सुसाइड नोट के आधार पर केंद्रीय मंत्री पर भी एफआइआर की मांग

दमोह। राशन दुकान संचालक विक्रम उर्फ बिक्की रोहित मामले में जांच के लिए कांग्रेस द्वारा गठित की गई ४ सदस्यीय टीम सोमवार को दमोह पहुंची और मृतक के परिजनों से मिलकर उनके कथनों को दर्ज किया। जांच टीम में शामिल पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चौधरी बंडा विधायक तरवर सिंह, सागर शहर अध्यक्ष रेखा चौधरी, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व उपाध्यक्ष राकेश राय और रामजी दुबे शामिल थे, लेकिन दमोह पहुंची जांच टीम में रामजी दुबे शामिल नहीं थे , जिसके चलते टीम में शामिल ४ सदस्य ही दमोह पहुंचे। वहीं परिजनों से मिलने व उनसे मामले की जानकारी लेने के बाद जांच टीम ने अपनी बात मीडिया के समक्ष रखी और भाजपा के नेताओं व मौजूदा स्थतियों पर निशाना साधते हुए आरोप भी लगाए।
केंद्रीय मंत्री के वयान को बनाया निशाना
जांच टीम में केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटैल के मामले को लेकर दिए गए वयान को आधार बनाकर उन पर निशाना साधा और उन पर मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग कर डाली। इस दौरान सुरेन्द्र चौधरी ने कहा कि जब केंद्रीय मंत्री को पुलिस जांच पर भरोसा नहीं है तो विपक्ष इस पुलिस पर कैसे भरोसा कर सकती है। इस दौरान तरवर सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने खुद कहा है कि उनका नाम भी सुसाइड नोट में है तो उनका नाम भी एफआईआर में दर्ज होना चाहिए, पुलिस पीछे क्यों हट रही है। वहीं उनके द्वारा इस मामले का उदाहरण लेकर कहा कि सत्ता दल के कारण कानून स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पा रहा है। वहीं मामला सीआईडी को सौंपे जाने पर भी यह आरोप लगाए गए कि मामला सीआईडी को सौंपकर उसे रफा दफा किए जाने के प्रयास किए जा रहे है। वहीं उनके द्वारा सत्ता के दबाव में सुसाइड नोट को दरकिनार किए जाने के बात कहते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग भी की गई।