गंगा जमुना स्कूल के छात्रों को शिक्षण सत्र के लिए बनाई गई व्यवस्था

छात्रों के अध्ययन के लिए जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूल किए तय

दमोह। जबरन हिजाव व धर्मांतरण के आरोपों के चलते चर्चा में आए गंगा जमुना स्कूल की मान्यता पर शनिवार को हुई सुनवाई पर उच्च न्यायालय से भी स्कूल को कोई राहत नहीं मिली है और मान्यता को निलंबित रखा गया है। ऐसे में स्कूल में अध्ययरत १२०८ छात्रों के लिए नई व्यवस्था बनाते हुए छात्रों को उनकी कक्षाओं के अनुसार स्कूल तय करते हुए संंबंधित स्कूलों को छात्रों को प्रवेश देने के निर्देश दे दिए गए है। वहीं छात्रों के अभिभावकों को भी यह अपील की गई है कि वह अपने बच्चों को उक्त स्कूलों में प्रवेश दिलाए।

पहली से पाँचवी तक के लिए तीन स्कूल

जारी आदेशों में गंगा जमुना के पहली से पांचवीं तक के अग्रेजी माध्यम के छात्रों के लिए तीन स्कूलों को रखा गया है जिसमें शासकीय शिवाजी प्राथमिक शाला, सरदार पटैल शासकीय एकीकृत माध्यमिक शाला व वीर दुर्गादास राठौर शासकीय हाई स्कूल शामिल है। गंगा जमुना स्कूल के कक्षा पांचवी तक में अध्यनतर छात्र के अभिभावक अपने बच्चों को इन स्कूल में प्रवेश दिला सकते है। वहीं कक्षा छटवीं से आठवीं तक के लिए गुरुगोविंद सिंह शासकीय माध्यमिक शाला व नवमीं से बारहवीं तक के लिए सरदार पटैल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रवेश की व्यवस्था बनाई गई है।

मान्यता निरस्ती की लटकी तलवार

दूसरी ओर गंगा जमुना स्कूल की निलंबित मान्यता को निरस्त किए जाने की स्थिति भी बनी हुई है। दरअसल जहां सामने आए कई गंभीर आरोपों पर मामला दर्ज होने के बाद फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयास कर रही है, वहीं दूसरी ओर मान्यता निलंबन के बाद स्कूल प्रबंधन के द्वारा संतोषजनक जबाब ना दिए जाने पर भी मान्यता निरस्ती के लिए भी चेतावनी दी जा चुकी है। ऐसे में यह माना जा रहा है कि जल्द ही स्कूल की मान्यता निरस्त हो सकती है।

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