बालिका छात्रावास मामला: सुबह 16 बालिकाओं के लापता होने की जानकारी, दोपहर को प्रस्तावित निलंबन व एफआईआर की कार्यवाही

पूर्व व वर्तमान वॉर्डन सहित महिला रसोइया पर कार्यवाही के लिएएसडीएम पथरिया ने सौंपा प्रतिवेदन

नावालिग छात्राओं का वीडियो हुआ था वायरल

दमोह। नावालिग छात्राओं के वीडियो वायरल होने के बाद चर्चा में आए जिले के विकासखंड पथरिया के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में शुक्रवार सुबह को भी नए नए आरोप और घटनाक्रम सामने आते रहे। शुक्रवार सुबह हॉस्टल से 16 बालिकाओं के बघेल जानकारी बाहर चले जाने की बात सामने आई जिसके चलते पुलिस में शिकायत के साथ विभागीय अधिकारियों को भी मौके पर जांच के लिए पहुंचना पड़ा। वहीं बाद में गायब बताई जा रही बालिकाएं तो बापस हॉस्टल पहुंच गई लेकिन लगातार सामने आ रही अव्यवस्थाएं और वायरल वीडियो मामले की जांच उपरांत छात्रावास के पूर्व व वर्तमान वॉर्डन सहित रसोइया पर कार्यवाही प्रस्तावित कर दी गई।

मामले में पथरिया एसडीएम भाव्या त्रिपाठी ने तीन लोगों पर निलंबन सहित दो लोगों पर एफआईआर की कार्यवाही भी प्रस्तावित की गई है। हैरानी की बात यह है कि महिनों से जारी इन आरोप प्रत्यारोपों व घटनाक्रम से डीपीसी फिलहाल अंजान बने हुए है और उन्हे किसी कार्यवाही की भी जानकारी नहीं है।

16 बालिकाओं ने बगैर सूचना छोड़ा हॉस्टल

छात्रावास में फैली अनियमितताओं और आरोप प्रत्यारोप के बीच सुबह छात्रावास की 16 बालिकाओं के बगैर जानकारी गायब होने की शिकायत लेकर छात्रावास की सहायक वॉर्डन गोदावरी तिवारी ने पथरिया थाने में आवेदन दिया और तैनात सुरक्षा गार्ड के अनुसार छात्रावास की रसोईया वर्षा पटैल बगैर जानकारी दिए मंदिर ले जाने की बात कहकर उनके साथ गई है। जिसके बाद थाना प्रभारी रजनी शुक्ला ने वार्डन उषा करकरे से बात की तो पता चला कि वह उनके पति का एक्सीडेंट हो जाने के कारण जिला अस्पताल में हैं लेकिन इस दौरान सामने आया कि यह छात्राएं एसपी कार्यालय में वायरल वीडियों मामले में संलिप्तता के आरोपों को लेकर सहायक वार्डन की शिकायत लेकर गई थी और उनके साथ व उषा करकरे व रसोइया भी साथ थी जो बाद में बापस लौट आई थी। सामने यह भी आया कि बालिकाओं को ले जाने के दौरान किसी भी संबंधित अधिकारी सहित बालिकाओं के अभिभावकों को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। मामले की जानकारी मिलने पर डीपीसी दमोह द्वारा बीआरसी पथरिया को निर्देश दिए जाने पर बीएसी जगदीश पटैल, केशव पटेल, नीलू श्रीवास्तव, राकेश श्रीवास्तव भी बालिका छात्रावास जांच करने पहुंचें। जहां रसोइया द्वारा छात्राओं के अपने मर्जी से जाने और इसकी अनुमति वार्डन से लिए जाने की बात कही।

आरोप प्रत्यारोप के बीच हो गई कार्यवाही

लगतार सामने आ रहे आरोपों और कार्य में लापरवाही सहित वायरल वीडियो की घटना को देखते हुए वार्डन उषा करकरे, पूर्व वार्डन दीप्ति चौबे, व रसोइया वर्षा पटैल को निलंबन करने के साथ साथ एफआईआर के निर्देश भी दे दिए गए। एसडीएम के प्रतिवेदन और कलेक्टर के निर्देश उपरांत पुलिस ने भी मामले में एफआईआर की कार्यवाही शुरु कर दी है। वहीं सहायक वार्डन पर फिलहाल कोई भी कार्यवाही प्रस्तावित नहीं की गई है।

