24 घंटे में सामने आई मगरमच्छ के हमले की दूसरी घटना

दमोह। जिले में बारिश के मौसम में नदी के किनारो पर जाना जानलेवा साबित हो रहा है और नदी के किनारो पर मगरमच्छ के हमले की घटनाएं लगातार सामने आ रही है। शनिवार सुबह फिर इसी तरह का एक हादसा सामने आया, जिसमें परिवार के लोगों के साथ नदी में नहाने गए एक बालक को मगरमच्छ पानी में खींचकर ले गया। घटना के बाद एसडीआरएस, वन विभाग, होमगार्ड सहित पुलिस की टीम लगातार बालक के रेस्क्यू और उसका पता करने में जुटी हुई है लेकिन कोई भी सफलता देर शाम तक हाथ नहीं लगी है।

प्राप्त जानकारी अनुसार नोट थाना क्षेत्र के ग्राम हटरी निवासी कृष्ण पिता अर्जुन लोधी 9 वर्ष अपने माता पिता व अन्य लोगों के साथ ग्राम से निकली व्यारमा नदी के घाट पर नहाने गया था। इसी दौरान वहां एकाएक आए मगरमच्छ ने उसे दबोचा और खीच कर पानी में ले गया। इस दौरान उपस्थित लोगों ने उसे बचाने का प्रयास किया लेकिन सफल नहीं हो सके।
घंटो की तलाश के बाद भी असफल टीम
घटना के बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गई जिसके बाद मौके पर पुलिस के साथ एसडीआरएफ, वन अमले और होमगार्ड की टीम पहुंची और बालक को तलाश किए जाने के प्रयास शुरू किए। पानी में लकड़ी की नाव के साथ मोटर वोट भी उतारी गई और घंटों तक लोग घटना के शिकार बालक और मगरमच्छ का पता लगाने का प्रयास करते रहे लेकिन सफल नहीं हो सके।
घंटों बाद परिजनों ने खोया धैर्य
टीम द्वारा घंटों प्रयास और बारिश का दौर शुरू हो जाने के चलते रेस्क्यू में सफलता मिलती ना देख परिजनों के सब्र का बांध टूटने लगा और वह सड़क पर आकर अपनी नाराजगी जताने लगे। जाम और विरोध की स्तिथियों को देख पहले नोहटा थाना प्रभारी ने परिजनो से चर्चा की और बाद में एएसपी संदीप मिश्रा और डीएफओ एमएस उईके मौके पर पहुंचे और परिजनों की बात सुनते हुए उन्हें आश्वासन दिया कि टीम अपना कार्य कर रही है और तलाश किया जा रहा है।

खतरनाक हो रहे नदियों के घाट
उल्लेखनीय है कि जिले में लगातार मगरमच्छ के हमले की घटनाएं सामने आने लगी है। एक दिन पूर्व ही हटरी से कुछ किलो मीटर दूर ही ग्राम गूड़ा में ब्यारमा नदी के किनारे एक अधेड़ पर मगरमच्छ ने हमला किया था जिसने मुश्किल से अपनी जान बचाई थी और उसे गंभीर हालत के चलते जबलपुर रैफर किया गया था।और उसके पहले भी एक बालक पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया था और 24 घंटे के अंदर ही मगरमच्छ के हमले की एक और घटना सामने आ गई। दरअसल सतगुरु बंद व अन्य जल परियोजनाओं के चलते जिले की नदियों में लगातार पानी ठहरने लगा है जिसके चलते अब जिले की नदिया मगरमच्छों के लिए अनुकूल होती जा रही है। इन सभी नदियों में वर्तमान में व्यारमा नदी में सबसे ज्यादा मगरमच्छों का बसेरा होने का दावा किया जा रहा है। ऐसे में अब नदियों के किनारो और घाटों पर जाते समय लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की आवश्यकता है।

