बाल कल्याण समिति के प्रतिवेदन पर कोतवाली थाना में दर्ज हुआ मामला, धर्मांतरण के तथ्य भी आए सामने

दमोह। कोतवाली थाना क्षेत्र के क्रिश्चियन कॉलोनी में निजी आवास में नियम विरुद्ध तरीके से रखे गए 12 नाबालिकों के मिलने के बाद शुक्रवार को बाल कल्याण समिति सागर के प्रतिवेदन के आधार पर कोतवाली थाना पुलिस ने मामले में दो आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया है। सामने आए तथ्यों में आरोपियों पर धर्मांतरण में लिप्त होने जैसे आरोपों की पुष्टि हुई है।मामले को लेकर शुक्रवार को राज्य बाल आयोग के सदस्य ओंकार सिंह दमोह में रहे इस दौरान उनके द्वारा मामले से जुड़े तथ्यों की जानकारी लेने के साथ कई स्थानों का औचक निरीक्षण भी किया गया।
बढ़ाए जा सकते है आरोपी
बाल कल्याण समिति के प्रतिवेदन के आधार पर पुलिस ने प्रवीण शुक्ला निवासी क्रिश्चियन कॉलोनी और अनामिका क्रोचर पर मध्यप्रदेश धर्म-स्वातन्त्र्य अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम, एससी एसटी एक्ट सहित भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों को अपनी अभिरक्षा में ले लिया है। पुलिस द्वारा आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और माना जा रहा है कि मामले में कई और लोगों की भी संलिप्तता है। ऐसे में यह संभव है कि पुलिस जांच में मामले में और भी आरोपी जोड़े जा सकते हैं।
नाबालिग भेजे गए बाल गृह
नियम विरुद्ध तरीके से घर में रखे गए सभी 12 नाबालिगों के परिजनों को मामले की सूचना देकर समिति के समक्ष उपस्थित होने के लिए कहा गया है।शुक्रवार तक नाबालिकों के परिजनों के न पहुंचने पर सभी बच्चों को बालगृह सागर में रखा गया है। नगर की मिशनरी संस्था द्वारा संचालित नव जागृति स्कूल में रहकर अध्ययन कर रहे इन बच्चों के दस्तावेजों में कहीं पर भी उनके ईसाई धर्म के होने की पुष्टि नहीं हो रही है जिससे इन आरोपों को और भी बल मिल रहा है की नाबालिकों के धर्मांतरण के प्रयास किए जा रहे थे। पुलिस और जांच टीम को भी आरोपी के घर से धार्मिक साहित्य प्राप्त हुआ है जिनका अध्ययन बच्चों को कराया जा रहा था। इसके अलावा सभी नाबालिक घर से इतनी दूर रहकर अध्ययन क्यों कर रहे थे और इसमें राइट टू एजुकेशन जैसे प्रावधानों का उल्लंघन तो नहीं हुआ है यह भी जांच का विषय है।
आरोपी के धर्मांतरण की पुष्टि
पुष्टि मामले के प्रमुख आरोपी बताए जा रहे प्रवीण शुक्ला द्वारा वर्षों पूर्व ईसाई धर्म अपना लेने की भी पुष्टि हो चुकी है, ऐसे में अब यह भी जांच की जाएगी कि आरोपी द्वारा धर्मांतरण का जाल और कहां कहां फैलाया गया था और इसमें कौन कौन उसका सहयोगी है। वही अपनी पहचान को छिपाते हुए इस तरह के कार्यों में लिप्त होने के चलते हिंदूवादी संगठनों में भी खासा रोष देखा गया और सोशल मीडिया पर आरोपी के धर्मांतरण से जुड़ी तस्वीरें वायरल होती रही।
जांच कर रहे बाल आयोग सदस्य
मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य बाल आयोग की टीम लगातार जांच कर रही है। जहां गुरुवार को राज्यपाल आयोग सदस्य ओंकार सिंह बाल कल्याण समिति सागर के साथ नाबालिकों के बयान दर्ज कराए जाने के समय उपस्थित थे। शुक्रवार को वह अपनी टीम के साथ नगर में रहे और इस दौरान उनके द्वारा मामले से जुड़ी कई अन्य जानकारियां जुटाते हुए उनके द्वारा कुछ छात्रावास का औचक निरीक्षण भी किया गया। उनके द्वारा यह बताया गया की जो तथ्य सामने आए हैं उसमें धर्मांतरण के आरोपी की पुष्टि होती दिख रही है और साथ ही नाबालिकों को जिस तरह से रखा गया था वह भी नियम विरुद्ध है जिस पर कार्यवाही की जाएगी।
मामले के सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है और जांच में धर्मांतरण से भी जुड़े तथ्य भी सामने आए है ऐसे में मामला गंभीर है।
ओंकार सिंह
सदस्य राज्य बाल आयोग