प्रभार बदलने के बाद शुरू हुआ विवाद

दरअसल यह पूरा मामला 4 फरवरी 2023 को उषा करकरे के लिए वार्डन प्रभारी का कार्यभार सौंपने के बाद शुरु हुआ जब यह आरोप सामने आए कि कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात भी पूर्व वार्डन द्वारा महतवपूर्ण अभिलेख पंजियां उन्हें नहीं सौंपी गई। इसके चलते 4 जून को वार्डन द्वारा कलेक्टर सहित अन्य अधिकारियों को की गई जिसके बाद पूर्व वार्डन को नोटिस के माध्यम से समस्त महत्वपूर्ण पंजियां वार्डन को सौंपने की हिदायत दी गई। इसके बाद एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों का जो दौर शुरु हुआ उसमें सहायक वार्डन पर छात्राओं का नहाने की हालत हालत में वीडियो बनाकर वायरल करने का आरोप, सहायक वार्डन पर जातिगत भेदभाव और छुआछूत के आरोप सहित पूर्व वार्डन द्वारा शाला प्रबंधन सहमति के लगभग 40 रुपए राशि का का आहरण सहित कई वित्तीय अनियमितताओं के भी आरोप सामने आए। इन आरोपों को संज्ञान में लेकर कलेक्टर द्वारा जांच के लिए आदेश पर पथरिया एसडीएम द्वारा जांच शुरु कर दी गई थी और इसी बीच गुरुवार को बालिका छात्रावास में रहने बाली बालिकाओं के अभिभावकों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर एक ज्ञापन सौंपते हुए वर्तमान वार्डन पर आरोप लगाते हुए बालिका छात्रावास में पुरुष वर्ग का रुकना, वार्डन के पति छात्रावास में ही रहने और छात्राओं को बुरी नजर से देखने सहित वार्डन की लापरवाही से बालिकाओं को छात्रावास परिसर में खुले आसमान के नीचे नहाने के लिए मजबूर किए जाने और वीडियो बनाए जाने जैसे बिंदुओ की जांच व कार्यवाही की मांग कर दी।

डीपीसी को जानकारी ही नहीं

जहां एक ओर गुरुवार के ज्ञापन में डीपीसी पीके रैकवार पर भी मामले की सूचना ना दिए जाने के आरोप लगे थे, और उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क करने पर उनके द्वारा फोन भी नहीं उठाया गया था। वहीं शुक्रवार को सामने आए इस घटनाक्रम पर भी वह खुद को अंजान बता रहे है। मामले में उनका कहना था कि मामला क्या है? कौन जांच कर रहा है? और क्या कार्यवाही हुई?इसकी जानकारी उन्हें नहीं है और उनके पास कोई आवेदन भी नहीं आया है।

इन बिंदुओ पर प्रस्तावित हुई कार्यवाही

बताया जा रहा है कि उक्त मामले में सामने आए आरोपों और शिकायतों की जांच अभी भी जारी है लेकिन जांच प्रतिवेदन में जो बिंदु तय किए गए उसमें लापरवाहियों और अनियमिताओं के चलते तीन को निलंबित व वायरल वीडियो मामले में दो पर एफआईआर प्रस्तावित हुई है।

बालिका छात्रावास में सामने आई लापरवाहियों को देखते हुए निलंबन व आपराधिक कृत्य को देखते हुए दो पर एफआईआर के निर्देश दिए गए है।

भव्या त्रिपाठी,एसडीएम पथरिया

मामले में एफआइआर के लिए संबंधित थाना और आरोपों की जांच के लिए डीईओ को भी निर्देश दे दिए गए है। आगे जो तथ्य सामने आएगें उसके अनुसार भी कार्यवाही की जाएगी।

मयंक अग्रवाल कलेक्टर दमोह

प्रतिवेदन उपरांत मामले में एफआईआर दर्ज करने करने की कार्यवाही की गई है।

राकेश कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक दमोह

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