फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट द्वारा किया गया मरीजों का इलाज!

मिशन अस्पताल का नया कारनामा,कई मौतों के भी आरोप

आरोपों को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में हुई शिकायत, जांच के निर्देश

दमोह। नगर में मिशनरी संस्था द्वारा संचालित मिशन अस्पताल एक बार फिर गंभीर आरोपों की जद में है। यहां आरोप है कि अस्पताल के कार्डियो विभाग में एक फर्जी चिकित्सक द्वारा भर्ती मरीजों का इलाज किया गया और इस दौरान कई मरीजों की मौत भी हुई है। मामले में राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग में लिखित शिकायत भी दर्ज कराई गई है जिस पर संज्ञान लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने मामले की जांच के भी आदेश दे दिए हैं। पूर्व में इसके चलते कुछ लोगों के द्वारा कलेक्टर और सीएमएचओ को मामले की शिकायत दी गई थी जिस पर जांच जारी है लेकिन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा संज्ञान लिए जाने के बाद अब मामले ने तूल पकड़ लिया है। इसी मामले में सरकार की आयुष्मान योजना का फर्जीवाड़ा भी सामने आ रहा है। हालांकि इन गंभीर आरोपों के संबंध में अभी तक अस्पताल प्रबंधन का कोई पक्ष सामने नहीं आया है।

आरोपी बताए जा रहे डॉक्टर जिनके फर्जी होने का सन्देह है

यह है मामला

मामले में शिकायतकर्ता दीपक पिता जगदीश प्रसाद तिवारी निवासी जबलपुर नाका द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार नगर के मिशन अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में पिछले माह जनवरी 2025 से फरवरी 2025 तक कई लोगों कि मृत्यू कार्डियोलॉजी विभाग मिशन अस्पताल दमोह के आयोग्य व अनाधिकृत डॉक्टर के इलाज से होना पाया गया है। उक्त मिशन अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग में पिछले डेढ़ माह में डॉ. एन.जोन. केम द्वारा इलाज किया गया है। आरोप यह है कि डॉ. एन जोन केम जो कार्डियोलाजिस्ट बनकर अस्पताल में कार्य कर रहा था, उसका वास्तविक नाम नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव है, जो फर्जी नाम से मिशन अस्पताल के कार्डियो विभाग में कार्य कर रहा था और उसके गलत इलाज से ही मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा संबंधित डॉक्टर के पूर्व में भी लगातार विवादों में रहने और किसी भी स्थान पर अधिक समय तक न रहने जैसी बातें सामने आई है।

प्रबंधन को भी रखा कठघरे में

इस मामले में मिशन अस्पताल प्रबंधन से जुड़े लोगों को भी आरोपों के घेरे में रखा गया है। आरोप लगाए गए हैं कि अस्पताल में कार्डियोलाजी विभाग में जितने लोगो कि मृत्यू हुई है, उसकी सूचना भी संबंधित थाने या अस्पताल चौकी को नहीं दी गई है, साथ ही गलत इलाज से मृत व्यक्तियो के परिजनो समझा बुझाकर उनसे मोटी फीस बसूल कर उन्हें बिना पोस्टमार्टम कराये परिजनों को शव के जाने दिया गया। इस पूरे मामले में अस्पताल के प्रबंधक संजीव लेम्बर्ड व विजय लेम्बर्ड तथा दिलीप खरे भी दोषी है।

विदेश से प्रशिक्षित बताया गया डॉक्टर

उक्त समयावधि के दौरान अस्पताल में कार्यरत बताए गए डॉ. एन जॉन केम ने स्वयं को विदेश से शिक्षित और प्रशिक्षित प्रदर्शित किया था, लेकिन शिकायतकर्ताओं के अनुसार उक्त डॉक्टर नरेन्द्र विक्रमादित्य यादव उर्फ डॉ. एन जॉन केम का स्पष्ट रिकॉर्ड नहीं है और उसने यूनाईटेड किंगडम के जानेमाने हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर जॉन केम के नाम का दुरूपयोग किया है। बताया यह भी जा रहा है कि यह जॉन केम सेंट जॉर्ज यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन से हैं और इस नाम के डॉक्टर द्वारा एक समाचार पत्र में उनकी पहचान छिपाए जाने का दावा भी किया गया है।

आयुष्यमान के चलते आए मरीज

बताया जा रहा है कि मिशन अस्पताल प्रबंधन द्वारा कुछ समय पूर्व ही अस्पताल में कार्डियोलॉजी विभाग को शासन की योजना से जोड़ा गया था। इसके चलते बहुत से लोग इस सुविधा के लाभ हेतु मिशन अस्पताल में इलाज कराने आए थे जिनके इलाज के नाम पर आयुष्मान योजना से भी राशि ली गई है। इसके अलावा भी आयुष्मान योजना का सही तरीके से क्रियान्वयन ना होने के आरोप लगाए गए है।

इन बिंदुओं पर आयोग ने लिया संज्ञान

मामले को लेकर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो ने बताया कि उन्हें मध्य प्रदेश के दमोह में संचालित मिशन अस्पताल में हृदय रोग के मरीजों के नकली डॉक्टर के इलाज के चलते उनकी मौत होने की शिकायत और साथ ही इस इलाज के दौरान आयुष्यमान योजना की राशि गलत तरीके से लिए जाने की शिकायत सामने आई है। मामला गंभीर प्रकृति का होने के चलते शिकायत पर जांच के आदेश दिए गए हैं।

मामले में शिकायत प्राप्त हुई थी जिसकी जांच की जा रही है जांच प्रतिवेदन के आधार पर आगामी कार्यवाही की जाएगी।

सुधीर कोचर
कलेक्टर दमोह

मिशन अस्पताल में हुई इस गंभीर अनियमितताओं के संबंध में जानकारी मिलने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है।

दीपक तिवारी
शिकायतकर्ता

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