नगरपालिका के विशेष सम्मेलन में बने हंगामे के हालात

बैठक रजिस्टर के लिए हुई छीनाझपटी, भारी पुलिस बल रहा मौजूद

पार्षदों के बाद कर्मचारियों ने भी जताया विरोध, सीएमओ के वाहन के सामने लेट गए विरोध जता रहे कर्मचारी

दमोह। नगर पालिका दमोह में मंगलवार को बुलाया गया परिषद का विशेष सम्मेलन जबरदस्त हंगामें की भेंट चढ़ गया। बैठक में हालात इतने बिगड़े की मौके पर एसडीएम, सीएसपी, तहसीलदार सहित कोतवाली पुलिस का भारी बल तैनात करना पड़ा। इस दौरान भाजपा पार्षदों द्वारा बैठक में मनमानी किए जाने के आरोप लगाते हुए अपना जबरदस्त विरोध जताया जिसके बाद बैठक को स्थगित करना पड़ा। बैठक स्थगित होने के बाद भी बैठक कार्यवाही के रजिस्टर को लेकर भी विवाद की स्थिति पैदा हो गई और इस दौरान भाजपा पार्षद सहित नगरपालिका अध्यक्ष और उनके सहयोगियों के बीच विवाद के साथ छीनाझपटी के भी हालात बन गए।

11 बिंदुओं पर होनी थी बैठक

नगरपालिका का विशेष सम्मेलन में 11 बिंदुओं पर चर्चा और निर्णय का प्रस्ताव था जिसमें नगरपालिका का वित्तीय वर्ष 2025-26 की बजट स्वीकृति, अमृत 2.0 सीवरेज के कियान्वयन हेतु डीपीआर राशि 95 करोड़ के कार्य कराए जाने, प्रधानमंत्री आवास योजना एएचपी घटक, बेलाताल तालाब विकास हेतु विभिन्न कार्यों के लिए शासन से प्राप्त विशेष निधि राशि 1 करोड़ के कार्य कराए जाने, कायाकल्प -2 अंतर्गत विभिन्न सड़कों का डामलीकरण से नवीनीकरण का कार्य कराया जाना, डोर टू डोर कचरा संग्रहण एवं उसके परिवहन, कियान्वयन एवं सेग्रीगेशन का कार्य निजी संस्थान को दिए जाने के संबंध में व्यय राशि 4 करोड़ 82 लाख 62 हजार 489की वार्षिक निविदा आमंत्रण, उच्च न्यायालय में दायर रिट याचिका जिसमें नगर में स्लाटर हाउस बनाए जाने पर चर्चा, अमृत योजना तालाब निविदा कार्य चालू न होने के संबंध में चर्चा, घंटाघर जीर्णोधार कार्य हेतु अनुमानित राशि 50 लाख पर चर्चा, घंटाघर क्षेत्रांतर्गत मार्केट एरिया में महिलाओं हेतु सर्व सुविधा युक्त शौंचालय बनाये जाने जाने हेतु अनुमानित राशि 50 लाख पर चर्चा, नगरीय क्षेत्र में ब्रिज के पास बड़ी देवी के नाम से स्वागत द्वार एवं जबलपुर नाका पर दमयंती द्वार के नाम से दो स्वागत द्वार बनाये जाने में अनुमानित राशि 60 लाख रूपये की स्वीकृति पर विचार। लेकिन इन बिंदुओं के सामने आने के बाद भाजपा के पार्षद बिफर गए और उनके हस्ताक्षर ना करने और हालातो को देखते हुए बैठक स्थगित कर दी गई।

रजिस्टर को लेकर हुई छीना झपटी

बैठक स्थगित होने के बाद कार्यवाही रजिस्टर को लेकर विवाद और भी गहरा गया और हालात यह बने कि उक्त रजिस्टर को लेकर भाजपा पार्षद विजय जैन और नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती मंजू वीरेंद्र राय के सहयोगियों के बीच छीना झपटी के हालात बन गए। भाजपा के पार्षदों में यह आशंका जताई कि बैठक स्थगित किए जाने और अगली बैठक की जानकारी रजिस्टर में दर्ज न करते हुए उक्त जानकारी पत्र के माध्यम से दी जा रही है जिससे आगामी दिनों में गुपचुप तरीके से बैठक आयोजित कर मनमाने तरीके से सभी प्रस्ताव पास कराया जा सकते है और इसके लिए कोरम की भी आवश्यकता नहीं होगी। आरोप यह भी है की नगर पालिका सीएमओ प्रदीप शर्मा और पार्षदों द्वारा मांगे जाने के बाद भी उक्त रजिस्टर नहीं दिया गया और नगर पालिका अध्यक्ष और उनके सहयोगी उक्त रजिस्टर को साथ ले गए और नगरपालिका से जुड़े दो अन्य रजिस्टर को भी वह अपने साथ ही रखती है। बैठक स्थगित होने के बाद जहां एक ओर नगर पालिका अध्यक्ष सहित कांग्रेस के पार्षद मौके से चले गए वहीं भाजपा के पार्षदों ने अपना विरोध जताते हुए उपस्थिति पंजी हो एसडीएम के सामने हस्ताक्षर कर सील कराया।

