पोड़ी जलाशय मामले में जल संसाधन विभाग के दो अधिकारियों पर निलंबन की गाज


केंद्रीय मंत्री ने ग्रामों का दौरा कर पीड़ित ग्राम वासियों से की चर्चा



दमोह।तेंदूखेड़ा के पौड़ी जलाशय की दीवार टूटने और जल सैलाव से हुए नुकसार के बाद मामले में कार्यवाहियां भी शुरु हो गई है। संभागायुक्त डॉ वीरेन्द्र सिंह रावत ने मामले में पदीय दायित्वों के निर्वहन में घोर लापरवाही बरतने के आरोप में जल संसाधन विभाग दमोह के अनुविभागीय अधिकारी एलके द्विवेदी और उपयंत्री डीके असाटी को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। उनके द्वारा यह कार्यवाही कलेक्टर दमोह के प्रस्ताव पर की गई है।

आशंका के बाबजूद बरती लापरवाही
कलेक्टर के प्रस्ताव में यह पाया गया है कि अनुविभागीय अधिकारी और उपयंत्री द्वारा पौड़ी जैतगढ़ जलाशय के फूटने की अशंका के बावजूद भी जलाशय में समुचित देखरेख एवं जलाशय के बचाव के लिए पूर्व से कोई उपाय नही किया गया और उनका यह कृत्य पदीय दायित्वों के निर्वहन में की गई घोर लापरवाही का द्योतक व सिविल सेवा आचरण नियम का उल्लघंन है, जिसके चलते उक्त कार्यवाही की गई है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय कलेक्टर जिला दमोह नियत किया गया हैं।


जांच हेतु तीन सदस्यीय दल गठित
इसके साथ ही प्रशासन नरे जलाशय के क्षतिगस्त होने के संबंध में जाँच हेतु तीन सदस्यीय जांच दल गठित किया है। जांच टीम में अधीक्षण यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, अधीक्षण यंत्री लोक निर्माण और अधीक्षण यंत्री जल संसाधन विभाग शामिल है। यह जांच टीम दिवस में जांच कर अपना प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगा और जांच बिंदुओ में जलाशय के भराव एवं अनुरक्षण के संबंध में निर्धारित मैन्युअल का पालन किया गया है अथवा नही। दूसरा बांध के तकनीकी परिकल्पन एवं निर्माण की गुणवत्ता सिविल एवं यांत्रिकी मानक के अनुरूप है अथवा नहीं के साथ अन्य तकनीकी कारणों की भी जांच करेगा।

रिवाइज एस्टीमेंट के नाम पर दो साल से अटका कार्य


जानकारी सामने आई है कि जेतगढ़-चंदना मार्ग पर स्थित पौड़ी जलाशय की मरम्मत के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने 2020 में प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा लेकिन स्वीकृति मिलने के बाद रिवाइज एस्टीमेट मांग लिया, जो एस्टीमेट यहां से बनाकर भेजा लेकिन विभाग के उप संभाग कार्यालय में फाइल अटककर रह गई। इसके बाद से अधिकारियों ने गंभीरता नहीं दिखाई। पिछले दो साल से तालाब की मरम्मत को लेकर कोई पत्र व्यवहार नहीं किया। विभाग के अधिकारियों ने अंतिम बार 28 लाख रुपए की राशि का एस्टीमेंट मरम्मत के लिए ईएनसी कार्यालय भेजा। मंजूरी भी मिल गई लेकिन बाद में खामी बताकर वर्ष 2021 में फाइल वापस लौटा दी। इसके बाद दोबारा फाइल आगे नहीं बढ़ पाई, अब जलाशय फूटा तो विभाग के अधिकारी सक्रिय हुए और भोपाल से मामले से जुड़े दस्तावेज बुलवाए।

केंद्रीय मंत्री पहुंचे पीडि़त ग्रामीणों के बीच


घटना के दूसरे दिन लोकसभा दमोह सांसद व केंद्रीय राज्य मंत्री प्रहलाद पटैल पीडि़त ग्रामीणों के बीच पहुंचे और ग्रामीणों से चर्चा करते हुए उन्हें जल्द मुआवजे का आश्वासन दिया। इस दौरान उन्होने कहा कि बड़े पैमाने पर जिन परिवारों के घरेलू और खेती का नुकसान हुआ है, उसमें सरकार सर्वे करा रही है और मैं विश्वास करता हूं कि हमारी कोशिश होगी कि हम उनको ऐसी राशि उपलब्ध कराएं ताकि वह परिवार संभल सके। तत्कालिक राहत के लिए विपदाग्रस्त परिवारों को जो कुछ और लगेगा उसकी व्यवस्था की जा रही है और करती रहेगी, और ग्राम चंदना का भ्रमण कर प्रभावित परिवारों के घरों का जायजा लिया और परिजनों से चर्चा की। वहीं उन्होने कहा कि अगली बरसात के पहले इसका क्लोजर हो जाए क्योंकि यदि तालाब में पानी नहीं भरा तो आसपास के गांवों का जीवन दूभर हो जाएगा। इसलिए मैं जिम्मेदारी से कहूंगा कि सरकार इस बात को जरूर प्राथमिकता से ले और इसमें जो भी दोषी होंगे उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस अवसर पर विधायक जबेरा धर्मेन्द्र सिंह लोधी, पूर्व मंत्री दशरथ सिंह लोधी, सीईओ जिला पंचायत अर्पित वर्मा, एसडीएम अविनाश रावत, सांसद प्रतिनिधि रूपेश सेन, डॉ आलोक गोस्वामी, तहसीलदार मोनिका बाघमारे, सीईओ जनपद पंचायत मनीष बागरीख् सीएमएचओ डॉ सरोजनी जेम्स बेक, कार्यपालन यंत्री जलसंसाधन शुभम अग्रवाल सहित अन्य लोगों की मौजूदगी है।

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