परिवार के साथ मारपीट कर मोबाइल छीनकर बंद कर दी शिकायत

दमोह। सीएम हेल्पलाइन शिकायतों के निराकरण में जहां एक और जिले का पुलिस महकमा पूरे प्रदेश में प्रथम है वहीं दूसरी ओर शिकायतों के निराकरण पर आम जन ही सवाल खड़े कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जिले के तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र में सामने आया है जहां सीएम हेल्पलाइन में लंबित शिकायत को बंद कराए जाने के लिए पुलिस महकमे पर घर में घुसकर महिलाओं सहित परिवार पर मारपीट के आरोप लगे हैं।आरोप यह भी है कि शिकायत बंद करने के लिए संबंधितों का मोबाइल छीनकर जबरन शिकायत बंद कराई गई। मामले को लेकर पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक को लिखित शिकायत सौंपते हुए उचित कार्यवाही और सुरक्षा की मांग की है। हालांकि इन आरोपों का संबंधित थाना प्रभारी ने पूरी तरह खंडन किया है और स्पष्ट रूप से उचित तरह से कार्यवाही किए जाने की बात कही है।
लिखित शिकायत में लगाए आरोप
मामले में तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र के बगदरी निवासी सविता विश्वकर्मा, कृष्णा विश्वकर्मा और ओमप्रकाश विश्वकर्मा द्वारा दी गई शिकायत में तेंदूखेड़ा थाना प्रभारी विजय अहिरवार सहित उनकी टीम पर आरोप लगाए है। शिकायतकर्ताओं के अनुसार उनके साथ दो माह पूर्व एक विवाद के दौरान हुई एक मारपीट की घटना की रिपोर्ट उचित तरीके से नहीं लिखी गई थी और ना ही पुलिस के द्वारा कोर्ट में चालान प्रस्तुत किया जा रहा था। जिसके चलते उन्होंने सीएम हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत को लेकर 19 मार्च की दोपहर थाना प्रभारी और उनकी टीम उनके घर पहुंची और उनके साथ अभद्रता करते हुए शिकायत वापस लेने का दबाव बनाने लगे। आरोप यह भी हैं कि इस दौरान उनके द्वारा महिला सविता के बाल पकड़े और उसका सर दीवाल में मारा गया,इसके अलावा दूसरे आवेदकों के साथ भी मारपीट की गई है।
मोबाइल छीनकर बंद कराई शिकायत!
बताया गया है की घटना के दौरान पीड़ित परिवार ने घटना का वीडियो भी अपने मोबाइल पर बनाया जिसे पुलिसकर्मियों द्वारा मारपीट के दौरान छीन लिया। उनके द्वारा जिस मोबाइल नंबर से सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराई थी उसे भी आरोपी पुलिसकर्मियों ने अपने हाथ में लेते हुए खुद ही लंबित शिकायत को बंद कर दिया।
दस्तावेज में कमी के चलते चालान में देरी
दूसरी ओर सामने आए इन सभी आरोपों का तेंदूखेड़ा थाना प्रभारी विजय अहिरवार ने पूरी तरह खंडन किया है। उन्होंने बताया की पूर्व में हुई मारपीट की घटना पर आरोप लगाने वाले परिवार की शिकायत पर ही दूसरे पक्ष पर सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया था। मामले में शिकायतकर्ता पक्ष ने अपना इलाज एक निजी अस्पताल में कराया था और उसके बाद वह इलाज के लिए जबलपुर चले गए थे। इन सभी कारणों के चलते चालान प्रस्तुत करने में लगने वाले कई दस्तावेज अभी तक पुलिस को उपलब्ध नहीं हो सके हैं और चालान प्रस्तुत करने में विलंब हो रहा है। उन्होंने यह भी कहा की वह इन सभी बातों को बताने और हेल्पलाइन के निराकरण को लेकर पुलिस टीम शिकायतकर्ता परिवार के घर पहुंची थी, लेकिन इस दौरान कोई भी अभद्रता या मारपीट नहीं की गई है।