जबेरा विधानसभा में बागी उम्मीदवारों के बीच फसा गठबंधन का पेंच, फिलहाल दोनो ने जमा किए नामांकन

भाजपा के जिला उपाध्यक्ष गोगंपा से तो महिला कांग्रेस अध्यक्ष बसपा से मैदान में

दमोह। विधानसभा चुनावों में टिकिट ना मिलने से नाराज पदाधिकारियों का एक पार्टी को छोडक़र दूसरी पार्टी में जाने का सिलसिला जारी है और ज्यादातर लोग ऐसी पार्टियों का दामन थाम रहे है जिससे उनकी उम्मीदवारी पक्की हो। लेकिन जिले की विधानसभा ५६ जबेरा में दो प्रमुख सियासी दलों से बागी होकर दूसरी पार्टी के से उम्मीदवारी कर रहे दो उम्मीदवारों के बीच अब गठबंधन का पेंच फस गया है। ऐसे में जहां गठबंधन के पूर्व ही एक पार्टी की उम्मीदवार दूसरे उम्मीदवार पर भ्रमित करने का आरोप लगा रही है, वहीं दूसरी पार्टी का उम्मीदवार इसकी जानकारी ना होने की बात कह रहे है।दअरसल अपने सियासी महत्वकांक्षाओं के चलते भाजपा के जिला उपाध्यक्ष विनोद राय ने पार्टी से इस्तिफा देकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का दामन थाम लिया है और खुद को पार्टी का घोषित उम्मीदवार बताते हुए शक्ति प्रदर्शन के साथ नामांकन भी दाखिल कर लिया है। इनके नामांकन के दौरान इनके साथ इतनी बड़ी संख्या में भीड़ उमड़ी कि स्थितियों को देखते हुए इन पर दमोह और नोहटा थाने में आचार संहिता व धारा 144 के उल्लंघन मानते हुए मामला भी दर्ज कर लिया था। चूकि विनोद राय की पत्नि जिला पंचायत उपाध्यक्ष और बेटी सरपंच होने के चलते इनकी क्षेत्र में काफी गहरी पकड़ है इसलिए गोंगपा के चुनाव चिन्हे से जबेरा में इनकी स्थिति मजबूत मानी जा रही थी और मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार बनने लगे थे। लेकिन इसी बीच एक और सियासी दल की बागी नेता मैदान में आ गई जो गठबंधन के नियमों का हवाला देते हुए खुद को तय उम्मीदवार बता रही है।

कांग्रेस से बगाबत कर आई रजनी ठाकुर

दरअसल महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य के रूप में जबेरा विधानसभा से उम्मीदवारी कर रही रजनी ठाकुर भी बागी होकर इसी दौरान मैदान में आ गई और सोमवार को उनके द्वारा बसपा पार्टी की सदस्यता की बात कहते हुए पार्टी की अधिकृत उम्मीदवार बताते हुए फॉर्म जमा कर दिया। ऐसे में प्रदेश में बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के गठबंधन के चलते जबेरा सीट से कौन उम्मीदवार होगा इसको लेकर स्थिति दिलचस्प हो गई है। चूकि दोनो नेता पार्टी के बड़े पद छोडक़र दूसरी पार्टियों में आए है और अपनी अपनी संभावनाओं को प्रबल मान रहे है तो इनके बीच किसे यह गठबंधन अपना उम्मीदवार बनाएगा यह देखना होगा।

नामांकन में ही शुरु हो गई वयानबाजी

दो सियासी दलों के बीच गठबंधन की शर्तो और नैतिकता की दुहाई भले ही उम्मीदवार दे रहे हों, लेकिन नामांकन में ही वयानबाजी इनके बीच शुरु हो गई है। जहां रजनी ठाकुर ने नामांकन के दौरान यह भी कहने से परहेज नहीं किया कि विनोद राय क्षेत्र की जनता भोली भाली होने के चलते उन्हें भ्रमित कर रहे है और उन्हें गोंगपा का आरी निशान नहीं मिल सकता और वह बसपा के हाथी निशान से चुनाव लड़ रही है। वहीं दूसरी ओर विनोद राय अभी तक रजनी ठाकुर के चुनावी मैदान में होने की जानकारी से अनभिज्ञता जताते हुए खुद को अभी भी गोगंपा प्रत्याशी ही बता रहे है। अब प्रत्याशी कौन होगा यह तो गठबंधन के जिम्मेदार तय करेंगे लेकिन नामांकन में जिले की चारों विधानसभा से बसपा के प्रत्याशी मैदान में है और गोंगपा से महज जबेरा से प्रत्याशी बताया जा रहा है।

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