छात्राओं के नाम पर आसामाजिक तत्वों ने दिया धरना, मामला दर्ज

कर्मचारियों से अभद्रता के भी आरोप
दमोह। कोतवाली थाना क्षेत्र में सोमवार को उत्तरपुस्तिकाओं की जांच की मांग के दौरान हुए धरना प्रदर्शन का एक नया पहलु निकलकर सामने आया है। आरोप है कि इस प्रदर्शन में छात्राओं के विरोध के दौरान कुछ असामाजिक तत्वों ने धरना और चक्का जाम की स्थिति पैदा की थी और धारा 144 का जानबूझकर उल्लंघन किया था। मामले में कोतवाली थाना पुलिस को शिकायत प्राप्त होने के बाद उसके द्वारा एक नामजद सहित अन्य 7 लोगों पर मामला दर्ज कर जांच शुुरू की है।
कर्मचारियों के साथ अभद्रता के भी आरोप
प्राप्त जानकारी अनुसार सोमवार को छात्राओं द्वारा दिए गए रहे ज्ञापन के दौरान दीपेन्द्र लोधी निवासी दतला ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर कलेक्ट्रेट के मु य द्वार से लेकर महाराणा प्रताप की मूर्ति तक धरना जमाकर नारेबाजी शुरु कर दी, जिससे आनेजाने बालों को परेशानी का सामना करना पड़ा। वहीं इस दौरान यह विरोध प्रदर्शन कर रहे लोग कलेक्ट्रेट परिसर के अंदर प्रवेश करने लगे, जिसके चलते जब मौजूद कर्मचारियों ने उन्हें रोका तो उनके द्वारा कर्मचारियों के साथ अभद्रता करते हुए जबरन प्रवेश किया गया और साथ ही साथ कलेक्ट्रेट भवन के मुय द्वार पर जाकर भी नारेबाजी और प्रदर्शन किया गया। इस घटना की जानकारी जब मौजूद कर्मचारियों ने अधिकारियों को दी तो उनके द्वारा शिकायत किए जाने के निर्देश दिए गए। इन्ही निर्देशों पर तहसील में पदस्थ पटवारी शिवशंकर पुत्र घनश्याम पटैल ने कोतवाली थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु की है।
छात्राओं के प्रदर्शन में शामिल हुए युवक
बताया जा रहा है कि खराब परीक्षा परिणाम के चलते केएन कॉलेज की छात्राएं अपना विरोध जता रही थी और उनके द्वारा ही उत्तरपुस्तिकाओं की पुन: जांच की मांग की जा रही थी। ऐसे में छात्राओं द्वारा किए जा रहे ज्ञापन या प्रदर्शन में युवक क्यों शामिल हुए और उनके द्वारा एक ज्ञापन को धरना व चक्काजाम का रूप क्यों दिया गया, यह जांच का विषय है। उल्लेखनीय है कि कलेक्ट्रेट परिसर में आए दिन हो रहे प्रदर्शन व नारेबाजी के चलते कलेक्टर मयंक अग्रवाल द्वारा धारा 144 का उपयोग करते हुए कलेक्ट्रेट परिसर व उसकी 100 मीटर के क्षेत्र में किसी भी प्रकार के प्रदर्शन और नारेबाजी पर रोक लगाई गई थी। इन आदेशों के जारी होते ही छात्राओं द्वारा दिए जा रहे ज्ञापन को प्रदर्शन का रूप देना जांच का विषय है।



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