केजीएस फैक्ट्री पर सेंट्रल जीएसटी टीम ने मारा छापा

मौके पर नहीं मिला कंपनी प्रबंधन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति, फैक्ट्री को किया सीज

दमोह। जिले में कई फैक्ट्रियां ऐसी संचालित हो रही है, जो मनमाने ढंग से कार्य करते हुए शासन को दिए जाने वाले टैक्स में हेराफेरी कर रही है। इसी तरह का मामला जिले के नोहटा थाना क्षेत्र से सामने आया है जहां पिछले करीब ४ वर्षों से गुटखा व पान मसाला सहित बीड़ी निर्माण से जुड़ी कंपनी केजीएस पर जीएसटी चोरी के संदेह में गुरूवार रात को सेंट्रल जीएसटी जबलपुर की टीम ने छापामार कार्यवाही की। हैरानी की बात यह है कि कार्यवाही के दौरान कंपनी प्रबंधन से जुड़ा कोई भी व्यक्ति जांच टीम के सामने नहीं आया जिसके चलते जांच हेतु आई १० सदस्यीय टीम द्वारा रात भर अपने स्तर पर कार्यवाही करते हुए सुबह दस्तावेजों को जब्त करते हुए फैक्ट्री को सीज कर दिया है।

पंजीकरण राजस्थान में

कार्यवाही के संबंध में जीएसटी टीम में शामिल सदस्यों ने बताया कि नोहटा सहित नोएडा में पिछले कुछ वर्षों से राजस्थान की केजीएस यानि सोमेन गोस्वामी सुप्रिडेंट सेंट्रल जीएसटी कंपनी संचालित है जो यहां पर केजीएच के नाम पर तीन फर्मों में बीड़ी, गुटखा, सिगरेट पान मसाला बनाने का उद्योग चल रहा था।

सामने आया कि इनके द्वारा यह व्यापार जीएसटी चोरी करके चलाया जा रहा था जिसकी शिकायत १८ मई को जबलपुर सेंट्रल टीम जीएसटी से की गई थी जिसके बाद गुरुवार की रात्रि करीब 8 बजे टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए तीनों कंपनियों के दस्तावेज जप्त किए गए।

लाखों का हेरफेर

वहीं कार्यवाही के दौरान जो दस्तावेज और फैक्ट्री में माल टीम को मिला है उसके अनुसार लाखों की जीएसटी चोरी कंपनी द्वारा किया जाना सामने आ रहा है। चूकि कंपनी से जुड़ा कोई भी अधिकृत व्यक्ति कार्यवाही के दौरान सामने नहीं आया है, और ना ही उनके द्वारा टीम से संपर्क किया गया है। इसके चलते संपूर्ण कंपनी को सील करके दस्तावेजों को जप्त करते हुए कार्रवाई की गई है वहीं यदि आवश्यक्ता होगी तो टीम पुन: यहां कार्यवाही व जांच की बात कह रही है।

जिले में संचालित ऐसी कई कंपनिया

नोहटा में सामने आई इस कार्यवाही से आमजनमानस भी हैरान है कि आखिर किसी भी जानकारी के बगैर जिले में इस तरह के उद्योग कैसे चल रहे है। वहीं जिले में इस तरह के कई उद्योग ऐसे है जो बगैर लोगों की जानकारी के इस तरह से उत्पादन में लगे हुए है। गुपचुप तरीके से संचालित इन फैक्ट्रियों को उत्पाद शासन की जानकारी में नहीं होता और उनके द्वारा इससे जीएसटी की चोरी लगातार की जाती है। जहां शिकायत प्राप्त होने के बाद एक फैक्ट्री कार्यवाही की जद में आई है, वहीं जांच की जाए तो जिले में ऐसी दर्जनों फैक्ट्रियां सामने आएगीं।

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