फर्जीवाड़ा: सेवाकाल में वृद्धि के बाद देते रहे मनमाना वेतन, शासन को पहुंचाई आर्थिक क्षति

मामले को अब दबाने के प्रयास में लगा विभाग, नियमों की भी हुई अवहेलना

दमोह। जनपद पंचायत दमोह में सेवानिवृत्त संविदा कर्मी की सेवाकाल ने वृद्धि करते हुए उसे शासन की गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए मनमाना वेतन दिए जाने का मामला सामने आया है। हैरानी की बात यह है कि जिम्मेदार अधिकारी मामला सामने आने के बाद नियमों की जानकारी ना होने की बात कहते हुए वरिष्ठ कार्यालय से निर्देश मांगे जाने की बात कहने लगे है,लेकिन हालात स्पष्ट रूप से लापरवाही और मिलीभगत की ओर इशारा कर रहे है। ऐसे में गाइड लाइन के विपरीत जाकर दिए गए वेतन के चलते यह वित्तीय अपराध से जुड़ा मामला भी दिखाई देता है।

यह है मामला

जानकारी अनुसार जनपद पंचायत दमोह में असलम खान नामक व्यक्ति संविदा कर्मचारी के रूप में लेखपाल के पद पर पदस्थ थे। लेखापाल की अधिवार्षिकी आयु 62 वर्ष पूर्ण हो जाने के बाद 31 जनवरी 2024 को यह सेवानिवृत्त हो गए। सेवानिवृत्ति के बाद जनपद की ओर से इनकी सेवा अवधि में वृद्धि करने के लिए जनपद पंचायत दमोह के पत्र क्रमांक 10577/23 दिनांक 14-12-2023 से मुख्य कार्यपालन मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अनुशंसा की गई जहां से पत्र क पं.राल/जि.पं. /2023/2962 दिनांक 04-01-2024 के माध्यम से संभागायुक्त सागर को अनुशंसा की गई। उक्त पत्र के अनुक्रम में संभागायुक्त कार्यालय सागर से 2 फरवरी को पत्र क्रमांक 229/ चार -2/ विजा/ 2024 जारी कर सेवा शर्तों को तय करते हुए लेखापाल रहे असलम खान की सेवा अवधि 1 वर्ष के लिए बढ़ाने के लिए अनुमोदित किया गया।

शर्तों का भी था उल्लेख

संभागायुक्त कार्यालय सागर से जारी पत्र में यह स्पष्ट किया गया कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत दमोह द्वारा असलम खान, लेखापाल जनपद पंचायत दमोह की अधिवार्षिकी आयु पूर्ण होने से श्री खान की संविदा पर नियुक्ति हेतु जनपद पंचायत दमोह की सामान्य प्रशासन समिति का प्रस्ताव दिनांक 27-09-2023 इस कार्यालय में अनुशंसा सहित अग्रेषित किया गया है गया है। उक्त प्रस्ताव के परिप्रेक्ष्य में म०प्र० पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के अन्तर्गत मध्यप्रदेश पंचायत सेवा (भर्ती तथा सेवा की सामान्य शर्त) नियम 1999 के प्रकाश में म०प्र० पंचायती राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 की धारा 70 (1) के अन्तर्गत प्रावधान अनुसार असलम खान को उनकी सेवा निवृत्ति उपरांत दो वर्ष की कालावधि हेतु संविदा के आधार पर नियुक्ति दिये जाने हेतु अनुमोदित किया जाता है। जिसमें संविदा नियुक्ति एक बार में एक वर्ष हेतु दी जावेगी और असलम खान, लेखापाल, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत दमोह के साथ अनुबंध निष्पादित कर उनके संपादित किये गये कार्य को मूल्यांकन के आधार पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत दमोह पुनः एक वर्ष के लिये संविदा वृद्धि कर सकेगे।

वेतन में भूले नियम कायदे

उक्त संविदा नियुक्ति का कार्यकाल बढ़ाए जाने के बाद लेखपाल को नियमों के अनुसार अनुबंध के आधार पर सिर्फ मूल वेतन दिए जाने का नियम है, लेकिन अधिकारियों के चहेते लेखापाल को नियमों के विपरीत मूल वेतन के साथ सभी भत्तों के अनुसार सेवानिवृत्ति के पूर्व का वेतन 79 हजार 114 रुपए ही दिया जा रहा है। जो शासन को आर्थिक क्षति और वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है।जानकारी देने में भी आनाकानीक्या मामला जब सामने आया तो विभागीय अधिकारियों द्वारा मामले को दबाने का प्रयास शुरू कर दिया। इस संबंध में शिकायतकर्ता नीतेश प्यासी द्वारा सूचना के अधिकार के तहत लेखपाल असलम खान की सेवा वृद्धि आदेश एवं आदेश में संलग्न दस्तावेजों की जानकारी मांगे जाने पर लोक सूचना अधिकारी जनपद पंचायत दमोह द्वारा उक्त आवेदन पर जानकारी देने की जिम्मेदारी उसी व्यक्ति को ही दे दी गई जिसके संबंध में यह जानकारी थी। जबकि नियम अनुसार उक्त जानकारी संभागीय कार्यालय में संधारित होनी चाहिए थी।अब कार्यवाही का इंतजारजानकारी सामने आने पर अब अधिकारी मामले से बचने के लिए वरिष्ठ कार्यालय से निर्देश प्राप्त होने का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं लेकिन साथ ही साथ नियमों से ज्यादा वेतन ले चुके लेखपाल की सेवा अवधि में पुनः वृद्धि किए जाने की कार्यवाही भी कर रहे हैं। ऐसे में यदि उनकी सेवा अवधि वृद्धि होती है तो उनका वेतन कितना होगा और पूर्व में शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाकर दी गई अधिक राशि की वसूली कैसे की जाएगी और इसके जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही की जाएगी यह स्पष्ट नहीं है। इस मामले में जनपद पंचायत सीईओ पूनम दुबे से चर्चा किए जाने पर वह वेतन निर्धारण के सम्बन्ध में पत्र लिखकर वरिष्ठ कार्यालय से जानकारी मांगी जाने का हवाला फिलहाल दे रही है।

मामले में अभी मुझे शिकायत प्राप्त नहीं हुई है शिकायत मुझे प्राप्त होते ही नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

सुधीर कोचर
कलेक्टर दमोह

मामला संज्ञान में आया है, मामले की जांच कराई जाएगी जो भी तथ्य निकलकर सामने आते हैं उस पर नियम अनुसार कार्यवाही की जाएगी।

अर्पित वर्मा
सीईओ जिला पंचायत दमोह

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