स्लाटर हाउस का भारी विरोध

दूसरी ओर भाजपा पार्षदों में कविता राय, यशपाल ठाकुर, कपिल सोनी सहित अन्य पार्षदों ने नगर में स्लाटर हाउस से जुड़े मुद्दे पर अपना भरपूर विरोध जताया और किसी भी स्तर पर इसके लिए अनुमति न दिए जाने की बात कही। विरोध जाता रहे पार्षदों का कहना था कि वर्तमान नगर परिषद में कार्य न होने के चलते नगर पिछड़ता जा रहा है और एक वर्ष पश्चात बैठक बुलाए जाने पर उन्हें आशा थी कि सभी पार्षदों के प्रस्ताव को व्यवस्थित ढंग से रखा जाएगा। लेकिन इसकी जगह मनमाने प्रस्ताव बैठक में रख दिए गए जो उन्हें स्वीकार नहीं है। वहीं आरोपों को लेकर नगर पालिका अध्यक्ष मंजू वीरेंद्र राय का कहना था कि बैठक में मुद्दों को लेकर भाजपा पार्षदों द्वारा आम जन में भ्रम फैलाया जा रहा है। रजिस्टर को लेकर उनका कहना था कि उक्त रजिस्टर को पार्षदों को दिए जाने का अधिकार नहीं है और रजिस्टर में दर्ज प्रोसीडिंग वकायदा सभी पार्षदों को दी जाती है। लेकिन इसके बाद भी उनके अधिकारों का हनन कर उनसे रजिस्टर छीना जा रहा था जिसके चलते विरोध के हालात बने।

मामला दर्ज कराए जाने की मांग

बैठक के बाद भी भाजपा और कांग्रेस पार्षदों के बीच तनातनी खत्म नहीं हुई है जिसके चलते भाजपा पार्षद लगातार एसडीएम और नगर पालिका सीएमओ से अध्यक्ष के विरुद्ध मामला दर्ज कराए जाने की मांग करते रहे। दूसरी ओर नगर पालिका अध्यक्ष भी विवाद के बाद अपनी शिकायत लेकर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची थी लेकिन पुलिस अधीक्षक के न होने के चलते वह अपनी शिकायत बाद में पुलिस अधीक्षक को देंगी।

बैठक के बाद कर्मचारियों का विरोध

नगर पालिका की बैठक के दौरान बने हंगामे के हालात शांत होने के बाद जब नगर पालिका सीएमओ कोतवाली थाना प्रभारी आनंद राज के साथ निकल रहे थे तो नगर पालिका के अस्थाई कर्मचारियों ने भी सीएमओ के विरुद्ध अपना मोर्चा खोल लिया। वह सीएमओ को घेर कर नारेबाजी करते हुए उन पर कुछ चुनिंदा लोगों के इशारे पर कार्य करने की आरोप लगाते रहे। इसके साथ ही अपने बकाया वेतन सहित कई अन्य मांगों को लेकर उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहा और जब सीएमओ ने आश्वासन देकर अपने वहां से निकलने लगे तब भी कुछ कर्मचारी उनके शासकीय वाहन के आगे लेट गए और लिखित आश्वासन दिए जाने की मांग करने लगे। इसके बाद सीएमओ द्वारा कर्मचारियों को लिखित में दिए जाने के बाद वह शांत हुए और पुलिस कर्मियों की सुरक्षा के बीच वह नगर पालिका से रवाना हुए।

बैठक में कानून व्यवस्था बनाने के लिए हम नगर पुलिस अधीक्षक के साथ यहां मौजूद थे। लेकिन बैठक फिलहाल स्थगित कर दी गई है।

आरएल बागरी
एसडीएम

पार्षदों के हस्ताक्षर न होने से कोरम पूरा न होने पर बैठक स्थगित कर दी गई। जो भी कार्यवाही विधिवत होती है वह की जाएगी।

प्रदीप शर्मा,
सीएमओ नगर पालिका दमोह

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