जिस बस का फर्श टूटा उसके पास थी 2024 तक की फिटनेस


घटना के बाद बस का परमिट किया गया रद्द , बस चालक पर मामला दर्ज

दमोह।जिले के बटियागढ़ थाना क्षेत्र में शुक्रवार को बस का फर्स टूटने के बाद बालक की दर्दनाक मौत के मामले में अब परिवहन विभाग में हडक़ंप की स्थिति बनी हुई है और जिले सहित अन्य जिलों में भी वाहनों की जांच शुरु कर दी गई है। वहीं हैरानी की बात यह है कि जर्जर अवस्था में टूटी फर्स को पटिए से ढकी गई इस बस ने अपना फिटनेश टेस्ट पास किया था और इसकी वैधता भी ७ फरवरी २०२४ बताई जा रही है। हालाकि यह फिटनेश टेस्ट छतरपुर परिवहन विभाग द्वारा जारी किए जाने क बाद संबंधित जिले के परिवहन अधिकारी विक्रम सिंह ने शुक्रवार को ही बस का फिटनेश निरस्त कर दिया था और शनिवार को बस का परमिट भी सागर से रद्द कर दिया गया है। कार्यवाहियों के संबंध में जिला परिवहन अधिकारी जिला दमोह क्षितिज सोनी ने इस संबंध में संबंधित विभागों को अवगत कराया है और आरोपी बस क्रमांक एमपी १२ पी ०२७० को जब्त कर फिलहाल बटियागढ़ थाना में रखा गया है।

वाहन चालक पर मामला हुआ दर्ज
घटना के एक दिन बीत जाने के बाद अभी तक पुलिस ने बस चालक विनोद पर मामला दर्ज कर जांच में लिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस जांच में बस के सभी दस्तावेज पूर्ण पाए गए है जिसके चलते वाहन मालिक को फिलहाल इस मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन पुलिस व परिवहन जांच में जो भी तथ्य सामने आएगें उसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी। हालाकि बटियागढ़ पुलिस के अनुसार उन्हे मामले की सूचना मिलने पर तत्काल मौके पर पहुंचकर कार्यवाही की थी और बस के संबंध में जांच आरटीओ द्वारा की जाएगी। वहीं उनकी जांच में भी बस के फर्स में छेद होना सामने आया है, जिससे बालक का गिरना बताया जा रहा है।
फिटनेस प्रमाणपत्र पर संदेह

वहीं मामले के बाद जो प्रश्र सबसे ज्यादा उठ रहा है कि आखिर इस कंडम हालत में चल रही बस का फिटनेस आखिर कैसे जारी हो गया और बस को फिटनेस सार्टिफिकेट देते हुए किस तरह के मापदंड आखिर परिवहन विभाग द्वारा तय किए गए क्योकि बस का फिटनेस सार्टिफिकेट महज ३ माह पूर्व ८ फरवरी २०२२ को जारी किया गया था, ऐसे में महज तीन माह में बस का इतना कंडम होना की उसका फर्स उखडऩे पर उसे पटिए से छिपाना पड़े संभव नहीं है, ऐसे में यह तय है कि बस फिटनेस के समय भी जर्जर अवस्था में थी जिसे लापरवाही या जानकर दरकिनार कर दिया गया जिसके चलते यह हादसा सामने आया। इस संबंध में छतरपुर परिवहन अधिकारी का भी एक वयान सामने आया है जिसमें उनके द्वारा यह कहा गया है कि इस बस के फिटनेस के लिए आने पर उनके द्वारा कमियां दूर करने के लिए कहा गया था, हालाकि वह कमियां क्या थी और वह किस प्रकार दूर की गई इसकी जानकारी स्पष्ट नहीं है।

१२ वर्ष पुरानी है बस
लापरवाही के चलते सामने आई इस घटना के बाद भले ही परिवहन विभाग ने बस का फिटनेस रद्द कर दिया गया हों, लेकिन सामने आ रही जानकारी में यह बस १२ वर्ष पुरानी हो चुकी थी। ऐसे में इस बस की हालत का अंदाजा स्वयं लगाया जा सकता है। दस्तावेजों के अनुसार यह बस ०७ दिसंबर २०११ में पजीयन की गई थी और इसका पंजीयन ०३ जुलाई २०२७ तक वैध था। वहीं बस के वर्तमान मालिक बताए जा रहे पुस्पेन्द्र सिंह पुत्र हीरा सिंह बुंदेला निवासी वार्ड १४ घनश्यामपुरा जिला दमोह द्वारा इस बस को मई २०२२ में खरीदा गया था और वह बस के तीसरे मालिक के रूप में दर्ज है। ऐसें में यह तय है कि बस काफी पुरानी और कंडम हो चुकी थी।


फर्स के लिए नहीं अलग से नियम
चूकि यह घटना दर्दनाक होने के साथ में अनोखी भी है और इस तरह के मामला भी जिले में पहला ही बताया जा रहा है। ऐसे में फिटनेस प्रमाणपत्र के साथ चल रही बस को लेकर अब फिटनेस से जुड़े मापदंडो पर भी सबाल खड़ें हुए है। दरअसल फिटनेस के लिए तय मापदंडो में फर्स के लिए कोई अलग से मापदंड निर्धारित नहीं है और उसे बस की बॉडी के साथ जोडक़र देखा जाता है। जिसमें बस की बॉडी एलायमेंट, अंदर की कु़र्सियों के नट बोल्ट उनकी हालत और सम्पूर्ण बॉडी की हालत की जांच की जाती है और उसमें कमी देखी जाती है। ऐसे में नियमों के दौरान बस की फर्स इतनी मजबूत है या नहीं यह स्पष्ट नहीं हो पाता और उसकी अलग से जांच भी नहीं की जाती है। संभवत: इसी के चलते यह हालात सामने आए कि बस की बॉडी सहित कुर्सियों की तो जांच कर ली गई लेकिन उसके फर्स की मजबूती को ठीक से नहीं जांचा गया।

परिवहन विभाग ने की कार्यवाही
वहीं घटना के दूसरे दिन जिले में परिवहन विभाग की कार्यवाही देखी गई और परिवहन अमले ने वाहनों की जांच अभियान चलाते हुए १० हजार की चालानी कार्यवाही भी की, जिसमें क्षमता से अधिक सबारियों के साथ पकड़ी गई एक बस पर ६ हजार की चालानी कार्यवाही की गई और अन्य वाहनों पर भी दस्तावेजों की कमी के चलते कार्यवाही की गई। वहीं परिवहन विभाग अब जिले के बस मालिकों के साथ भी बैठक कर आगामी रणनीति तय कर रहा है।
इनका कहना है
चूकि बस छतरपुर परिवहन विभाग में पंजीकृत थी, जिसके चलते छतरपुर सहित सागर को मामले की सूचना दे दी गई थी जिसके बाद बस का परमिट रद्द किया गया है। वहीं हम लगातार वाहनों की जांच के लिए अभियान चला रहे है।
क्षितिज सोनी
परिवहन अधिकारी दमोह

बस को जब्त कर लिया गया था और बस चालक पर मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच उपरांत आगामी कार्यवाही की जाएगी।
पीडी दुबे
प्रभारी, थाना बटियागढ़

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