प्रवासी पक्षियों की सुंदरता अपने कैमरे में कैद करने पहुंच रहे वाइल्ड लाइफ लवर
दमोह।फुटेरा तालाब संरक्षण समिति के प्रयासों से तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने के बाद फुटेरा तालाब में अब कई वर्षो बाद प्रवासी पक्षियों ने अपना घर बना लिया है। ऐसे में इन प्रवासी पक्षियों की मनमोहक तस्वीरे वाइल्ड लाइफ लवर डॉ प्रकाश राय ने साझा की है जो आमजन को लुभा रही है।
विलुप्त प्रजाति का भी डेरा
जानकारों की माने तो यहां कई प्रवासी और विलुप्त प्रजाति के पक्षियों को अपने कमरे में कैद करने का अवसर है। यहां नॉब-बिल्ड डक, बत्तख की एक प्रजाति है , इसे हिन्दी में नकटा भी कहा जाता है । यह बत्तख, उप-सहारा अफ़्रीका, मेडागास्कर द्वीप, दक्षिण एशिया और मुख्य भूमि इंडोचीन में पाई जाती है. यह बत्तख की सबसे बड़ी प्रजातियों में से एक है । इसकी लंबाई 56 से 76 सेंटीमीटर, पंखों का फैलाव 116 से 145 सेंटीमीटर, और वज़न 1.03 से 2.9 किलोग्राम तक हो सकता है वयस्कों का सिर काले धब्बों से युक्त सफ़ेद होता है इसके शरीर का ऊपरी भाग काले रंग और पंखों का रंग बैंगनी व नीला होता है । इस बत्तख कि चोंच पर उभार के चलते इसे नोब बिल नाम मिला है। इसके अलावा वाइल्ड लाइफ लवर ने एक बहुत रेअर शिकारी पक्षी स्केपी ईगल का बच्चा मिला, जिसकी उम्र लगभग एक वर्ष बताई गई, और ये जानकारी भी मिली कि ये पक्षी बहुत ही कम दिखने में आता है, इस क्षेत्र में पहली बार उन्होंने इस पक्षी को स्पॉट किया है, इसे हनी बज़र्ड भी कहते हैं, यह मध्यम आकार का शिकारी पक्षी होता है इसे ओरिएंटल, एशियाई या पूर्वी शहद बज़र्ड के नाम से भी जाना जाता है । इसका नाम इसके आहार से लिया गया है, जिसमें मुख्य रूप से शहद के छत्ते से निकाले गए मधुमक्खियों और ततैया के लार्वा शामिल होते हैं ।
इसके अलावा ब्रोंजड़ विंगड जकाना, फीसेंट टेल्ड जकाना, ऐसि क्राउनड स्पैरो लार्क, जैसे सुंदर पक्षियों का यहां होना सामने आया है। तालाब जलीय जीवों और पक्षियों से संपन्न है। उल्लेखनीय है कि इस विरासत को संजोने संरक्षित करने के लिए उन्होंने फुटेरा तालाब संरक्षण समिति के सदस्यों के प्रयासों के बाद आज तलाब प्रवासी पक्षियों और जलीय जीवों के लिए अनुकूल हो रहा है।ऐसे में अगर प्रशासन इस तालाब को संरक्षित करने आवश्यक कदम उठाता है, तो प्रवासी पक्षियों के फोटो शूट के लिए ये एक अच्छा स्पॉट हो सकता है और बड़े आयोजन भी पर्यावरण के लिए किए जा सकते हैं।