राजनीतिक उथलपथल- दो साल बाद भाजपा में हुई सिद्धार्थ मलैया की वापसी

उपचुनाव में पार्टी विरोध में कार्य करने के आरोप में हुई थी कार्यवाही

दमोह। विधानसभा चुनाव 2023 की तैयारियों के बीच सियासी दल अपने अपने डेमेज कंट्रोल में भी जुट गए जिसमें भाजपा ने दमोह विधानसभा उपचुनावों में मिली करारी हार के बाद पार्टी से निष्कासित किए गए भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया के पुत्र सिद्धार्थ मलैया सहित 5 मंडल अध्यक्षों मनीष तिवारी, संतोष रोहित, अभिलाष हजारी, अजय सिंह लोधी व देवेन्द्र सिंह राजपूत की फिर पार्टी में वापसी कराई है। इन सभी को गुरूवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,नरोत्तम मिश्रा सहित अन्य नेताओं की उपस्थिति में पार्टी में शामिल किया गया।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव 2018 में प्रदेश के कद्दावर नेता के रूप में पहचान रखने बाले जयंत मलैया को कांग्रेस के राहुल सिंह से हार का सामना करना पड़ा था और उसके बाद राहुल लोधी के कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने से उपचुनाव में राहुल सिंह को ही कांग्रेस के अजय टंडन के सामने रिकॉर्ड मतों से हार का सामना करना पड़ा था। इस हार के बाद जयंत मलैया सहित सिद्धार्थ मलैया व मंडल अध्यक्षों पर पार्टी के विपरीत कार्य करने के आरोप लगे थे और उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता निलंबित करते हुए जयंत मलैया को भी नोटिस जारी किया गया था।

नपा चुनावों में खुलकर हुआ विरोध

वहीं इन आरोपों और कार्यवाही के बाद नपा चुनावों में पार्टी की सदस्यता से हटाए गए सिद्धार्थ मलैया ने भी खुलकर भाजपा के विरुद्ध मोर्चा खोल लिया था और उनके साथ दर्जनों पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपना त्यागपत्र देते हुए टीएमसी यानि टीम सिद्धार्थ मलैया के बैनर तले करीब 31 वार्डों में अपने प्रत्याशी उतारे थे जिसके चलते भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा था और दमोह का अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद भाजपा के हाथों से निकल गया था। वहीं इसके बाद जिला पंचायत व जनपद पंचायत में भी कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी ही विजय हुए थे जिससे जिले के भाजपा कमजोर होती दिख रही थी। ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा में संभावित नुकसान को देखते हुए पार्टी ने यह फैसला लिया है और पार्टी को एक करने की कवायद शुरु कर दी है।

मलैया खेमे में उत्साह

मलैया गुट के निलंबित कार्यकर्ताओं को फिर से पार्टी में लिए जाने के बाद अब संभावना है कि, पार्टी से त्यागपत्र दे चुके मलैया गुट के समर्थक अब फिर भाजपा का दामन थाम लेंगे। दरअसल मलैया समर्थक कई वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने पार्टी में उन्हें उचित सम्मान ना मिलने और दरकिनार किए जाने के आरोप लगाते हुए पार्टी को छोड़ दिया था। लेकिन गुरूवार को निलंबित कार्यकर्ताओं की वापसी के बाद यह कयास लगाए जा रहे है कि जल्द ही पार्टी सिद्धार्थ मलैया सहित अन्य को पार्टी की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी सौंप सकती है जिससे यह खेमा फिर पार्टी के लिए कार्य करने लगेगा।

समर्थकों ने मनाई खुशी

वहीं गुरूवार दोपहर सिद्धार्थ मलैया समर्थकों उनकी वापसी पर खुशी जताई और नगर के घंटाघर पर आतिशवाजी के साथ मिठाई बांटी। समर्थकों का कहना था कि पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं की घर वापसी हो गई है जो भाजपा के लिए फायदेमंद साबित होगा और उन्होने विश्वास जताया कि आगामी समय में सिद्धार्थ मलैया को पार्टी बड़ी जिम्मेदारी देगी जिसमें हम सभी अपना सहयोग देंगे।

बदलेंगे सियासी समीकरण

वहीं मलैया गुट की बापसी के बाद जिले के सियासी समीकरण फिर बदलते हुए दिख रहे है और आगामी विधानसभा चुनाव में नई दावेदारी देखने को मिल सकती है और राहुल सिंह सहित अब जयंत मलैया या सिद्धार्थ मलैया भी विधानसभा में अपनी दावेदारी रखेगें। इसके साथ ही अब पार्टी प्रभारियों को जिले में संतुलन बनाने में भी खासी मेहनत करनी होगी, क्योकि जहां राहुल सिंह के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए कार्यकर्ताओं को उचित स्थान देना होगा, वहीं भाजपा के पुराने व सक्रिय कार्यकर्ताओं के साथ मलैया गुट के कार्यकर्ताओं को भी पार्टी में जगह देनी होगी ताकि आगामी विधानसभा चुनावों में स्थिति भाजपा के अनुकूल रहे।इनका कहना है

पार्टी से हमारी पहचान है और उन्हें हमें वापस पार्टी में लिया है उसके लिए हम पार्टी के आभारी है और जो भी जिम्मेदारी पार्टी देगी वह निभाएगें।

सिद्धार्थ मलैया

प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं की पुन: पार्टी में वापसी कराई है, सभी जिम्मेदारियों और एकजुटता के साथ पार्टी को आगामी चुनावों में जीत दिलाएंगे।

प्रीतम लोधी, भाजपा जिलाध्यक्ष

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