
तेंदूखेड़ा थाना क्षेत्र की घटना, बस में सबार यात्री सुरक्षित
दमोह।
थाना क्षेत्र के पाटन जबलपुर मार्ग पर पंडा बाबा के समीप रविवार रात फिर एक सडक़ हादसा सामने आया जिसमें जबलपुर से इंदौर जा रही बरकोटी कंपनी की एक बस ने भैंसों को पैदल लेकर जा रहे युवक व उसकी भैसों को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद बस भी सडक़ छोड़ निचले हिस्से में उतर गई और क्षतिग्रस्त हो गई। घटना में जहां युवक की मौत हो गई है वहीं भैसों को चोटें आई है। पुलिस द्वारा मामला जांच में लिया गया है। उल्लेखनीय है कि तेंदूखेड़ा के इस मार्ग पर चंद दिनों में यह दूसरा बस हादसा है और इस बार भी बस बरकोटी कंपनी की ही है जिसकी बस ट्रक कंटेनर से टकराकर हादसे का शिकार हुई थी।
बारिश के दौरान हुआ हादसा
प्राप्त जानकारी के अनुसार बरकोटी कंपनी की यात्री बस क्रमांक एमपी 30 पी 259 जो कि तेन्दूखेड़ा से सागर होते हुए इंदौर जा रही थी और इसी दौरान ग्राम अमवाही निवासी नीलेश पिता भाग चंद पाल उम्र 20 वर्ष अपने एक साथी के साथ अपनी भैसों को पाटन से लेकर अपने ग्राम जा रहा था। थाना क्षेत्र के पाटन जबलपुर मार्ग पर पड़ा बाबा के समीप तेज बारिश के कारण सडक़ पर अंधेरा होने के चलते बस चालक को भैसें नहीं दिखाई देने के कारण बस भैसों व नीलेश को टक्कर मारते हुए अंनियंत्रित हो गई और सडक़ किनारे छह फीट गहरे खाई जा बस जा घुसी। घटना में नीलेश को गंभीर घायल होने के चलते इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई, वहीं घायल हुई भैसों का इलाज आचार्य विद्यासागर गौशाला में किया जा रहा है। बस में सबार सभी यात्री सुरक्षित है। घटना की जानकारी लगने पर अतिरिक्तपुलिस अधीक्षक शिव कुमार सिंह सहित तेंदूखेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले की जांच शुरु की है। वहीं पाटन पुलिस द्वारा पंचनामा कार्रवाई कर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया है

एक ही कंपनी, एक ही मार्ग, दो बार हादसा
इस मार्ग पर एक सप्ताह में यह दूसरा सडक़ हादसा सामने आया है और हैरानी की बात यह भी है कि दोनो बस एक ही कंपनी की है और इंदौर से जबलपुर चल रही थी। ऐसे में इस मार्ग पर हो रहे हादसों पर प्रशासन को ध्यान देना आवश्यक है। हालाकि पाटन की हड़ऊ की घटिया में दो वर्ष पहले हुए दर्दनाक हादसे के बाद इस घटिया पर खतरनाक मोड़ और घाट होने के चलते आए दिन हादसे होतें रहते थे लेकिन इसके बाद पाटन और तेन्दूखेड़ा के प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा घटना स्थल पर पहुंच कर जायजा लिया और हड़ऊ की घटिया पर और अंधे मोड़ों पर चार जगह ब्रेकर बनाया गए और सूचना बोर्ड सहित संकेत बोर्ड लगवाए जिसके बाद बीते दो सालों में इस मोड़ और घाट पर एक भी हादसा नहीं हुआ है। लेकिन तेन्दूखेड़ा पाटन सीमा से रहली तक 100 से ज्यादा खतरनाक मोड़ और दुर्घटना संभावित क्षेत्र है जिनमें आए दिन हादसे होते हैं लेकिन प्रशासन द्वारा किसी भी तरह ध्यान नही दिया है सडक़ पर ना ही सूचना बोर्ड लगे हुए हैं और ना ही सकेत बोर्ड है। ऐसे में इस 90 किलीमीटर के रास्तें में प्रशासन को ध्यान देना होगा जिससे ऐसे हादसे रोके जा सके।
