दमोह स्टेशन हत्या कांड : संदेही की गिरफ्तारी के बाद सामने आ रही नई कहानी

मारपीट के पीछे मृत मासूम को जीवित करने का अंधविश्वास!

दमोह। रेलवे स्टेशन दमोह में शनिवार को एक मासूम की मौत के बाद हत्या के आरोपों और देर रात आरोपी की गिरफ्तारी के बाद उसके बयानों में एक नई कहानी सामने आ रही है हालांकि यह कहानी कितनी सही है या स्पष्ट नहीं है लेकिन नवजात की पोस्टमार्टम रिपोर्ट परिजनों के बयानों और उसके बाद संदेही के बयानों पर यह तय है कि मामला कहीं ना कहीं अंधविश्वास से भी जुड़ा हुआ है।

संदेही आया पुलिस की गिरफ्त में

मामले के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर संदेही की तलाश शुरू कर दी थी और पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने भी आरोपी की सूचना देने वालों पर इनाम की घोषणा कर दी थी वहीं शनिवार रात करीब 10:00 बजे पुलिस ने छतरपुर जिले के गुलगंज के समीप जीआरपी पुलिस और छतरपुर और दमोह थाना पुलिस ने सयुक्त कार्यवाही कर आरोपी की गिरफ्तारी में सफलता पाई और गिरफ्तारी के बाद उसे कोतवाली थाना क्षेत्र लाया गया आरोपी की पहचान कोतवाली थाना क्षेत्र के जटाशंकर कॉलोनी निवासी कमलेश विश्वकर्मा 40 वर्ष के रूप में हुई है। अंधविश्वास के बाद आरोपी खुद को सिद्धि प्राप्त और मरे को जीवित करने की शक्ति होना बता रहा है और इस घटना को भी उन्ही प्रयासो से जोड़कर बता रहा है।

अंधविश्वास में उलझी आरोपी की कहानी

पुलिस पूछताछ में आरोपी ने जो घटनाक्रम बताया है वह अंधविश्वास में उलझा हुआ नजर आ रहा है आरोपी के कथनों अनुसार उसने बच्चे को जीवित करने थप्पड़ मारे थे। क्योंकि उसे सिद्धियां प्राप्त है इसलिए यदि बच्चे को उसके तीन थप्पड़ लग जाते तो वह जीवित हो जाता, क्योंकि वह पहले ही मृत हो चुका था। आरोपी का कहना यह भी है कि वह कई सालों से देवी मां की आराधना कर रहा है। शनिवार सुबह 3 बजे वह नए दमोह के पास एक देवी मंदिर में पूजन करने गया था। जहां उसे सिद्धि प्राप्त हुई कि वह किसी को भी जीवित कर सकता है। देवी मां के आदेश से वह रेलवे स्टेशन पहुंचा, जहां उसे एक महिला रोते हुए मिली और आसपास काफी लोगों की भीड़ लगी हुई थी। उसने महिला से पूछा तो उसे बताया गया कि उसका बेटा मृत हो चुका है। मैंने उसके बेटे को जीवित करने के लिए दो थप्पड़ मारे, जैसे ही मैं तीसरा थप्पड़ मारने वाला था तभी उसका पिता बीच में आ गया और मैने तीसरा थप्पड़ पिता को मार दिया यदि मेरे तीनों थप्पड़ उस बच्चों को लग जाते है तो वह जीवित हो जाता।

स्कूटी से भागा छतरपुर

आरोपी के अनुसार घटना के बाद वह स्कूटी से छतरपुर के लिए निकल गया था, स्टेशन पर विवाद की स्थिति निर्मित।होने के बाद वह वहां से बाहर आ गया और बागेश्वर धाम जाने के लिए निकला और फिर वह अयोध्या भी जाने बाला था। आरोपी के अनुसार वह पूजा पाठ करता है और दिनाई और पथरी भी निकलता है और वह बीते 15 सालों से साधना करता आ रहा है।

भेजा गया जेल

गिरफ्तारी उपरांत आरोपी को जीआरपी पुलिस के हवाले कर दिया गया है। जहां जीआरपी सागर ने आरोपी से पूछताछ उपरांत उसपर भादवि की धारा 294,323 का मामला दर्ज करते हुए न्यायालय में पेश किया है जहां से उसे जेल भेज दिया गया है। अभी इस मामले में जीआरपी पुलिस को खुलासा करना है। आरोपी भाग गया था। परिजनों का कहना था कि आरोपी ने उनके बेटे की पिटाई कर हत्या की है।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चोट नहीं

उल्लेखनीय है कि शनिवार सुबह दमोह स्टेशन पर दिल्ली से दमोह पहुंचे घोघरा गांव निवासी लेखराम आदिवासी के ढाई माह के बेटे शुभम को आरोपी ने थप्पड़ मारने से मौत की बात सामने आई थी। आरोपी पर मासूम की मां रामसखी और पिता के साथ भी मारपीट के आरोप थे और आरोपी घटना की हो अंजाम देने के बाद वहां से फरार हो गया था। घटना के बाद पुलिस आरोपी की तलाश में जुट गई थी। वहीं पीएम में बच्चे को कोई चोट नहीं निकली और बच्चा अतिकुपोषित निकला था इसके बाद अब बिसरा रिपोर्ट के आधार पर मौत के सही कारणों का पता लगाया जाएगा।

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