जिला अस्पताल के मामले में कलेक्टर के जांच के आदेश
दमोह। जिला अस्पताल में इलाजरत एक महिला द्वारा जिला अस्पताल में पदस्थ कर्मचारियों और वरिष्ठ महिला गायनोकॉलिजिस्ट पर ऑपरेशन के नाम पर पैसे मांगे जाने के आरोप लगाए है, हालाकि आरोपों का जिला अस्पताल ने पूरी तरह से खंडन किया है। वहीं मामला कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए है और जांच उपरांत कोई कार्यवाही की बात कही है।

यह पूरा मामला 31 मई का बताया जा रहा है जब जिला अस्पताल में नगर के मांगज वार्ड 4 निवासी सीतारानी पत्नि कलू पटैल पेट दर्द के चलते इलाज के लिए आई थी। जांच उपरांत महिला की बच्चादानी में समस्या पाई गई और ऑपरेशन कर उसे निकाला जाना तय किया गया और ऑपरेशन के लिए जिला अस्पताल की वरिष्ठ महिला गॉयनोकॉलिजिस्ट डॉ श्रृद्धा गंगेले को जिम्मेदारी सौंपी गई। महिला व उसके परिजनों के आरोप है कि ऑपरेशन के लिए आवश्यक तैयारियां करने के बाद उसे ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया और उसे ऑपरेशन के लिए कपड़े भी पहना दिए गए और इसी दौरान ऑपरेशन थियेटर में मौजूद कर्मचारियों द्वारा महिला व उसके परिजनों से ऑपरेशन के लिए एन मौके पर 10 हजार रुपए की मांग की गई और ऐसा ना करने पर उसके ऑपरेशन के लिए मना करते हुए उसे घर जाने के लिए बोल दिया गया। अस्पताल से बाहर निकलने के बाद महिला ने इसकी जानकारी अपने परिवार को दी।

प्रबंधन का दावा ऑपरेशन के लिए नहीं गई महिला
इन गंभीर आरोपों पर जिला अस्पताल प्रबंधन ने भी अपना पक्ष रखते हुए पूरे मामले को गलत बताया है। सिविल सर्जन डॉ राजेश नामदेव ने बताया कि मामला सामने आते ही मेरे द्वारा सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई जिसमें यह स्पष्ट हुआ है कि महिला ऑपरेशन थियेटर में नहीं ले जाई गई है। वहीं सारे मामले पर उनका कहना था कि महिला का ऑपरेशन किया जाना था, लेकिन उस दिन लगातार 7 अलग अलग ऑपरेशन जिला अस्पताल में किए गए थे। ऑपरेशन से जु़ड़़े स्टॉफ की कमी और विशेषज्ञों की थकावट को देखते हुए महिला का ऑपरेशन अगले दिन निर्धारित कियागया था और उसे आराम करने के लिए कहा गया था, लेकिन इसी बीच उसके द्वारा यह आरोप लगा दिए गए।
कलेक्टर ने कहा जांच के बाद होगा मामला स्पष्ट
वहीं मामला कलेक्टर मयंक अग्रवाल के संज्ञान में आने के बाद उनके द्वारा मामले के संंबंध में जानकारी जुटाकर जांच के निर्देश दिए गए है। उनका कहना है कि मामले में जो तथ्य सामने आए है उसमें ऐसी लापरवाही प्रतीत नहीं होती है, लेकिन फिर भी सभी पहलुओं को जांच में देखा जाएगा और यदि इस दौरान कोई भी लापरवाही सामने आती है तो कार्यवाही की जाएगी।