गौ हत्यारों ने काट डाला गर्भस्थ जिंदा गाय को, गौ रक्षकों ने जान पर खेलकर पकड़ा दो आरोपियों को

घटना के बाद बने तनाव के हालात ,आक्रोशित हिन्दू समाज ने रखा दमोह बंद

कड़ी कार्यवाही के आश्वाशन के बाद समाप्त हुआ धरना, घटना स्थल के अवैध अतिक्रमण किए ध्वस्त

दमोह। गोवंश तस्करी और गोवंश हत्याओं की घटनाओं को लेकर चर्चित जिले में शुक्रवार तड़के एक गर्भवती गाय को जिंदा काटे जाने का मामला सामने आया। गौ हत्यारों द्वारा एक मकान में गाय को काटा जा रहा था और इसकी सूचना पर मौके पर पहुंचे गौ रक्षकों ने अपनी जान पर खेल कर गाय को बचाने का प्रयास किया। इस दौरान आरोपियों ने गौ रक्षकों पर हमला करते हुए उन पर देसी कट्टे से फायर भी किया और मौके से भागने के का प्रयास करने लगे। इस झड़प के बीच गौ रक्षकों ने तीन आरोपियों को पकड़ लिया लेकिन अन्य आरोपी भागने में कामयाब हुए। मामला सामने आने के बाद हिंदूवादी संगठनों सहित आमजनों में आक्रोश की लहर दौड़ गई और बंद की घोषणा के साथ ही लोग इस घटना पर विरोध जताते हुए सड़कों पर उतर आए। हालातो को देखकर पुलिस प्रशासन ने भी आनन फानन में कार्यवाही करते हुए घटनास्थल के आसपास के अतिक्रमण को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया।

सूचना पर पहुंचे गौ रक्षक

जानकारी अनुसार हिंदूवादी संगठनों और गौ रक्षकों को शुक्रवार तड़के सुबह करीब 4:30 बजे यह सूचना मिली की कुछ लोग एक गाय को काटने के लिए ले जा रहे हैं। इसकी सूचना तत्काल ही पुलिस प्रशासन को दिए जाने के बाद करीब एक दर्जन गौ रक्षक जिसमें अजय खत्री, सत्यम चौरसिया, सनी, आयुष, मोहित राज, अभिषेक, गोलू, रुद्र, अभि,निखिल ठाकुर, श्रवण पाठक, दीपक नेमा, रोहित, लकी, लोकेश, पवन रजक शामिल थे कोतवाली थाना क्षेत्र के सीताबावड़ी क्षेत्र पहुंचे और उनके द्वारा सूचना की पुष्टि की जाने लगे। इस दौरान वहां पर बने एक मकान में उन्हें कुछ हलचल प्रतीत हुई जिसमें बाहर से ताला डाला हुआ था लेकिन दरवाजा का पल्ला खुला हुआ था। गौ रक्षक जब उक्त मकान में पहुंचे तो बाकी हालत देखकर वह सकते में आ गए। यहां पर कुछ लोग एक गाय को काट रहे थे और उनके द्वारा उसकी खाल और पैर को काटा जा चुका था और सारा कमरा खून से भरा हुआ था।

आरोपियों ने कर दिया हमला

गौ रक्षकों को देखते ही आरोपियों ने उन पर एकाएक हमला कर दिया। बताया जा रहा था कि मकान के बाहरी हिस्से में 4 लोग मकान के अंदर 4 लोग उस समय मौजूद थे। वहीं कुछ अन्य लोग मकान के आसपास भी खड़े हुए थे। मकान के अंदर मौजूद आरोपियों ने हथियारों से हमला करते हुए देसी कट्टे से फायर इस दौरान किए और और वह वहां से भागने का प्रयास करने लगे। इस दौरान गौ रक्षक दो आरोपियों को मकान के अंदर पकड़ने में सफल हो गए और एक अन्य आरोपी भाग कर एक दूसरे मकान में छिप गया था, जिसे भी बाद में उनके द्वारा पकड़ लिया गया, लेकिन शेष आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर वहां से भागने में कामयाब हो गए। देसी कट्टे से हुए फायर और झड़प के चलते गौ रक्षक लोकेश, आयुष,पवन और लकी घायल हुए हैं।

