कृमि नाशक दवा खाने से बिगड़ी बच्चों की हालत, ट्रेक्टर से गए अस्पताल

२२ बच्चों को कराया गया स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती, बच्चों की हालत स्थिर, राष्ट्रीय कृमि नाशक दिवस पर हुआ था वितरण

दमोह। जिले के कुम्हारी थाना क्षेत्र के शासकीय स्कूल में कृमि नाशक दिवस के चलते मंगलवार को बच्चों के खिलाई गई कृमि नाशक दवा खिलाए जाने पर उनकी तबियत बिगडऩी शुरु हो गई। बच्चों को उल्टी, पेट दर्द और चक्कर आने जैसी स्थितियों को देखकर तत्काल ही उन्हें स्वास्थ्य केंद्र कुम्हारी ले जाया गया गया, जहां उनकी हालत स्थिर है। वहीं मामले में कई लापरवाहियां भी सामने आई है जिसमें मौके पर एम्बूलेंस ना होने के चलते उन्हें ट्रेक्टर से लेकर अस्पताल ले जाया गया।प्राप्त जानकारी अनुसार कुम्हारी संकुल के एकीकृत विधालय कुलुआ में मंगलवार दोपहर स्वास्थ्य विभाग द्वारा कक्षा पहली से आठवीं तक के बच्चों को कृमिनाशक दवा एलबंडाजोल खिलाई गई। यह दवा स्कूल में आशा कार्यकर्ता व सुपरवाइजर द्वारा दिए जाने की बात कही जा रही है और दवा खाने के कुछ देर बाद बच्चों की हालत बिगड़ी और वह स्कूल परिसर में ही उल्टियां करते हुए पेट दर्द व चक्कर आने की शिकायत करने लगे। एक एक करके बच्चों की बढ़ती संख्या देख स्कूली शिक्षक सहित ग्रामीणों ने तत्काल उन्हें इलाज के लिए स्वास्थ्य केंद्र कुम्हारी ले जाया गया जहां उनका इलाज श़ुरु किया गया।

२२ बच्चें बीमार

बताया जा रहा है कि दवा के सेवन के बाद करीब २२ बच्चों की तबियत खराब हुई है जिनकी उम्र ८ से १२ वर्ष के बीच है। सबकों इलाज उपरांत देर रात उनके घर भेज दिया गया। वहीं स्वास्थ्य प्रबंधन इस मामले की जांच कर रहा है। दूसरी ओर इस मामले में स्वास्थ्य सेवाओं की पोल भी एक बार फिर खोल दी। जहां एक ओर मौके पर कोई भी एम्बूलेंस जैसी सेवा उपलब्ध ना होने के चलते सभी बच्चों को ग्रामीण ट्रैक्टर की मदद से अस्पताल ले गए वहीं दूसरी ओर अस्पताल में आए बच्चों के इलाज के लिए वहां कोई डॉक्टर मौजूद ही नहीं था। इन हालातों के चलते पटेरा से एक चिकित्सक डॉ बसंत वहां पहुंचे जिनके द्वारा बच्चों का इलाज किया गया। बच्चों की हालत दवा के किस रिएक्शन के कारण बिगड़ी यह फिलहाल स्पष्ट नहीं है, जिसकी जांच की जा रही है। इसके अलावा दवा अन्य बच्चों को भी वितरित की गई थी और सभी की हालात नहीं बिगड़ी है, ऐसे में यह जांच का विषय है कि बीमार हुए बच्चों में ही दवा का विपरीत प्रभाव क्यों हुआ। इस घटना में मौके पर १०८ वाहन ना पहुंचने और कुम्हारी स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर ना होने के की स्थिति से ग्रामीण नाराज दिखे और उनके द्वारा इसका विरोध भी जताया गया।

वहीं इन स्थितियों के संबंध में जब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से चर्चा कराना चाहा तो उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।

इनका कहना है

दवा सेवन के बाद बच्चों की हालत बिगड़ी थी, जिन्हें इलाज दिया गया है और बच्चों की हालत अब ठीक है।

डॉ बसंत ,मेडिकल ऑफिसर

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पटेरा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *