सूचना पर देर रात हुई कार्यवाही, राज्य बाल आयोग के सदस्यों के समक्ष हुए बयान दर्ज

दमोह। कोतवाली थाना क्षेत्र के क्रिश्चियन कॉलोनी स्थित एक निजी आवास पर बुधवार रात की गई कार्यवाही में घर में 12 नाबालिकों को अवैध रूप से रखे जाना सामने आया है। रात भर चली कार्यवाही के बाद पुलिस ने सभी नाबालिकों को अपनी अभिरक्षा में ले लिया है और आशंका यह भी जताई जा रही है कि मामला धर्मांतरण के कुचक्र से जुड़ा है। गुरुवार को सभी नाबालिकों के राज्य बाल आयोग सदस्य ओंकार सिंह की उपस्तिथि में बाल कल्याण समिति सागर के समक्ष बयान दर्ज कराए गए है। नाबालिकों के बयान और सामने आए तथ्यों और समिति के प्रतिवेदन के आधार पर कोतवाली थाना में मामला दर्ज किया जाएगा।
जानकारी अनुसार सूचना सामने आई थी कि कोतवाली थाना क्षेत्र के क्रिश्चियन कॉलोनी में प्रवीण शुक्ला नामक व्यक्ति अपने निजी आवास पर कई बच्चों को रखे हुए हैं, जहां उन्हें धर्म विशेष की शिक्षा भी दी जा रही है। मामला संज्ञान में आने के बाद राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने भी पत्र के माध्यम से पुलिस को सूचना पर कार्यवाही के लिए कहा जिसपर बुधवार रात अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा कोतवाली थाना प्रभारी आनंद राज सहित टीम और मामले के शिकायतकर्ता उक्त स्थान पर पहुंचे जहां जांच में घर के अंदर 12 बच्चे रहते हुए पाए गए।
पुलिस प्रशासन से छिपाई गई जानकारी
उक्त बच्चों के संबंध में जब जानकारी जुटाई गई तो सामने आया कि सभी बच्चे जिले और प्रदेश के बाहर के है है और इनका असली निवास झाबुआ, छतरपुर सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्र है और वर्तमान में नगर में एक मिशनरी संस्था द्वारा संचालित स्कूल में अध्यनरत हैं। इसके अलावा बच्चे नाबालिक होना, उन्हें अपने घर में रखने वाले प्रवीण शुक्ला नामक व्यक्ति के पास हॉस्टल जैसी कोई अनुमति ना होना, और ना ही उसके द्वारा संबंधित विभागों को ऐसी कोई सूचना दिया जाना सामने आया। स्थितियों को देखते हुए पुलिस ने तत्काल ही महिला बाल विकास के अधिकारियों को सूचित किया जिसके बाद मौके पर महिला बाल विकास के नोडल और महिला सशक्तिकरण अधिकारी संजीव मिश्रा पहुंचे। इसके बाद उनकी उपस्थिति में मामले की कार्यवाही शुरू की गई जो देर रात तक जारी रही।

धर्मांतरण के पहलू पर भी जांच
जहां एक और इस मामले में बच्चों को नियम विरुद्ध तरीके से रखा जाना स्पष्ट हो गया है वहीं दूसरी ओर अब जांच धर्मांतरण जैसे संवेदनशील मुद्दे पर किया जाना है। मामले में संदेही माने जा रहे प्रवीण शुक्ला के अनुसार इन सभी बच्चों के माता पिता ईसाई धर्म अपना चुके है और उनके कहने पर ही वह उन्हें यहां रखे हुए है। दूसरी ओर बच्चों को जिस घर में रखा गया था उसी घर में संदेही कुत्तों को भी खरीदने और बेचने का कार्य करना बताया जा रहा है जिसके चलते उक्त स्थान पर नाबालिगों को रखा जाना भी उनके स्वास्थ्य के विपरीत था। इसके अलावा अभिरक्षा में लिए गए बच्चों को धार्मिक शिक्षा दिया जाना सामने आ रहा है, लेकिन संदेही द्वारा इसका खंडन किया गया है।

जांच के लिए है कई बिंदु
मामले में बच्चों को अपने घर में रखने वाले प्रवीण शुक्ला भी मामले के बाद कई आरोपों के दायरे में आए है। बताया जा रहा है कि बच्चों को घर पर नियमविरुद्ध रखने वाले प्रवीण शुक्ला वर्षों पहले धर्मांतरण कर चुके है ऐसे में बच्चों पर भी धर्मांतरण के दबाव से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा जिस घर में बच्चों को किराए पर रखना बताया जा रहा है उस घर को भी प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत राशि प्राप्त होना सामने आ रहा है। ऐसे में खुद को आवासहीन बताकर शासन से राशि लेना भी अपराध की श्रेणी में होगा जिसकी जांच जरूरी है। वहीं संदेही के निजी वाहन में राष्ट्रीय मानव अधिकार सुधार संगठन लिखा होना पाया गया है ऐसे में जांच इस बिंदु पर भी की जानी है कि कहीं उक्त संगठन के नाम पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग बताकर लोगों को गुमराह तो नहीं किया जा रहा था। संदेही पर कुछ वर्ष पूर्व जिले के एक ग्राम में नियम विरुद्ध तरीके से प्रार्थना सभा कराए जाने और पुलिस द्वारा उसे बंद कराए जाने की भी जानकारी सामने आई है।
प्रतिवेदन पर मामला दर्ज
नगर में हुई कार्यवाही के दौरान जांच प्रतिवेदन पेश किया जाना था जो किन्हीं कारणों से नहीं किया जा सका।जिसके चलते सभी नाबालिगों को बाल कल्याण समिति सागर के समक्ष ले जाया गया है जहां राज्य बाल आयोग के सदस्य सहित बाल कल्याण समिति सागर की अध्यक्ष श्रीमती किरण शर्मा, सदस्य श्रीमती अनीता राजपूत, अनिल रैकवार, सुरेन्द्र कुमार सेन, भागवत शरण बनवारिया की उपस्थिति में बच्चों के बयान दर्ज किया जा रहे हैं और उक्त प्रतिवेदन रिपोर्ट के बाद कोतवाली थाना पुलिस मामला दर्ज करेगी।