बाल गृह के कर्मचारी पर नावालिग से यौन शोषण के थे आरोप, शासन ने माना कुप्रबंधन
दमोह। जिले में मिशनरी समूह से जुड़े आधारशिला संस्थान पर शासन की बड़ी कार्यवाही हुई है और आरोपों से घिरे संस्थान के बालगृह की मान्यता निरस्त कर दी गई है। संस्थान पर यह कार्यवाही बाल संरक्षण गृह पर कुप्रधंन सहित संस्था कर्मचारी पर लगे दुराचार के आरोपों की जांच के बाद की है। इस संबंध में उप सचिव मप्र शासन महिला एंवं बाल विकास ने पत्र जारी कर दिया है और मान्यता निरस्त होने के महिला बाल विकास विभाग को यहां रह रहे बच्चों को अन्य स्थानों पर भेजे जाने की कार्यवाही के निर्देश भी दिए है जिसके बाद विभाग ने आधारशिला को इसं संबंध में पत्र भी जारी कर दिया है।यह आरोप आए सामनेदरअसल ११ जून को आधारशिला संस्थान द्वारा संचालित बाल भवन में एक नावालिग जिसे गोद लिया जा चुका था उसे बाल भवन में रहते हुए वहां कार्यरत एक कर्मचारी डेनियल द्वारा यौन शोषण किए जाने की बात सामने आई थी। वहीं मामले को संस्थान द्वारा दबाने के प्रयास में आनन फानन में ३१ मई को एक आवेदन देते हुए पल्ला झाडऩे का भी प्रयास किया था। कार्यवाही प्रस्तावित ना होने और मामला गंभीर होने की स्थिति में राज्य बाल आयोग सदस्य ओंकार सिंह, निवेदिता शर्मा के साथ बाल कल्याण समिति दमोह से एडवोकेट दीपक श्रीवास्तव, मुकेश तिवारी व दीपमाला सैनी की उपस्थिति में संस्थान का निरीक्षण किया गया है। जांच के दौरान संस्थान पर बच्चों के मतांतरण जैसे आरोप भी सामने आए थे, जिसके बाद जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई है।
अधिनियम का माना उंल्लघन
सामने आए आरोपों और जांच पर मध्य प्रदेश शासन द्वारा किशोर न्याय अधिनियम 2015 के निरंतर उल्लंघन करने के कारण आधारशिला अशासकीय बालक गृह दमोह की मान्यता रद्द कर दी गई है। जांच में यह पाया गया है कि स्पेशल चाइल्ड और बालिकाओं को यहां बिना मान्यता के रखा गया था, और बालक व बालिकाएं भी एक साथ रह रही थी। इसके अलावा संस्था के कर्मचारी पर लगे आरोप संस्था के कुप्रबंधन को दर्शाते है। जिसके कारण संस्था के मान्यता का नवीनीकरण नहीं किया गया है। इसके आलावा दत्तक ग्रहण मे गई बालिका के दत्तक परिवार के द्वारा की गई पोक्सो एक्ट में शिकायत है में आरोप संस्था ने शिकायतकर्ता बन कर बचने का भी प्रयास किया। ऐसे में शासन ने यह माना है कि संस्था बालक व बालिकाओं को सुरक्षा व संरक्षा प्रदान करने में असफल रही है जिसके चलते मान्यता का नवीनीकरण ना करते हुए मान्यता को तत्काल प्रभाव से निलंबित की गई है।
स्थानीय कार्यालय से भी जारी आदेश
वहीं शासन के आदेश के बाद महिला एवं बाल विकास जिला कार्यक्रम अधिकारी द्वारा भी इस संबंध में आधारशिला संस्थान प्रबंधन को पत्र जारी करते हुए यहां के बच्चो को अन्य संस्था में स्थानांतरित किए जाने हेतु कार्यवाही बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करने की सुनिश्चित करने के निर्देश दिए है। वहीं संस्था अभी मतांतरण जैसे आरोपों की भी जद में है जिसके संंबंध में भी कार्यवाही प्रस्तावित हो सकती है।
संस्था की मान्यता निरस्त कर दी गई और स्थानीय कार्यालय से भी इस संबंध में पत्र जारी करते हुए संस्था में रह रहे बच्चों को अन्य बाल गृह में स्थानांतरित करने की कार्यवाही भी प्रस्तावित की जा रही है।
संजीव मिश्रा, जिला कार्यक्रम अधिकारी
महिला एवं बाल विकास