हिंदूवादी संगठनों ने कार्यवाही की मांग को लेकर पुलिस अधीक्षक को सौंपा ज्ञापन

दमोह। नगर की मिशनरी संंस्था आधारशिला संस्थान पर एक बाद फिर विवादों में घिर गई है। इस बार संस्था पर आरोप है कि यहां नावालिग बच्चों को जबरजस्ती रखा जा रहा है और साथ ही साथ उन्हे जबरन चर्च भी ले जाया जा रहा है। यह आरोप दरअसल इस संस्थान के छात्रावास में रह रहे दो नावालिग के हवाले से सामने आए है जो जबरन रखे जाने के चलते करीब २ सप्ताह पूर्व वहां से भाग गए थे और इस दौरान वह हिंदूवादी संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी लगी जिनके द्वारा उन्हें चाइल्ड लाइन के सुपुर्द किया गया था। वही इस घटना के संज्ञान में आने के बाद भी कोई कार्यवाही ना होने के चलते संगठन से जुड़े लोग आक्रोशित हो गए और सोमवार को उनके द्वारा संगठन के विरोध में नारेबाजी करते हुए अपना ज्ञापन सौंपा
यह है मामला
पुलिस अधीक्षक को सौपें गए ज्ञापन में उल्लेखित है कि ८ अगस्त २३ को सिविल वार्ड स्थित शिव पार्वती मंदिर के समीप दो नावालिग घूम रहे थे। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी को वह बच्चे मिले औेर जब उनके द्वारा उनसे जानकारी ली गई तो नावालिगों ने खुद को अनूपपुर और शहडोल का निवासी बताते हुए कहा कि उनके मातापिता ने उन्हें जबरजस्ती बालभवन मारूताल में रखा है जहां उनका मन नहीं लगता है जिसके चलते वह वहां से भाग आए है। वहीं उनके द्वारा यह भी आरोप लगाए गए कि उन्हें आधारशिला संस्थान बालभवन में उन्हे बंद करके रखा जाता है और जबरजस्ती चर्च ले जाते है। इन आरोपों व मामला नावालिगों से जुड़ा होने के चलते मामले की सूचना तत्काल पुलिस को दी गई साथ ही इसकी सूचना बाल कल्याण समिति के सदस्य मुकेश दुबे को भी दी गई जिन्होने चाइल्ड लाइन दमोह को सूचना दिए जाने पर चाइल्ड लाइन दमोह और पुलिस उन्हें अपने साथ ले गई।

अब की जा रही कार्यवाही की मांग
इस घटना के करीब 2 सप्ताह बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही सामने नहीं आई, जिसके बाद अब संगठन के कार्यकर्ताओं ने इस मामले को अवैध छात्रावास सहित, प्रताडऩा, धर्मांतरण से जोड़ते हुए प्रबंधन व बॉर्डन की लापरवाही माना है। इसके चलते उनके द्वारा यह मांग की जा रही है कि मामले में जल्द से जल्द कार्यवाही करते हुए संस्थान प्रबंधन समेत स्कूल प्राचार्य व छात्रावास के वार्डन पर मामला दर्ज करते हुए गिरफ्तारी की मांग की है।

लगातार विवादों में चल रहा प्रबंधन
आधारशिला संस्थान पर इस तरह के आरोप पहली बार नहीं लगे है और इस तरह के आरोपों के चलते लगातार संस्थान चर्चा में है। संस्थान के हॉस्टल वार्डन पर एक नावालिग के शोषण के आरोपों के चलते 11 जून को राज्य बाल संरक्षण आयोग की टीम में संस्थान का निरीक्षण किया था। इस दौरान संस्थान में कई खामियां भी सामने आई थी जिसके चलते संस्थान ने उक्त हॉस्टल को ना सिर्फ छात्रो के रहने के लिए असुरक्षित माना था बल्कि जल्द ही उन बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट कराए जाने के संबंध में चर्चा भी शुरु हो गई थी। इसके अलावा इन्ही से जुड़े एक निजी अस्पताल में एसी ब्लास्ट होने के बाद आग लग गई थी और इस दौरान भी यहां सुरक्षा इंतजामों की गंभीर खामियां सामने आई थी। इन हालातों के चलते कलेक्टर द्वारा तत्कालीन सीएमएचओ को जांच के निर्देश भी दिए गए थे जो फिलहाल ठंडे बस्ते में है। ऐसे में अब एक नए आरोप के बाद शासन प्रशासन क्या जांच और कार्यवाही करेगा यह देखना होगा और संस्थान इस पर क्या पक्ष रखेगा यह भी फिलहाल स्पष्ट नहीं है।

मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी तथ्य सामने आते है उसके अनुसार कार्यवाही की जाएगी। वहीं पूर्व के जो भी मामले है उसके संबंध में भी जानकारी लेते हुए जो विधिसंगत कार्यवाही है वह की जाएगी।
संदीप मिश्रा
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दमोह