लोकायुक्त कार्यवाही में 10 हजार की रिश्वत के साथ धरे के आरईएस के बाबू

डेम निर्माण के बिल भुगतान के एवज में मांगी थी 1 प्रतिशत रिश्वत

दमोह। जिले में लोकायुक्त कार्यवाही की जद में एक ओर शासकीय कर्मचारी आया है और गुरुवार को लोकायुक्त सागर की टीम ने कार्यवाही करते हुए नगर के जबलपुर नाका स्थित आरईएस कार्यालय के बाबू को 10 हजार की रिश्वत के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि बाबू के द्वारा शिकायतकर्ता से उसके डेम निर्माण के बिल भुगतान के एमबी बुक में दर्ज बिल बनाने के एवज में स्वीकृत राशि के 1 प्रतिशत राशि रिश्वत के रूप में मांगी जा रही थी जिसके बाद लोकायुक्त शिकायत में यह कार्यवाही की गई।

यह है मामला

जानकारी अनुसार नगर के ठेकेदारी से जुड़े प्रमोद तिवारी निवासी इंदिरा कालोनी ने ग्रामीण यात्रिकी सेवा विभाग से 24 लाख की लागत से एक स्टॉप डेम हिनौती रामगढ़ में स्वीकृत कराया था। आरोप है कि उक्त राशि के बिल के भुगतान के लिए विभाग में कार्यरत सहायक ग्रेड 3बाबू अंकित पुत्र दयाराम सैनी 35 वर्ष द्वारा कुल राशि के भुगतान के लिए १ प्रतिशत राशि यानि 24 हजार रूपए की मांग की जा रही थी, लगातार मांग और बिल लटकाए जाने के बाद ठेकेदार ने लोकायुक्त सागर की टीम को रिश्वत मांगे जाने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत की पुष्टी उपरांत लोकायुक्त ने जाल बिछाया और गुरुवार को बाबू को रिश्वत की रकम के साथ पकड़ा है।

अधिकारी के केबिन में ली रिश्वत

बताया जा रहा है कि लोकायुक्त कार्यवाही के दौरान गुरुवार दोपहर रिश्वत की राशि में से १० हजार रूपए की किस्त के रूप में दी जानी थी। जब शिकायतकर्ता बाबू को रिश्वत की देने के लिए कार्यालय पहुंचा तो बाबू द्वारा कार्यालय के अधीक्षण यंत्री के केबिन में जाकर यह रिश्वत ली गई। रिश्वत लेने के बाद लोकायुक्त ने कार्यवाही करते हुए बाबू को पकड़ा और उसके पास से रिश्वत में दिए गए नोट जब्त करते हुए उससे कैमिकल में हाथ डाले तो वह लाल हो गए। लोकायुक्त कार्यवाही में लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक योगेश्वर शर्मा के मार्गदर्शन में लोकायुक्त निरीक्षक रोशनी जैन, एएसआई मंजू सिंह, प्रधान आरक्षक अजय छेत्री, महेश हजारी, आरक्षक विक्रम हजारी, राघवेन्द्र, सुरेंद्र प्रताप, आशुतोष व्यास शामिल रहे।

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