस्टम में कोई खराबी ना होना और इसे एक सामान्य घटना बता रहा है। उनका कहना है कि नई इमारत बनने के बाद ज्यादातर सेवाएं वहां शिफ्ट हो चुकी है, इसलिए कोई खतरा नहीं था, और कोई बड़ी घटना भी घटित नहीं हुई है। वहीं फायर एक्सटेंशन यूनिट के संबंध में उनका कहना था कि यह चालू है चूंकि आग शॉर्ट सर्किट से लगी थी इसलिए उसका उपयोग नहीं किया गया।

भर्ती मरीजों को हुई परेशानी

अस्पताल प्रबंधन भले ही इसे एक छोटी घटना बता रहा हो लेकिन आग लगने के दौरान साथ में बने कमरों में कुछ मरीज भर्ती थे जिन्हें भी इस घटना में काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है।

दरअसल आग लगने और एसी में विस्फोट के चलते इमारत के ऊपरी हिस्से में काफी धुआं भर गया था और चारों तरफ राख भी उड़ती नजर आ रही थी जिसके चलते वहां मौजूद लोगों का सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। इमारत के प्रथम तल पर डायलिसिस यूनिट का होना और घटना के समय 5 मरीजों का भर्ती होना सामने आया है, जो घटना के समय कमरों में ही बंद थे।लेकिन उक्त इमारत में एक कॉरिडोर सहित प्रथम तल से नीचे आने के लिए एक ही सीढ़ी और उसी से लगी लिफ्ट है जिससे यदि आग इस हिस्से में लगती या फैलती तो इमारत में मौजूद लोगों का बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता, ऐसे में इसे गनीमत ही खा जाए की यह घटना कोई दर्दनाक हादसे का रूप नहीं ले सकी।

इनका कहना है

मामला संज्ञान में आया है, जल्द मामले की जांच की जाएगी, साथ ही जिले के अन्य निजी अस्पतालों के हालत भी देखे जायेंगे।

मयंक अग्रवाल,

कलेक्टर दमोह

सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी, हालांकि आग पर काबू पा लिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।

विजय सिंह राजपूत कोतवाली थाना प्रभारी

मामले की सूचना मिलते ही हम यहां पहुंचे है और जांच कर रहे है। अस्पताल का फायर सेफ्टी सिस्टम चालू था।

अंकित भावसार
प्रबंधक, मिशन अस्पताल

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