फर्जी डॉक्टर मामले में जांच के लिए पहुंची राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की टीम

पीड़ितों के बयानों के साथ अस्पताल में की जांच, मामला दर्ज होने के बाद प्रयागराज से आरोपी डॉक्टर को पुलिस ने लिया हिरासत में

दमोह। नगर के मिशन अस्पताल में फर्जी डॉक्टर के इलाज से हुई मौतों के मामले में सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए दमोह पहुंची। जांच टीम ने सबसे पहले सर्किट हाउस में पीड़ित पक्षों को सुनकर उनके बयान दर्ज किए। पहले दिन तीन पीड़ित परिवार के सदस्यों ने अपने बयान जांच टीम के समक्ष दर्ज कराए हैं शेष पीड़ितों के बयान आज मंगलवार को दर्ज कराए जाएंगे। टीम के सर्किट हाउस पहुंचने कर कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर, पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी, सीएमएचओ मुकेश जैन, शिकायतकर्ता अधिवक्ता दीपक तिवारी समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।जांच के चलते पूरे दिन गहमा गहमी का माहौल रहा।

मिशन अस्पताल में देर शाम चलती रही जांच

दोपहर तक जांच टीम ने बयान दर्ज करने के बाद नरसिंहगढ़ स्थित रेस्ट हाउस में भोजन के लिए गई और वहां से लौटकर अन्य पीड़ितों के बयान दर्ज किए। इसके बाद शाम करीब 5 बजे टीम मिशन अस्पताल पहुंची जहां रात 9 बजे तक जांच जारी रही। इस दौरान जांच टीम ने अस्पताल स्टाफ के सदस्यों से एक एक करके पूछताछ की और इस दौरान अस्पताल से संबंधित रिकॉर्ड भी जांचे। जांच टीम के सदस्य करीब 4 घंटे तक अस्पताल का रिकॉर्ड खंगालते हुए स्टाफ के बयानों को दर्ज किया है। हालांकि सारे समय जांच टीम जांच से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा करने से बचते हुए जांच से जुड़ी जानकारियां दिल्ली से जारी होने का हवाला देती रही। इस दौरान सिर्फ कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ही मीडिया से रूबरू हुए जिन्होंने भी आयोग के समक्ष अपनी बात रखे जाने की ही बात कही लेकिन सीएमएचओ मुकेश जैन मीडिया के हर सवाल पर चुप्पी साधे रहे।

आरोपी डॉक्टर आया गिरफ्त में

दूसरी ओर महीनों से जारी इस जांच में टीम के आगमन के एक दिन पूर्व देर रात सीएमएचओ मुकेश जैन ने कोतवाली थाना पहुंचकर जांच प्रतिवेदन के आधार पर कोतवाली पुलिस में मामला दर्ज कराया। प्रतिवेदन रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने आरोपी डॉक्टर डाक्टर नरेन्द्र जान केम पर बीएनएस की धारा में 318 (4),338,336(3)340(2)3 (5) बीएनएस सहित मप्र आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम 1987 की धारा 24 का प्रकरण पंजीबद किया था। आरोपी पर मामला दर्ज होने के बाद उसकी तलाश शुरू कर दी गई थी जिसके बाद सोमवार शाम उसे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से पुलिस ने हिरासत में ले लिया गया है। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर उसे दमोह लाया जा रहा है और आरोपी के पास से इस मामले से जुड़े कई दस्तावेजों को भी जप्त किया गया है जिसे भी जांच में लाया जाएगा।

जांच उपरांत बढ़ेंगे जाएंगे आरोपी

प्रारंभिक जांच में नेरेन्द्र जान केम के द्वारा मध्यप्रदेश मेडीकल काउंसल में बिना पंजीयन के मिशन अस्पताल में एन्जियोग्राफी व एन्जियोप्लास्टी कर धोखाधड़ी करना तथा डाक्टर नरेन्द्र जान केम के मेडीकल दस्तावेज पर रजिस्ट्रेशन प्रदर्शित नहीं होना और उक्त रजिस्ट्रेशन प्रथम दृष्टया संदेहास्पद् प्रतीत होना साथ ही, मप्र मेडीकल काउंसिल में बिना पंजीयन के कोई भी चिकित्सा मध्यप्रदेश में अपनी सेवाएं नहीं देने के नियम होने के बाद भी इलाज में संलग्न होना सामने आया है। इस संबंध मे मिशन अस्पताल द्वारा कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराये गये है, जिसके के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही हेतु पुलिस अधीक्षक दमोह को प्रतिवेदन भेजा गया है। वहीं पुलिस इस मामले में अन्य आरोपी बनाने के लिए सीएमएचओ और मेडिकल कॉलेज की टीम का इंतजार कर रही है इसके बाद अस्पताल प्रबंधन से जुड़े अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया जा सकता है।

डिग्री पर भी प्रश्न

दूसरी और अब इस मामले में आरोपी डॉक्टर की चिकित्सा डिग्री भी फर्जी होना सामने आ रही है। दरअसल राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान। आयोग में आरोपी डॉक्टर एन जोन केम का पंजीयन क्रमांक 15608 बताया गया है, जबकि उक्त पंजीयन क्रमांक से आयोग की वेबसाइट पर सर्च करने में उक्त पंजीयन लाल मनी नामक महिला डॉक्टर का प्रदर्शित हो रहा है। ऐसे में यह आशंका उठ रही है कि सम्बन्धित डॉक्टर की चिकित्सीय डिग्री भी फर्जी है।

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