हालातों को देख हरकत में आई पुलिस

इस घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस की तत्काल हरकत में आई और मौके पर पुलिस बल पहुंचा। उनके द्वारा हिंदूवादी संगठनों के द्वारा पकड़े गए आरोपियों को हिरासत में लेते हुए मौका स्थल पर पड़े अवशेषों को पशु चिकित्सक के पास चिकित्सीय परीक्षण के लिए ले जाया गया जहां मृत गाय के गर्भवती होने की पुष्टि हुई। घटना के बाद आक्रोशित हुए आमजन तड़के सुबह हुई इस घटना की जानकारी सुबह होते-होते आम जनों को होने लगी और सोशल मीडिया पर घटनास्थल के जो दृश्य सामने आए उससे लोगो में आक्रोश की लहर फैल गई। आक्रोश के दौरान हिंदूवादी संगठनों ने घटना पर रोष जताते हुए बंद का ऐलान कर दिया और साथ ही वह उग्र आंदोलन और विरोध की भी तैयारी करने लगे। बंद की घोषणा होते ही व्यापारियों ने भी अपना समर्थन दिया और सुबह खुल जा रहे प्रतिष्ठान एकाएक फिर बंद होने लगे और प्रदर्शन के लिए घंटाघर पर हिंदूवादी संगठनों के जमावड़े के साथ लोगों की भीड़ भी एकत्रित होना शुरू हो गई। इस दौरान हालातों को संभालने के लिए मौके पर सीएसपी अभिषेक तिवारी,कोतवाली थाना प्रभारी आनंद राज, देहात थाना प्रभारी मनीष कुमार, हटा थाना प्रभारी धर्मेंद्र उपाध्याय, यातायात थाना प्रभारी दलवीर सिंह मार्को, जबलपुर नाका चौकी प्रभारी आनंद अहिरवार और सागर नाका चौकी प्रभारी नीतेश जैन मौजूद रहे।

प्रशासन ने शुरू की कार्यवाही

घटना और लोगों के आक्रोश को देखते हुए जिला प्रशासन भी तेजी से हरकत में आया और सीता बावड़ी क्षेत्र में सुबह होते ही पुलिस प्रशासन और नगर पालिका का अमला पहुंचा और जिस मकान में गाय को काटा गया था उस मकान सहित आसपास अतिक्रमण कर बनाए गए मकानों को ध्वस्त किया जाने लगा। इस दौरान कई ऐसे अतिक्रमण तोड़े गए जिनके माध्यम से असामाजिक तत्व अवैध कार्यों को अंजाम दे रहे थे। कार्यवाही के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप मिश्रा, एसडीएम आरएल बागरी, तहसीलदार मोहित जैन, सीएमओ प्रदीप शर्मा सहित पुलिस, प्रशासन और नगरपालिका का अमला मौजूद रहा। दूसरी ओर पुलिस ने मामले में 5 आरोपियों कल्लू उर्फ शमशेर कुरैशी, रेखा पत्नी शमशेर कुरैशी, शादाब कुरैशी, समीर कुरैशी, नवाजिश कुरैशी पर कोतवाली थाना में बीएनएस की धारा 299,192 सहित गोवंश प्रतिषेध अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है। वहीं गौ रक्षक पवन रजक की शिकायत पर पुलिस ने उक्त आरोपियों पर बीएनएस की धारा 296, 109(1), 3(5) के तहत मामला दर्ज किया है।

प्रदर्शन कर कार्यवाही की मांग

दूसरी और घंटाघर पर बड़ी संख्या में एकत्रित हुए हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ताओं सहित आम जनों ने घटना पर अपना रोष सताते हुए शासन प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी भी की उनके द्वारा यह आरोप लगाए गए की लगातार ऐसी घटनाएं सामने आती है जिनके संबंध में कार्यवाही को लेकर पुलिस प्रशासन को अवगत भी कराया जाता है लेकिन कोई भी कार्यवाही नहीं होती है। इसके बाद उनके द्वारा गौ हत्या का समर्थन करने बाली विचारधारा का पुतला जलाते हुए एक ज्ञापन पुलिस प्रशासन को सौप जिसमें आरोपियों के घरों पर बुलडोजर कार्यवाही करते हुए उन पर रासुका की कार्यवाही किए जाने की मांग की गई।

