अध्यक्ष व महिला सदस्य की अनुपस्थिति से टली बाल गृह के बच्चों को स्थानांतरित किए जाने की कार्यवाही

आधारशिला संस्थान के बाल गृह की मान्यता निरस्त होने के बाद बच्चों को भेजा जाना है दूसरी जगह, वुधवार को बाल कल्याण समिति नहीं कर सकी कोरम पूर्ण

दमोह। जिले में मिशनरी संस्था द्वारा संचालित आधारशिला संस्थान के बाल गृह की मान्यता निरस्त किए जाने के बाद बच्चों को अन्य बाल गृह में स्थानांतरित किए जाने की कार्यवाही लगातार प्रभावित हो रही है। मान्यता निरस्ती के एक माह बीतने के बाद भी हालात यह है कि अभी तक बाल कल्याण समिति बच्चों को स्थानांतरित किए जाने के संबंध में कोई भी निर्णय नहीं कर सकी है और तो और अधिकारी भी अभी बच्चों को कहा भेजा जाएगा यह तय नहीं होने की बात कह रहे है, जिससे कार्यवाही के प्रति गंभीरता समझी जा सकती है। वहीं जिस तरह के हालात सामने आ रहे है उससे अब समिति की कार्यप्रणाली पर भी प्रश्न उठ रहे है और यह माना जा रहा है कि बालगृह पर लंगे गंभीर आरोपों के बाद भी कार्यवाही करने से बचने का प्रयास किया जा रहा है।

कोरम पूर्ण ना होने से नहीं हो सकी कार्यवाही

जानकारी अनुसार संस्था में रह रहे बच्चों को स्थानांतरित किए जाने की प्रक्रिया के लिए संस्था को पत्र जारी किया गया था और उसके लिए वुधवार को कार्यवाही प्रस्तावित की गई थी। वुधवार की दोपहर किल्लाई नाका स्थित बाल कल्याण समिति कार्यालय में आधारशिला संस्था से जुड़े कर्मचारी बच्चों को लेकर पहुंचे तो बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष प्रेक्षा पाठक व महिला सदस्य दीपमाला सेनी अनुपस्थित रहे और समिति की ओर से दो पुरुष सदस्य दीपक तिवारी और मुकेश दुबे ही वहां उपस्थित थे। ऐसे में कोरम पूरा ना होने के चलते कार्यवाही पूर्ण नहीं हो सकी और बाल गृह से आए बच्चों को फिलहाल बापस आधारशिला संस्थान भेज दिया गया है और कार्यवाही अगले दिनों के लिए टाल दी गई है।

एक माह में महज पत्रों पर कार्यवाही

गंभीर आरोपों से घिरी संस्था के बालगृह की मान्यता तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाने संबंधी पत्र शासन स्तर से १४ अगस्त को जारी किया गया था। ऐसे में १३ सितम्बर यानि एक माह तक स्थानीय स्तर पर की जाने बाली कार्यवाही महज पत्रों पर ही सिमटी है। जहां १४ अगस्त को जारी पत्र पर संस्था को विभाग द्वारा पत्र लिखा जाना ६ सितम्बर को सामने आया था, उसके बाद स्थानांतरण की कार्यवाही पर हीला हबाली भी सामने आने लगी है और कार्यवाही को लेकर सबालों के घेरे में चल रहे महिला एवं बाल विकास से जुड़े अधिकारी व बाल कल्याण समिति के सदस्यों के कार्यों पर एक और प्रश्न उठना लाजिमी है। वुधवार को कार्यवाही के दौरान सामने जो हालात सामने आए उन स्थितियों पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानून गो पहले ही सबाल उठा चुके है और उनके द्वारा विभागीय अधिकारियों पर इस मामले में संस्था को सरंक्षण दिए जाने के आरोप भी लगाए गए थे।

पहले भी बने यह हालात

उल्लेखनीय है कि उक्त मामले में जब राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम संस्था की जांच के लिए पहुंची थी उस दौरान भी बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष अनुपस्थित थी और महिला सदस्य बीमारी के चलते कार्यवाही के बीच में बापस लौट गई थी। वुधवार की कार्यवाही में एक बार फिर अध्यक्ष व सदस्य अनुपस्थित रहे थे, जिससे कोरम पूरा नहीं हो सका है। इसके पूर्व जब राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग अध्यक्ष प्रियंक कानून गो द्वारा आधारशिला संस्थान का औचक निरीक्षण किया गया था उस दौरान भी पदाधिकारियों द्वारा संस्था को पूर्व में जानकारी दिए जाने की बात सामने आई थी, जिस पर प्रियंक कानून गो ने कड़ी आपत्ति भी जताई थी।

वरिष्ठ अधिकारी ले सकते है संज्ञान

करीब एक माह से मान्यता खो चुकी संस्था में रह रहे बच्चों को दूसरी जगह भेजा जाना जरूरी है, लेकिन कार्यवाही में हीला हवाली और कोरम अपूर्ण रह जाना नियमों की दृष्टि से उचित नहीं माना जा सकता। हालाकि अब कार्यवाही के लिए अगली तिथि निर्धारित की जा रही है लेकिन आगामी तिथि में भी ऐसे हालात बने तो उस पर वरिष्ठ अधिकारियों को संज्ञान में लेते हुए शासन की मंशा और नियमों के तहत कार्यवाही को दिशा देनी होगी। जानकार बताते है कि यदि लगातार कोरम पूरे ना होने के हालात लगातार बनते है और कोई विसंगतियां सामने आती है तो कलेक्टर द्वारा समिति को भंग किया जा सकता है और अन्य जिले की बाल कल्याण समिति के सदस्यों की मदद से कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा सकता है। स्थितियों को देखकर मामला कलेक्टर द्वारा संज्ञान में लिया गया है और वह आगामी स्थितियों को देखते हुए नियमानुसार कार्यवाही की बात कह रहे है।

समिति द्वारा बैठक व कोरम कभी भी पूर्ण किया जा सकता है तो आगामी दिनों में कार्यवाही की जा सकती है। यदि ऐसा पाया जाता है कि कार्यवाही प्रभावित की जा रही है तो नियमानुसार कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।

मयंक अग्रवाल
कलेक्टर दमोह

आज की प्रस्तावित कार्यवाही बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष व सदस्य की अनुपस्थित के चलते अपूर्ण कोरम की स्थिति में स्थगित की गई है और बच्चों को बापस संस्था के बाल गृह भी भेजा गया है।

शालीन शर्मा
महिला एवं बाल विकास

कार्यवाही के दौरान महज दो सदस्य ही उपस्थित है जो निर्धारित कोरम से कम है, इसलिए नियमों के तहत कार्यवाही किया जाना संभव नहीं है।

दीपक तिवारी,
सदस्य बाल कल्याण समिति

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