आरोपों में शासन प्रशासन को घेरा

इस घटना के बाद हिंदूवादी संगठनों ने जो आरोप लगाए हैं उसमें शासन प्रशासन घिरता नजर आ रहा है। हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता नित्या प्यासी ने आरोप लगाए कि शासन प्रशासन को लगातार अवगत कराए जाने के बाद भी जिस तरह की घटनाएं सामने आ रही है उसके चलते हमें बंद और प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने आरोप लगाए की उसे दिन पूर्व भी हमारे द्वारा बड़ी संख्या में गोवंश राजपुरा क्षेत्र से पकड़े गए थे लेकिन आरोपियों पर अभी भी कोई कार्यवाही नहीं हुई। इसके अलावा नगर में कई स्थानों पर गोवंशों के अवशेष मिलने की शिकायतें भी हमारे द्वारा की गई लेकिन कार्यवाही किए जाने के स्थान पर नगर पालिका द्वारा गुपचुप तरीके से स्लॉटर हाउस खोले जाने की कोशिश की गई। इसके अलावा असमाजिक तत्वों के जो भी अतिक्रमण चिन्हित कराए जाते हैं उन पर कार्यवाही ना कर कर प्रशासन चयनित स्थानों पर ही कार्यवाही करता है। पूर्व में उनके द्वारा कई बार कटने जा रही गौ माता को बचाया गया और जिन आरोपियों पर कार्यवाही के लिए नोटिस जारी किए गए थे लेकिन अब नोटिस से जुड़ी फाइलें ही नगर पालिका से गायब हो जाने की बात कही जा रही है। वही हिंदूवादी संगठनों के द्वारा यह स्पष्ट चेतावनी दी गई कि आगामी दिनों में नगर पालिका द्वारा ऐसे अतिक्रमणों को नहीं तोड़ा गया तो अनिश्चितकालीन बंद किया जाएगा और किसी भी अप्रिय स्थिति की जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी। वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लीगल राइट ऑब्जर्वेटरी ने पोस्ट करते हुए नागरिकों ने गोमांस की तस्करी के लिए अवैध रूप से गायों का वध करते हुए गोमांस तस्करों को रंगे हाथों पकड़ने और हमेशा की तरह एसपी दमोह और कलेक्टर दमोह के बाद में जानकारी की बात कहते हुए घटना पर दमोह एसपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए लिखा है।

जनप्रतिनिधियों ने दिया आश्वासन

इस घटना के बाद प्रशासन ही नहीं शासन भी आमजन और हिंदूवादी संगठनों के निशाने पर रहे। घटना के बाद जिले के विधायकों और मंत्रियों समेत राज्य के मंत्रियों ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से घटना को दुखद और घृणित बताते हुए मामले में कड़ी कार्यवाही और ऐसे मामलों पर सख्ती से रोक लगाने का आश्वाशन आमजन को दिया। इस क्रम में पशुपालन मंत्री लखन पटेल, दमोह विधायक जयंत मलैया, विधायक उमादेवी खटीक, सांसद राहुल सिंह लोधी, मंत्री प्रहलाद पटेल शामिल है। सूत्र बताते है कि मामले में जनप्रतिनिधियों समेत पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारियों के बीच चर्चाएं की गई है और जल्द ही बड़ी प्रशासनिक सर्जरी देखने को मिल सकती है।

पुलिस तैनाती के बाद देर रात गश्त

घटना के बाद पुलिस प्रशासन हालातों को संभालने में जुटा है। नगर के विभिन्न स्थानों पर शुक्रवार को पुलिस के विभिन्न थाना प्रभारियों के साथ पुलिस बल की तैनाती रही। वहीं देर रात कोतवाली पुलिस बल कुरैश मंडी समेत नगर भर में लगातार गश्त कर असामाजिक तत्वों को खदेड़ती नजर आ रही है।

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